दो बार के सिटिंग सासंद कैशर को बेटिकट कर टिकट पाने वाले इस नेता के बारे में जानिए
कोशी बिहार टुडे। सहरसा
चिराग पासवान की पार्टी लोजपारा ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। जिसमें इस बार उन्होंने तीन नए और युव चेहरों को पार्टी से मौका दिया है। जहां जमुई सीट से उन्होंने अपने जीजा अरुण भारती को मौका दिया है। वहीं समस्तीपुर से बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी को उन्होंने टिकट दिया है। इन दोनों उम्मीदवारों का बड़ा राननीतिक कनेक्शन रहा है। वहीं इन सबके बीच खगड़िया लोकसभा से पार्टी के युवा चेहरे राजेश वर्मा को मौका देकर हर किसी को हैरान कर दिया है।
बड़ा कारोबार, इंजीनियर की है डिग्री
राजेश वर्मा पेशे से सर्राफा व्यापारी हैं और ओबीसी वर्ग से आते हैं।। उनका खानदानी व्यवसाय भागलपुर के साथ ही पटना, समस्तीपुर और खगड़िया में भी फैला हुआ है। साथ ही वह बड़े बिल्डर एवं डेवलपर कंपनी के मालिक भी हैं। उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।
भागलवपुर में सबसे कम उम्र के डिप्टी मेयर बनकर सबको चौंकाया था:
2017 में राजेश ने भागलपुर नगर निगम के जरिए राजनीतिक क्षेत्र में कदम रखा और पहली बार में ही डिप्टी मेयर बन गए। डिप्टी मेयर रहते हुए ही इन्होंने सक्रिय राजनीति में भी कदम बढ़ाया।
लोजपा के लिए विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं राजेश वर्मा
राजेश वर्मा लोजपा रामविलास जिलाध्यक्ष से लेकर प्रवक्ता तक कई पदों पर रह चुके हैं। लोजपा के टिकट से 2020 में भागलपुर से विधानसभा का चुनाव लड़ा। इस चुनाव में वह तीसरे नंबर पर रहे, करीब 12.8 प्रतिशत यानी 20523 वोट हासिल कर सबको चौंका दिया था। इसके बाद वह लोजपा रामविलास के प्रमुख चिराग पासवान के साथ जुड़े रहे।
पार्टी में टूट के बाद भी चिराग के साथ
ढाई साल पहले जब लोजपा दो हिस्से में बंट गई, तब भी राजेश वर्मा पूरी इमानदारी और वफादारी के साथ चिराग पासवान के साथ नजर आए। कई मौके पर वह चिराग पासवान के साथ खड़े नजर आए। चिराग को भी ऐसे ही वफादार साथी की जरुरत थी, जो उन्हें राजेश वर्मा में मिली और उन्हें महबूब अली कैसर की जगह पार्टी से अपना उम्मीदवार घोषित किया।
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