डीलर दिया अपने राजनीतिक पहुच का धौंस, दो ड्राइवर गिरफ्तार
कोशी बिहार टुडे, सहरसा
किरोना काल मे डीलर के द्वारा चोरी-छिपे खाद्यान बेचने का कार्य निरंतर चल रहा है। बीते एक माह में अलग अलग तीन मामला अब तक इस तरह के सिमरी बख़्तियारपुर में आया है। लेकिन जुगाड़ तंत्र से हर बार डीलर को बचा लिया जाता है। रविवार को तरियामा पंचयात के तुर्की गांव से दो टेम्पू पर 35 पैकेट चावल बेचने के कोसिस में ग्रामीण ने पकड़ एसडीओ को सूचना दिया। एसडीओ के निर्देश पर बख़्तियारपुर पुलिस पहुच दोनो टेम्पू पर लदे खाद्यान के साथ दोनो ड्राइवर को गिरफ्तार कर थाना लाया। बताया जाता है की रात्रि में चोरी कर सरकारी चावल बेचने का प्रयास कर रहा था, लेकिन ग्रामीणों ने पकड़ लिया।
बीडीओ ने थाना में दिया प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर दिया आवेदन---
बीडीओ सह प्रभारी बीएसओ मनोज कुमार के द्वारा बख़्तियारपुर थाना में दिए आवेदन में कहा है एसडीओ के निर्देश पर तुर्की से बिना नम्बर के दो टेम्पू पर लदा 35 पैकेट अरवा चावल सरकारी था। जिसे खरीद-फरोख्त कर कलाबाजरी के नियत से ऊंचे दाम पर बाजार ले जाया जाता था। पकड़े गए टेम्पू चालक अमित कुमार गुप्ता पिता आकाश गुप्ता एवं ऋषि सादा पिता राजकुमार सादा दोनो चकभारो पंचयात के एकपढा गांव का रहने वाला है।
चला नया ट्रेंड, डीलर का नाम नही आये लगाया जाता है जुगाड़ तंत्र----
बीते एक महीने में सरकारी चावल बेचने को लेकर इस समय जुगाड़ तंत्र खूब काम कर रहा है। 27 मई को पुरानी बाजार के आगे भी टेम्पू पर लदे सरकारी चावल पकड़ाया था, उसमें भी डीलर को बचा लिया गया। इसी तरह बीते रविवार को बलबाहाट के बघवा गांव में पिकअप पर 56 पैकेट सरकारी चावल कालाबाजारी के उद्देश्य से ले जा रहा था, तो ग्रामीणों ने पकड़ लिया। हालांकि ड्राइवर गाड़ी छोड़कर फरार हो गया। उसमें भी डीलर का नाम नही आया। वही सोमवार को तुर्की गांव में दो टेम्पू पर लगभग 35 पैकेट सरकारी चावल भी रात्रि में बेचने का प्रयास किया गया, लेकिन ग्रामीणों ने पकड़ लिया।हालांकि इस मामले में सोशल मीडिया पर एक घटनास्थल से एक वीडियो भी वायरल हुआ है।जिसमे ग्रामीणों द्वारा पूछे जाने पर टेम्पो ड्राइवर द्वारा डीलर का नाम भी बताया गया है।परंतु आश्चर्यजनक रूप से आवेदन से डीलर का नाम सम्मिलित नही किया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि डीलर अपने राजनीतिक धौंस का पूरा इस्तेमाल इस कार्य मे किया है। यहां तक कि पदाधिकारी कभी फोन नही उठाया । हालांकि वायरल वीडियो पर पुलिस का कहना है कि सुपरवीजन के समय वायरल वीडियो पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।
इस बाबत बीडीओ सह प्रभारी बीएसओ मनोज कुमार ने बताया कि गिरफ्तार ड्राइवर के द्वारा डीलर का नाम नही बताया गया, बल्कि कहा गया कि हम खुदरा घर घर से खरीदकर बेचते है।
कोशी बिहार टुडे, सहरसा
किरोना काल मे डीलर के द्वारा चोरी-छिपे खाद्यान बेचने का कार्य निरंतर चल रहा है। बीते एक माह में अलग अलग तीन मामला अब तक इस तरह के सिमरी बख़्तियारपुर में आया है। लेकिन जुगाड़ तंत्र से हर बार डीलर को बचा लिया जाता है। रविवार को तरियामा पंचयात के तुर्की गांव से दो टेम्पू पर 35 पैकेट चावल बेचने के कोसिस में ग्रामीण ने पकड़ एसडीओ को सूचना दिया। एसडीओ के निर्देश पर बख़्तियारपुर पुलिस पहुच दोनो टेम्पू पर लदे खाद्यान के साथ दोनो ड्राइवर को गिरफ्तार कर थाना लाया। बताया जाता है की रात्रि में चोरी कर सरकारी चावल बेचने का प्रयास कर रहा था, लेकिन ग्रामीणों ने पकड़ लिया।
बीडीओ ने थाना में दिया प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर दिया आवेदन---
बीडीओ सह प्रभारी बीएसओ मनोज कुमार के द्वारा बख़्तियारपुर थाना में दिए आवेदन में कहा है एसडीओ के निर्देश पर तुर्की से बिना नम्बर के दो टेम्पू पर लदा 35 पैकेट अरवा चावल सरकारी था। जिसे खरीद-फरोख्त कर कलाबाजरी के नियत से ऊंचे दाम पर बाजार ले जाया जाता था। पकड़े गए टेम्पू चालक अमित कुमार गुप्ता पिता आकाश गुप्ता एवं ऋषि सादा पिता राजकुमार सादा दोनो चकभारो पंचयात के एकपढा गांव का रहने वाला है।
चला नया ट्रेंड, डीलर का नाम नही आये लगाया जाता है जुगाड़ तंत्र----
बीते एक महीने में सरकारी चावल बेचने को लेकर इस समय जुगाड़ तंत्र खूब काम कर रहा है। 27 मई को पुरानी बाजार के आगे भी टेम्पू पर लदे सरकारी चावल पकड़ाया था, उसमें भी डीलर को बचा लिया गया। इसी तरह बीते रविवार को बलबाहाट के बघवा गांव में पिकअप पर 56 पैकेट सरकारी चावल कालाबाजारी के उद्देश्य से ले जा रहा था, तो ग्रामीणों ने पकड़ लिया। हालांकि ड्राइवर गाड़ी छोड़कर फरार हो गया। उसमें भी डीलर का नाम नही आया। वही सोमवार को तुर्की गांव में दो टेम्पू पर लगभग 35 पैकेट सरकारी चावल भी रात्रि में बेचने का प्रयास किया गया, लेकिन ग्रामीणों ने पकड़ लिया।हालांकि इस मामले में सोशल मीडिया पर एक घटनास्थल से एक वीडियो भी वायरल हुआ है।जिसमे ग्रामीणों द्वारा पूछे जाने पर टेम्पो ड्राइवर द्वारा डीलर का नाम भी बताया गया है।परंतु आश्चर्यजनक रूप से आवेदन से डीलर का नाम सम्मिलित नही किया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि डीलर अपने राजनीतिक धौंस का पूरा इस्तेमाल इस कार्य मे किया है। यहां तक कि पदाधिकारी कभी फोन नही उठाया । हालांकि वायरल वीडियो पर पुलिस का कहना है कि सुपरवीजन के समय वायरल वीडियो पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।
इस बाबत बीडीओ सह प्रभारी बीएसओ मनोज कुमार ने बताया कि गिरफ्तार ड्राइवर के द्वारा डीलर का नाम नही बताया गया, बल्कि कहा गया कि हम खुदरा घर घर से खरीदकर बेचते है।
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