शनिवार, 25 जनवरी 2020

सहरसा जिले के सलखुआ प्रखंड के एक गांव में अब नही होगा मृत्यु भोज, गांव वाले ने लिया संकल्प


बेटी की शादी में भी नही होगा किसी तरह का भोज का आयोजन
कोशी बिहार टुडे, सहरसा

मृत्यु उपरांत भोज हर लोगो के लिये एक कष्टदायी है। वावजूद ये कुप्रथा आज भी कायम है। लेकिन अब लोगो मे जागरूकता आ रहा है, जिन कारण कही कही से इस भोज का अब बहिष्कार भी होने लगा है। इस तरह सिमरी बख्तियारपुर अनुमण्डल के सलखुआ प्रखंड के गौसपुर गांव में लोगो ने मृत्यु भोज नही करने का निर्णय लिया। सिर्फ अंतिम दिन रिस्तेदारो के साथ शांति-भोज होगा।
सलखुआ प्रखंड के हरेवा पंचायत अंतर्गत गोसपुर गांव में स्थानीय ठाकुरबारी प्रांगण में गांव के बुद्धिजीवी एवं बुजुर्गों की एक बैठक कर सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया की बेटी के शादी उपरांत भोज एवं मृत्यु भोज का बहिष्कार किया जाए।   इस तरह की कुरीतियों को सख्ती से गांव में लागू किया जाए। हरेवा पंचायत के मुखिया रमन कुमार उर्फ बब्बू यादव ने कहा इस प्रकार के कुरीतियों से समाज को परहेज करना चाहिए। समाजसेवी नारायण यादव ने मृत्यु भोज एवं बेटी के शादी पर होने वाले भोज के कुप्रभाव से आम जनों को अवगत कराया उन्होंने कहा उपरोक्त दोनों में असमयिक एवं दुखदाई होता है।

 इसलिए इसका बहिष्कार किया जाना उचित है। समाजसेवी वयोवृद्ध महावीर मंडल ने कहा इस कुरीति को सख्ती से पालन  किया जाना चाहिए और उन्होंने मृत्यु भोज एवं बेटी के शादी उपरांत भोज में भाग नहीं लेने को कठोरता से पालन करने का निर्णय लिया। बैठाक में समाजसेवी नवल कुमार, शिक्षक सुशील डे, शिक्षक अनिल कुमार, कुमार यादव, चंदेश्वरी यादव रामस्वारथ यादव, रामप्रवेश यादव, दिनामणि कुमार, मेही यादव, महेंद्र यादव,संजय यादव, राजेंद्र यादव,वद्री यादव, सतीश भगत,उपेंद्र पासवान आदि उपस्थित थे।
फोटो-सलखुआ प्रखंड के हरेवा पंचायत के गौसपुर गांव में मृत्यु भोज एवं बेटी की शादी की भोज नही करने का ग्रामीणों ने लिया संकल्प

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