कोशी बिहार टुडे, सहरसा
त्याग, बलिदान एव आपसीभाइचारे का पर्व बकरीद सोमवार को हर्षोल्लास से धुम धाम से मनाया गया। भटौनी,तरियामा,पहाडपुर,हुसैनचैक,चकमका,खोजचक,सिटानाबाद, लक्ष्यमिनिया,फनसाहा,हरेवा,मियाचक,असरफचक,समस्तीपुर,मोहनपुर,अंधरी सहित अन्य ईदगाह मे बकरीद की नेमाज अदा किया गया। ईदगाहों मे ,सडीपीओ मृदुला कुमारी सहित कई पुलिस कर्मी मोजूद थे। इस अवसर पर अनुमंडल मुख्यालय डियोढ़ी के इमाम हजरत मौलाना ने बख्तियारपुरी ने नेमाजियो को संबोधित करते हु, कहा कि यह पर्व त्याग, बलिदान और इंसानियत का पैगाम देता है।उन्होने कहा कि अल्लाह के हुक्म पर सबसे प्यारी और जान से भी ज्यादा अजीज चिज को कुर्बान कर देने की नियत और तकवा अल्लाह को पसंद है।कहा बुराइ का त्याग और अल्लाह के बताये मार्ग पर चल कर इंसानियत को जींदा रखने के लिये अपनी जान की कुर्बानी देनी पडे तो हर वन्दे को इसके लिये तैयार रहना चाहिये। नमाज के बाद आपसी भाइचारा,सभो की तरक्की ,वं मुल्क मे अमन चैन की दुआ मांगी।
हज की समाप्ति पर मनाया जाता है बकरीद
इस्लाम धर्म मे मनु’य के पांच कर्तव्यो मे पांचवे स्थान रहे हज की सारी प्रक्रिया भली भांति संपन्न हो जाने की ख़ुशी मे बकरीद का त्योहार मनाया जाता है।इसके साथ ही हज मुकम्मल हो जाता है।इस्लाम मे त्याग और बलिदान की बहुत महत्व है। ऐसी मान्यता है कि अल्लाह की राह मे खर्च करो यहा खर्च का मतलब भलाइ और नेकी के काम से है।अगर संपन्न हो तो कुर्बानी दो।बकरीद मे गरीब और दुखी लोग का खास ख्याल रखा जाता है।
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