मंगलवार, 28 जुलाई 2020

कोरोना योद्धा हेल्थ मैनेजर महबूब आलम कोरोना संक्रमण काल में दिया है महत्वपूर्ण योगदान , अपनी प्रवाह किये बिना कोरोना के रोकथाम में रहते है लगे


 अपने क्षेत्र का करते हैं नियमित तौर पर भ्रमण, कोविड अस्पताल संचालन में मिली महत्वपूर्ण महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
कोशी बिहार टुडे, सहरसा

कोरोना संक्रमणकाल में लोगों को बेहतर सुविधा प्रदान करने  एवं संक्रमण से बचाव में चिकित्सकों से लेकर क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं तक सभी अपना योगदान दे रहे हैं।  सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडलीय अस्पताल के हेल्थ मैनेजर  महबूब आलम के योगदान की चर्चा खूब हो रही है। वह न सिर्फ अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रहे है बल्कि संक्रमण के इस दौर में आम लोगों को कोरोना के साथ अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के बारे मे भी जागरूक कर रहे हैं।
अपनी प्रवाह ना कर लोगो के सेवा, कर्मठता एवं सच्ची लगन से बनी पहचान---
हेल्थ मैनेजर महबूब आलम विगत कई वर्षों से  कार्य कर रहे हैं। उन्होंने अपने इस लंबे अनुभव एवं कार्य के प्रति ईमानदारी को लेकर अपने प्रखंड में अलग की पहचान बनायी हैं।  जिसके कारण लोग उनकी  मेहनत और लगन की मिसाल भी देते हैं।

मोहम्मद महबूब आलम कहते हैं, कोरोना के कारण आज पूरा देश संघर्ष कर रहा है. लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए जिले का हरेक विभाग लगा हुआ है. इसलिए ऐसे हालात में  प्रखंड तथा समुदाय स्तर पर लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करने की जिम्मेदारी हेल्थ मैनेजर होने के नाते अधिक बढ़ जाती है। वह बताते हैं वह प्रतिदिन अपने क्षेत्र का भ्रमण कर लोगों को हाथ धोने, भीड़-भाड़ में जाने से बचने एवं सामजिक दूरी जैसे उपाय अपनाने के लिए लोगों को जागरूक करते है। साथ ही वह टीकाकरण, परिवार नियोजन, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रमों को पुनः नियमित करने की दिशा में भी उल्लेखनीय कार्य कर रहे हैं।
सिमरी बख्तियारपुर हेल्थ मैनेजर बनने के साथ किया कई कार्य---हेल्थ मैनेजर महबूब आलम हेल्थ मैनेजर के प्रभार लेने के साथ अनुमंडलीय अस्पताल में कई विकास कार्य किया। सबसे पहले सीसीटीवी से अस्पताल को लेश किया तो कर्मी के लेट आने सहित कई कार्य मे सुधार हुआ। मरीज को अस्पताल में बैठने के लिये सेकड़ो बेंच लगवाया। अपने प्रयास से ही अस्पताल में बेबी यूनिट केयर लगवाया, जिनका उदघाटन तत्कालीन डीएम सैलजा शर्मा ने किया था। सिमरी बख्तियारपुर के कोविड केयर अस्पताल बेहतर तरीक़े से संचालन हो इनकी पूरी जिम्मेदारी इनके ऊपर है। अनुमंडलीय अस्पताल उपाधीक्षक डॉ एन के सिंह के साथ मिलकर इस समय सिमरी बख्तियार में प्रतिदिन मिल रहे कोरोना मरीज के देखभाल में लगा है।


मंगलवार, 7 जुलाई 2020

6 इंच की जगह 3 इंच पीसीसी सड़क का किया जा रहा है ढलाई, दो दिन से ग्रामीण अधिकारी से कर रहा शिकायत, झांकने तक नही गया कोई

सिमरी बख़्तियारपुर प्रखंड के मोहनपुर पंचयात के वार्ड सदस्य एवं सचिव की मनमानी, 
ग्रामीण सड़क ढलाई कार्य प्राक्कलन के अनुसार करने के लिये कहते है तो झूठी केश में फसाने का दिया धमकी

कोशी बिहार टुडे, सहरसा

12 लाख की लागत से वार्ड में वार्ड क्रियान्वयन समिति की योजना से सड़क ढलाई कार्य किया जा रहा है। लेकिन योजना स्थल पर ना तो बोर्ड है एवं ना ही इंजीनियर। मामला प्रखंड के मोहनपुर पंचयात के वार्ड नंबर 13 का है। इस वार्ड में सात निश्चय योजना से दानी साह के घर से लेकर सीतो साह के घर तक सात निश्चय योजना से पीसीसी सड़क का निर्माण किया जा रहा है। सड़क की ढलाई 6 इंच की जगह 3 से साढ़े तीन इन किया जाता है, लेकिन बगल से जमीन में  पूरा छह इंच का तख्ता लगाकर 6 इंच दिखा रहा है। हाल ये है कि स्थल पर कार्य करा रहे सचिव किसी की बात नही मानते है।
ग्रामीणों की शिकायत के बाद भी करवाई नही---

मोहनपुर पंचयात के वार्ड नंबर 13 हरियो गांव निवासी दानी साह, रामकृष्ण साह, मदन साह, कनछेदी साह, लक्ष्मी साह, सहित 5 दर्जन से अधिक ग्रामीणों के द्वारा बीडीओ को आवेदन देकर घटिया निर्माण कार्य को रोकने एवं जांच की मांग किया है। आवेदन में कहा है कि वार्ड नंबर 12 के वार्ड अधिक योगेंद्र साह एवं सचिव गंगा साह पूर्व से ईंट-सोलिंग उखाड़कर घर ले गया। इसमे से कुछ ईंट बेच दिया। पूर्व से 10 फिट का ईंट-सोलिंग को घटाकर 7 फिट का सड़क बनाकर ढलाई कर रहा है। वावजूद करवाई अधिकारियों के द्वारा नही किया गया।
वही सड़क निर्माण में लगे आधा दर्जन से ज्यादा मजदूर कार्य कर रहा था, लेकिन एक भी मजदूर के पास मास्क नही था।
इंजीनियर को पता नही बना रहा है सड़क---
इस योजना में सबसे बड़ी बात ये है कि इस सड़क ढलाई की जानकारी जेई को नहीं है। जेई जनार्दन रजक ने बताया कि सात निश्चय योजना का कार्य कहा हो रहा है मुझे पता नही।  मुझे बिना जानकारी दिए वार्ड क्रियान्वयन समिति के लोग मनमाना तरीके से काम करवाता है। मेरे द्वारा एक भी किसी मापी-पुस्त नही बनाया जाएगा, जिस योजना की जानकारी मुझे नही है। 
क्या कहते है वार्ड क्रियान्वयन समिति के सचिव---
स्थल पर कार्य करा रहे वार्ड क्रियान्वयन समिति के सचिव गंगा साह ने बताया कि प्राक्कलन के अनुसार सड़क ढलाई का कार्य किया जा रहा है। इंजीनियर भी निरीक्षण कर जा चुका है। कही सड़क निर्माण में गड़बड़ी नही है।
क्या कहते है बीडीओ---
बीडीओ मनोज कुमार ने बताया कि मेरे द्वारा जेई को तत्काल कार्य बंद करने का निर्देश दिया गया था। अब हम खुद सड़क निर्माण की जांच करेंगे।

शनिवार, 4 जुलाई 2020

वायरल ऑडियो में विशाल के बारे में जानकारी ले रहा युवक है संदेह के घेरे में, पुलिस ने कहा कि ऑडियो की जांच होगी


रानीहाट में विवाहिता की हत्या पर उठ रहा है कई सवाल, वायरल ओडियो में जानकारी ले रहा युवक पर उठ रही उंगलिया
कोशी बिहार टुडे

बख्तियारपुर थाना क्षेत्र के रानीबाग स्थित एक मकान से 23 वर्षीय विवाहिता का शव पुलिस ने संदेहास्पद स्थिति में बरामद किया है। वहीं मृतिका के परिजनों ने पति सहित ससुराल वालों पर दहेज के लिए हत्या का आरोप लगाया है। शव कब्जे में लेकर बख्तियारपुर थाना पुलिस पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वहीं मृतिका के पिता के खगड़िया जिले के एमजी रोड वार्ड नं 22 निवासी विष्णु देव प्रसाद के लिखित आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज कर आरोपी की गिरफ्तारी हेतू छापेमारी शुरू कर दिया है।
थाने में दिए आवेदन में बताया गया है कि रानीबाग निवासी चंदन स्टूडियो के प्रोपराइटर युगल किशोर साह के पुत्र विशाल कुमार की शादी ढाई साल पहले खगड़िया एम जी रोड निवासी विष्णु देव प्रसाद की पुत्री स्नेहा बासु के साथ हुई थी। शादी के बाद ससुराल वालों के द्वारा दहेज की मांग की जाने लगी। 75 हजार रुपए से मदद भी किया गया।लेकिन शुक्रवार की रात दहेज के लिए पति विशाल कुमार, ससुर युगल किशोर साह, सास बबीता देवी, ननद नैना देवी, ननदोषी निलेश कुमार, छोटी ननद निधि कुमारी ने हत्या कर दिया।

वायरल ऑडियो में विशाल के बारे में जानकारी ले रहा युवक के उपर उठ रही है शक की सुई---
रानीहाट में विवाहिता की मौत के बाद एक ऑडियो क्लिप वायरल हुआ है। उस ऑडियो क्लिप में एक युवक दूसरे से विशाल के बारे में जानकारी ले रहा है। विशाल क्या क्या पिया, तो दूसरे तरफ युवक बता रहा है कि मेरे साथ तीन ग्लास ताड़ी पिया एवं महुआ। बताया जाता है कि यही युवक कॉल रेकॉर्ड कर विवाहिता को भेजा। फिर घर पहुचने पर विवाहिता के द्वारा विशाल के साथ झगड़ा होने की बात विशाल के परिजन के द्वारा भी कहा जा रहा है। विशाल के परिजन का कहना है कि चूंकि पति-पत्नी छत के ऊपरी मंजिल पर तूतू-मेमे कर रहा था, तो परिवार को लगा कि अपने आप शांत हो जाएगा। लेकिन घटना घट गई। लोग इस वायरल ऑडियो से तरह तरह की बाते कर रहा है।
इधर वायरल ऑडियो पर डीएसपी ने बताई की इस पर जांच किया जाएगा, ये कौन युवक है जो इस तरह का हरकत किया है। 

बुधवार, 1 जुलाई 2020

90 वर्ष पुराना मिथलांचल का सपना हुआ सच, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने दो भागों में विभक्त मिथलांचल को एकीकृत किया

अक्टूबर तक दरभंगा के लिए रेल महासेतु पर दौड़ेगी ट्रेन, 276 किमी कम होगी दूरी
कोशी बिहार टुडे, सहरसा

सुपौल-सरायगढ़ और आसनपुर कुपहा के बीच बना कोसी महासेतु।
सुपौल-सरायगढ़ और आसनपुर कुपहा के बीच बना कोसी महासेतु।
6 जून 2003 को तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था शिलान्यास
दरभंगा जाने के लिए पहले थी 298 किमी दूरी, अब होगी 22 किलोमीटर
15 अगस्त तक सहरसा से आसनपुर कुपहा के लिए रेल परिचालन संभव

उत्तर बिहार के दूरस्थ क्षेत्र के आमलोगों का करीब 90 वर्ष पुराना सपना सच करने की ओर पूर्व मध्य रेल तेज़ी से अग्रसर है। सहरसा से सरायगढ़ के रास्ते दरभंगा तक दो चरणों में ट्रेन चलाने की योजना है। जिसमें प्रथम चरण में सहरसा से सरायगढ़ के रास्ते आसनपुर कुपहा तक 15 अगस्त तक ट्रेन चलाने की योजना है। जबकि दूसरे चरण में आसनपुर कुपहा से दरभंगा तक अक्टूबर 2020 तक ट्रेन चलाने की योजना है। इसे लेकर सरायगढ़-भपटियाही एवं कुपहा हॉल्ट के बीच नवनिर्मित कोसी महासेतु पर ट्रेन का सफलतापूर्वक ट्रायल किया गया है।
निर्मली से सरायगढ़ तक का सफर वर्तमान में दरभंगा-समस्तीपुर-खगड़िया-मानसी-सहरसा होते हुए 298 किलोमीटर का है। इस पुल के निर्माण से 298 किलोमीटर की दूरी मात्र 22 किलोमीटर में सिमट जाएगी। यह जानकारी पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी राजेश कुमार ने मंगलवार को दी। उन्होंने बताया कि करीब 1.9 किलोमीटर लंबे नए कोसी महासेतु सहित 22 किलोमीटर लंबे निर्मली-सरायगढ़ रेलखंड का निर्माण वर्ष 2003-04 में 323.41 करोड़ रुपए की लागत से स्वीकृत की गई थी। इसके बाद 6 जून 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा पुल का शिलान्यास किया गया था। इस परियोजना की अपटूडेट अनुमानित लागत 516.02 करोड़ रुपए है। बीते 23 जून को इस नवनिर्मित रेल पुल पर पहली बार ट्रेन का सफलता पूर्वक परिचालन किया गया। कोविड-19 महामारी के दौरान भी पूर्व मध्य रेल सभी स्वास्थ्य सुरक्षा उपायों का पालन करते हुए परियोजना को अंतिम रूप देने के लिए लगातार कार्यरत है। जल्द ही कार्य पूरा कर कोसी महासेतु सहित निर्मली-सरायगढ़ रेलखंड को राष्ट्र की सेवा में समर्पित किया जाएगा।
निर्मली और सरायगढ़ के बीच हुआ पुल का निर्माण
सीपीआरओ ने बताया कि कोसी नदी नेपाल के बराह क्षेत्र, कुसहा एवं चतरा से होते हुए बिहार की सीमा पर सुपौल जिले के भीमनगर आती है। अपने प्रवाह का मार्ग परिवर्तित करने में कोसी का कोई जोड़ नहीं है। बिहार में कोसी नदी की धाराओं का विस्थापन पिछले 100 वर्षों में करीब 150 किलोमीटर के दायरे में होता रहा है। कोसी नदी के दोनों किनारे को जोड़ने में यह एक बहुत बड़ी रुकावट थी। वर्तमान पुल का निर्माण निर्मली एवं सरायगढ़ के बीच किया गया है। निर्मली जहां दरभंगा-सकरी-झंझारपुर मीटर गेज लाइन पर अवस्थित एक टर्मिनल स्टेशन था। वहीं सरायगढ़, सहरसा और फारबिसगंज मीटर गेज रेलखंड पर अवस्थित था। वर्ष 1887 में बंगाल नॉर्थ-वेस्ट रेलवे ने निर्मली और सरायगढ़ (भपटियाही) के बीच मीटर गेज का निर्माण किया था। उस समय कोसी की एक सहायक नदी तिलयुगा इन स्टेशनों के मध्य बहती थी। जिस पर करीब 250 फीट लंबा पुल था। साभार-दैनिक भास्कर


पूर्व विधायक के प्रयास से हजारों हेक्टर खेत में जमा पानी से किसान को मिलेगी मुक्ति

  कोपरिया स्लुइस गेट का जलकुंभी साफ करने के लिए निजी कोष से दिया गया धन  सिमरी बख्तियारपुर से पानी की बिक्री ही नहीं बल्कि महिषी खंड के लोगो...