गुरुवार, 12 सितंबर 2019

खुद के श्राद्ध कर्म के बीच लौटा शख्स, मच गया हड़कंप


बिहार के मुजफ्फरपुर का मामला
कोशी बिहार टुडे, सहरसा

मुजफ्फरपुर जिले के मुशहरी थाना क्षेत्र के बुधनगरा गांव में उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक शख्स का श्राद्धकर्म का कार्यक्रम चल रहा था । इस श्राद्धकर्म में युवक सकुशल सामने आ गया। मृतक को सामने देखते ही लोग चौंक गए। बात पूरे गांव में आग की तरह फैल गई।
अपने ही अंतिम संस्कार पर घर लौटा युवक--
बिहार के मुजफ्फरपुर में एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है।किसी व्यक्ति की मृत्यु हो चुकी हो। उसका अंतिम संस्कार हो चुका हो, और वह अचानक सामने आ जाए। यह जानकर आपके होश उड़ जाएंगे, लेकिन एक ऐसा ही मामला बिहार के मुजफ्फरपुर जिले से सामने आया है।
क्या था मामला---
दरअसल बीते 25 अगस्त को मुजफ्फरपुर के मुशहरी थाना क्षेत्र के बुधनगरा गांव का रहने वाला 49 वर्षीय संजीव कुमार लापता हो गया था। संजीव के पिता रिटायर्ड सैनिक रामसेवक ठाकुर द्वारा मुशहरी थाना में एक मामला 6 सितंबर को दर्ज कराया गया था। जिसमें उन्होंने बताया था कि संजीव मंदबुद्धि है और पिछले कई दिनों से लापता है।

इस घटना के बाद सिकंदरपुर ओपी इलाके के अखाड़ा घाट पुल के नजदीक गंडक नदी के किनारे लगे एक अधेड़ व्यक्ति का अज्ञात शव मिला था। जिसे पुलिस द्वारा कागजी प्रक्रिया पूरी कर पोस्टमार्टम के लिए एसकेसीएमच भेज दिया गया।

जब संजीव के परिजनों को ऐसी सूचना मिली कि कोई अधेड़ का शव मिला है पहचान नहीं हुई है। उसको एसकेएमसीएच में भेजा गया है। उक्त सूचना पर लापता संजीव के पिता अपने रिश्तेदारों के साथ एसकेसीएमच पहुंचे और उक्त अज्ञात शव को अपना बेटे का शव बताकर ले लिया।

रीतिरिवाजों के अनुसार उक्त अज्ञात शव का दाह संस्कार कर दिया। वहीं लापता संजीव उस वक्त घर आ पहुंचा जब उसका ही श्राद्धकर्म चल रहा था।इस पूरे घटनाक्रम में सबसे अहम सवाल यह है कि आखिर संजीव के घर वालों ने उस शव की पहचान कैसे कर डाली। जिस शव का अंतिम संस्कार किया गया वह किनका शव था।
पूछे जाने पर गायब हुए अधेड़ (संजीव) के पिता रामसेवक ठाकुर ने कहा कि बहुत खोजबीन के बाद पता चला कि जिले के सिकन्दरपुर ओपी क्षेत्र में नदी किनारे एक शव मिला जिसे पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए एसकेसीएमच भेज दिया है। हमने जब अस्पताल जाकर देखा तो अज्ञात शव को देखने के बाद वह हमारे बेटे जैसा ही लगा। हमने कागजी कार्रवाई करने के बाद शव ले लिया और दाह संस्कार कर दिया।इस दौरान हमारा बेटा ही सामने आ गया। बेटे को श्राद्धकर्म के दिन सकुशल पहुचने पर परिवार में ख़ुशी का माहौल था।

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