शुक्रवार, 14 जनवरी 2022

फिर शुरू हुआ गोहाटी टू लखनऊ जीएल एक्सप्रेस, लेकिन इस रूट में सहरसा नही है शामिल, पूर्णिया-सहरसा पुराने रुट से ट्रेन चलाने की मांग

कोशी इलाके की लाइफ लाइन थी जीएल एक्सप्रेस, बड़ी लाइन के बाद असम के तेजपुर से समस्तीपुर के बीच चली थी एक्सप्रेस

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



जीएल एक्सप्रेस की नाम सुनते ही दिमाग मे आ जाता है कि ये वही एक्सप्रेस है जो छोटी लाइन से असम के गोहाटी से यूपी के लखनऊ तक कि सफर होता था। बाद में यूपी, बिहार में बड़ी लाइन बनते गया एवं जीएल एक्सप्रेस का दूरी घटती गयी। सहरसा-मानसी के बीच बड़ी लाइन निर्माण होने से पहले तक ये जीएल एक्सप्रेस असम के तेजपुर से समस्तीपुर तक चली।  

1992 में जीएल एक्सप्रेस का परिचालन शुरू हुआ था---

GL एक्सप्रेस ट्रेन जब पहली बार 1992 में शुरू की गई थी तो उस समय ये गुवाहाटी टू लखनऊ आती-जाती थी। इस दौरान ट्रेन गुवाहाटी से बिहार के कटिहार, पूर्णिया, सहरसा और खगड़िया के रास्ते लखनऊ पहुंचती थी। हालांकि, अब इसके रूट में बदलाव किया गया है। जानिए पूरा मामला।

पटना

गुवाहाटी से लखनऊ के बीच चलने वाली जीएल एक्सप्रेस (GL Express)एक बार फिर पटरियों पर दौड़ने लगी है। कई साल बाद इसे वीकली ट्रेन के रूप में फिर से शुरू किया गया है। हालांकि, इस बार ट्रेन के रूट में कुछ बदलाव किया गया है, जिसको लेकर कई लोगों ने सवाल खड़े किए हैं। बिहार में इस ट्रेन के कटिहार- पूर्णिया- सहरसा के पुराने रास्ते ही चलाने की मांग लोगों की ओर से की जा रही है। जानिए अभी क्या है इस ट्रेन का रूट जिसको लेकर लोगों ने ये डिमांड की है

जानिए क्या है अभी ट्रेन का रूट



जानकारी के मुताबिक, GL एक्सप्रेस ट्रेन जब पहली बार 1992 में शुरू की गई थी तो उस समय ये साप्ताहिक ट्रेन नहीं थी। ये गुवाहाटी टू लखनऊ आती-जाती थी। इस दौरान ट्रेन गुवाहाटी से बिहार के कटिहार, पूर्णिया, सहरसा और खगड़िया के रास्ते लखनऊ पहुंचती थी। हालांकि, अब जब इस ट्रेन को फिर से शुरू किया गया तो इसका स्टॉपेज सिवान, छपरा, हाजीपुर और कटिहार किया गया है। रूट में हुए बदलाव को लेकर लोगों ने सवाल खड़े किए हैं।


लोगों ने की ट्रेन को पूर्णिया-सहरसा के रास्ते चलाने की मांग

खास तौर से सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने ट्रेन संचालन को लेकर किए गए ट्वीट पर रिएक्ट करते हुए इसे सहरसा, पूर्णिया और कटिहार होकर चलाने की अपील की है। उनका कहना है कि इससे रूट के कई यात्रियों को फायदा होगा। उनका कहना है कि कटिहार से सीधे ये ट्रेन बरौनी निकल गई। बरौनी और कटिहार के बीच काफी दूरी है तो इसे पुराने रास्ते से भी चलाया जा सकती है।


इसी महीने केंद्रीय रेलमंत्री ने शुरू की ट्रेन

गोमतीनगर-कामाख्या एक्सप्रेस (15078) इसी महीने 6 जनवरी से फिर शुरू की गई। केंद्रीय रेलमंत्री ने इसे हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।इस ट्रेन के चलने से बड़ी संख्या में यात्रियों को फायदा होगा। हालांकि, बिहार के कुछ स्टेशन से इसका रूट बदले जाने पर लोगों ने सवाल उठाए हैं, साथ ही पुराने रूट से चलाने की मांग की है।


2 टिप्‍पणियां:

  1. पुराना रूट देना राजनैतिक दिशाहीन सावित हो रहा है आम आवाम के हि में फैसला होना चाहिए।

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