मंगलवार, 29 दिसंबर 2020

मनचाहे जिले में नियोजित शिक्षक करा सकेंगे तबादला, आवेदन के लिए मिलेंगे 3 चॉइस

  कोशी बिहार टुडे, सहरसा

मध्य विद्यालय हैैरियो जहा बीते गुरुवर को 14 मेे से मात्र 2 शिक्षक उपस्थित थे।

बिहार  में ट्रांसफर का इंतजार कर रहे नियोजित शिक्षकों के लिए तैयार सॉफ्टवेयर को हरी झंडी देने की तैयारी अंतिम चरण में है। मंगलवार को शिक्षा विभाग के अफसरों के सामने सॉफ्टवेयर का प्रजेंटेशन दिया जाएगा। इस सॉफ्टवेयर के जरिये नियोजित शिक्षकों को जल्द ही अपनी पसंद वाले जिले में ट्रांसफर के लिए आवेदन देने का अवसर मिल सकेगा।

आवेदन के लिए 3 चॉइस

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सॉफ्टवेयर तैयार है और इसे एक प्रेजेंटेशन के बाद हरी झंडी दे दी जाएगी। इसके बाद शिक्षक आवेदन कर सकेंगे। आवेदन के लिए 3 चॉइस दिए जाएंगे।

एक बार अंतर जिला ट्रांसफर का मिलेगा मौका

नियोजित शिक्षकों के लिए तैयार सेवा शर्त नियमावली के अनुसार महिलाओं और दिव्यांग शिक्षकों को एक बार अंतर जिला अंतर नियोजन इकाई ट्रांसफर का मौका मिलेगा। पुरुष शिक्षकों का म्यूच्यूअल ट्रांसफर होगा।

सबसे ज्यादा परेशान महिला और दिव्यांग शिक्षक

लगभग एक लाख नियोजित शिक्षक लंबे समय से ट्रांसफर का इंतजार कर रहे हैं। इसमें सबसे ज्यादा परेशान महिला शिक्षक और दिव्यांग शिक्षक हैं।इनपुट-दैनिकभास्कर

सोमवार, 28 दिसंबर 2020

मुझे अब सीएम नही रहना है, एनडीए जिसे चाहे सीएम बना दे: नीतीश कुमार

 

पद की नही है चाहत, हम काम करने में रखते है विश्वास

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी  की बैठक के दौरान बड़ा बयान दिया है। उन्होंने  27 दिसंबर को जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में दो टूक अंदाज में कहा कि मुझे अब सीएम नहीं रहना । एनडीए गठबंधन जिसे चाहे बना दें सीएम। बीजेपी का ही सीएम हो । मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। मुझे किसी पद का मोह नहीं है। नीतीश कुमार के इस बयान ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है।


पद की चाहत नहीं, काम करने का दबाव था


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा मुझे पद की कोई चाहत नहीं, इच्छा नहीं कि पद पर रहें। चुनाव परिणाम आने के बाद मैंने अपनी यह इच्छा गठबंधन के समक्ष जाहिर भी कर दी थी। पर दबाव इतना था कि मुझे फिर से काम संभालना पड़ा। नीतीश ने कहा कि हम स्वार्थ के लिए काम नहीं करते। आज तक हमने कभी किसी तरह का कोई समझौता नहीं किया।


छह के जाने के बाद भी एक विधायक डटा है


अरुणाचल प्रदेश में जदयू के छह विधायकों के भाजपा में चले जाने के घटनाक्रम का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि क्या हुआ अरुणाचल में। छह के जाने के बाद भी वहां जदयू का एक विधायक डटा रहा। पार्टी की ताकत को समझिए। हमें सिद्धांतों के आधार पर ही लोगों के बीच जाना है। नफरत का माहौल बनाया जाता है । हमलोग नफरत के खिलाफ हैं। एक-एक काम लोगों के हित के लिए किया। सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को गुमराह किया जा रहा। वह चाहेंगे कि अच्छी बातें सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों के बीच प्रचारित हो। समाज में किसी तरह का मतभेद नहीं हो।

पार्टी छोड़ा नहीं, अब भी करते रहेंगे काम

राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से खुद को मुक्त किए जाने की बात भी अपने संबोधन के क्रम में उन्होंने विस्तार से रखी। उन्होंने कहा कि हमने पार्टी छोड़ा नहीं है। रात-दिन पार्टी के काम में लगे रहते हैं। व्यस्तता की वजह से पार्टी के अध्यक्ष पद का काम ठीक से नहीं देख पा रहे थे। उनकी इच्छा है कि पार्टी के संगठन का विस्तार होना चाहिए। इसके लिए लोग दूसरे राज्यों में समय दें। इस दिशा में काफी काम होना चाहिए। मैंने जानबूझकर यह किया है ताकि ज्यादा से ज्यादा समय लोगों को दे सकें।


जदयू ने कहा, बीजेपी ने अच्छा नहीं किया

बता दें कि पटना में  जदयू की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई। आज बैठक का दूसरा और अंतिम दिन था। इसके बाद जदयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने आज रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि जदयू ने अरूणाचल प्रदेश की घटना पर क्षोभ व्यक्त किया है। जदयू के छह विधायकों को भाजपा ने मंत्रिमंडल में शामिल करने की बजाय उन्हें अपने दल में ही शामिल कर लिया है। यह अच्छा नहीं किया । हमें इसपर बेहद दुख है। यह गठबंधन की राजनीति के लिए अच्छा संकेत नहीं है।इनपुट-दैनिक जागरण


माना जा रहा है कि नीतीश कुमार अरूणाचल प्रदेश की घटना से बेहद दुखी हैं। उनका यह ताजा बयान इसी घटना से जोड़कर देखा जा रहा है।

शनिवार, 26 दिसंबर 2020

नीतीश कुमार से गठबंधन करने को तैयार राजद, भाजपा से संबंध तोड़ने की दी चुनोती

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



राष्ट्रीय जनता दल ने शनिवार को संकेत दिया कि अगर अरुणाचल प्रदेश में दलबदल के घटनाक्रम के बाद यदि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा के साथ संबंध तोड़ लेते हैं, तो उसके साथ नए सिरे से गठबंधन की संभावनाएं बन सकती हैं।

राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने स्पष्ट किया कि गेंद जद(यू) नेतृत्व के पाले में हैं, जिन्हें समझना चाहिए कि अरुणाचल प्रदेश में जद(यू) विधायकों के सामूहिक रूप से भाजपा में शामिल होने के घटनाक्रम का मकसद ‘पुरानी बातों का बदला लेना’ है। तिवारी ने एक दशक पहले की बात याद की, जब नीतीश ने भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भाग लेने पटना आए पार्टी नेताओं के लिए आयोजित रात्रिभोज रद्द कर दिया था। 

मोदी भूलने या माफ करने वाले नहीं 

राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा, ‘‘नीतीश कुमार ने तब साफ कर दिया था कि उन्हें भाजपा से कोई दिक्कत नहीं हैं, लेकिन वह गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ थे। मोदी ऐसे आदमी हैं, जो इस चीज को भूलने वाले और माफ करने वाले नहीं हैं।’’


चिराग पासवान के विरोध का ही हिस्सा है 

कुछ समय तक जद(यू) के साथ रह चुके राजद के वरिष्ठ नेता ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश का घटनाक्रम चिराग पासवान के विद्रोह के साथ शुरू हुए घटनाक्रम का हिस्सा है। लोजपा अध्यक्ष पासवान ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजग से समर्थन वापस ले लिया था और नीतीश को सत्ता से हटाने का संकल्प लिया था। लोजपा को चुनाव में ज्यादा सफलता नहीं मिली लेकिन उसने कई सीटों पर भाजपा के बागियों को उतारकर जद(यू) के वोटबैंक में सेंध लगाने में सफलता हासिल की।


तिवारी ने कहा कि भाजपा की रणनीति पहले नीतीश कुमार का कद छोटा करने की थी, जिसमें वह विधानसभा चुनाव में सफल हुई। अब उसने उन्हें अपमानित करना शुरू कर दिया है। अरुणाचल प्रदेश में जद(यू) के छह विधायकों के भाजपा में जाने की और क्या व्याख्या की जा सकती है, जबकि भाजपा पहले ही राज्य में बहुमत में है। इनपुट-अमर उजाला



सिमरीबख्तियारपुर नगर पंचायत हुआ नगर परिषद में अपग्रेड, होगा विकास

 सासाराम, मोतिहारी, बेतिया, मधुबनी और समस्तीपुर बनेंगे नए नगर निगम, कैबिनेट की बैठक में मिली मंजूरी

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



बिहार में शहरीकरण अब रफ्तार पकड़ेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शनिवार को हुई राज्य कैबिनेट की विशेष बैठक में 111 नए शहरी निकायों को मंजूरी दे दी गई। इनमें 103 नई नगर पंचायतें और आठ ऐसी नगर परिषद शामिल हैं, जिन्हें सीधे ग्राम पंचायत से परिषद बनाया गया है। वहीं, सासाराम, मोतिहारी, बेतिया, मधुबनी और समस्तीपुर नगर परिषद को अपग्रेड कर नगर निगम बनाया गया है। 32 नगर पंचायतों को अपग्रेड कर नगर परिषद का दर्जा दिया गया है। जबकि नगर निगम बिहार शरीफ और 11 नगर परिषद का क्षेत्र विस्तार किया गया है। इन इलाकों में अब विकास की गति तेज होगी।


राज्य कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए नगर विकास एवं आवास सचिव आनंद किशोर ने बताया कि 

नए निकायों के गठन की जानकारी मीडिया सहित विभिन्न माध्यमों से लोगों को दी जाएगी। अगर किसी को आपत्ति होगी तो वो इसे लिखित में संबंधित जिला पदाधिकारी और प्रमंडलीय आयुक्त को देंगे। जिलों के माध्यम से यह आपत्तियां विभाग में आएंगी। आपत्तियों का निराकरण करने के बाद अंतिम रूप से नए निकायों के गठन की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। सारी प्रक्रिया एक माह में पूरी होगी। 

राज्य में होगा शहरी इलाकों का विस्तार  

नए निकायों के गठन से कई लाभ होंगे। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार बिहार का शहरीकरण महज 11.27 प्रतिशत है, जो देश में सबसे कम है। राष्ट्रीय औसत 31.16 प्रतिशत है। नए निकाय बनने से राज्य में शहरीकरण 18 प्रतिशत के करीब हो जाएगा। निकाय बनने पर राज्य में शहरी इलाकों का विस्तार होगा। उन इलाकों में विकास कार्यों में तेजी आएगी। केंद्र की विभिन्न योजनाओं में शहरों को ही फंडिंग किए जाने का प्रावधान है। इनका लाभ भी निकाय गठन पर उन इलाकों को मिल सकेगा। इनपुट-हिंदुस्तान

सिमरीबख्तियारपुर बना नगर परिषद--



सहरसा जिले के नगर पंचायत सिमरीबख्तियारपुर को नगर परिषडमे अपग्रेड कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार पूर्व के 15 वार्ड में विभक्त नगर पंचायत में आने वाले समय मे कई वार्ड को शामिल किया गया है। जिसमे ख़ामोती एवं सिमरी पंचायत को जोड़ा गया है। इन दोनों पंचायत के जुड़ने के बाद अनुमान लगाया जा रहा तह है कि लगभग 31 वार्ड का नगर परिषद सिमरीबख्तियारपुर बनेगा। 

गुरुवार, 24 दिसंबर 2020

मुखिया एवं पंचायत सचिव की मनमानी, बिना टेंडर निकाले ही करोड़ो योजना से बनने वाली पंचायत सरकार भवन का कर दिया शिलान्यास

 एक ही जिला में चलता है अलग अलग कानून, इसकी जांच हो

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



सिमरीबख्तियारपुर प्रखंड क्षेत्र में बिंभिन्न पंचायत के कार्य कर रहे पंचायत सचिव एवं मुखिया की मनमानी चलती है। यही कारण है कि इनलोगो के द्वारा अपनी मनमानी के कारण करोड़ो की लागत से बनने वाली पंचायत सरकार भवन निर्माण कार्य का शिलान्यास कर दिया। अभी तक सिमरीबख्तियारपुर में तीन पंचायत सरकार भवन का शिलान्यास कर दिया गया है। जिसमे बघवा में तो कार्य भी प्रारम्भ हो गया है। तीन पंचायत में बघवा, सोनपुरा एवं खजूरी में बिना टेंडर निकाले ही करोड़ो रूपये योजना से बनने वाली पंचायत सरकार भवन का शिलान्यास कर दिया। इसमे सबसे अजीब बात ये है कि सोनपुरा में शिलान्यास हुए लगभग छह माह बाद भी कार्य शुरू नही हुआ। सोनपुरा के बाद बघवा पंचायत में शिलान्यास हुआ। बघवा में पंचायत सरकार भवन का निर्माण कार्य जारी है। लगभग चार दिन पहले खजूरी पंचायत में पंचायत सरकार भवन का शिलान्यास भी बिना टेंडर निकाले ही शिलान्यास कर दिया। 

1 करोड़ 21 लाख की लागत से है बनना---

सरकार के द्वारा हर पंचायत में पंचायत सरकार भवन बनाने की सरकार की योजना है। इनके कार्यकारी एजेंसी ग्राम-पंचायत  ही है। खाता भी ग्राम पंचायत के नाम से खुलता है। इसी खाते में सरकार भवन की राशि भी आती है। आश्चर्यजनक बात ये है कि मुखिया एवं पंचायत सचिव कहते है कि कैसे टेंडर निकाले हमलोगों को कोई जानकारी नही है एवं ना ही इस तरह का कोई आदेश है। 

क्या कहते है बीडीओ---

बिना टेंडर निकाले ही पंचायत सरकार भवन के शिलान्यास किये जाने की बाबत बीडीओ मनोज कुमार ने बताया कि इस संबंध में मुझे जानकारी नही है। अगर टेंडर निकलना है तो ग्राम-पंचायत खुद निकाल सकता है। हम इस बात की जानकारी ले रहे है। 

बुधवार, 23 दिसंबर 2020

नियोजित शिक्षकों के तबादले के लिए तैयार हुआ साॅफ्टवेयर, जल्दी ही शिक्षकों के तबादले की प्रक्रिया होगी तेज

 

पुरुषों की म्युचुअल बदली, देना होगा ऑनलाइन आवेदन

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



राज्य के साढ़े तीन लाख नियोजित शिक्षकों के लिए खुशखबरी है। दिव्यांग और महिला शिक्षकों की लंबे समय से हो रही ऐच्छिक तबादले की मांग जल्द पूरी होने वाली है। शिक्षा विभाग ने उनके तबादले के लिए सॉफ्टवेयर तैयार कर लिया है। सॉफ्टवेयर के जरिए ही तबादले की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। विभागीय कार्रवाई पूरी कर ली गई है। सरकार ने जो नई सेवा शर्त नियमावली बनाई है उसमें दिव्यांग और महिलाओं के तबादले किए जाएंगे।


वहीं, पुरुष शिक्षकों का तबादला म्युचुअल आधार पर हो सकेगा। इसके लिए उन्हें ऑनलाइन आवेदन करना होगा। पहले नियोजित शिक्षकों के तबादले का कोई प्रावधान नहीं था। इसके कारण सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं और दिव्यांग शिक्षकों को ही रही थी। इनकी संख्या लगभग डेढ़ लाख है। इनपुट-दैनिकभास्कर

रविवार, 20 दिसंबर 2020

नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, बिहार में नए साल में बनेंगे 40 से अधिक नए शहरी निकाय

 

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



बिहार में नए साल में शहरी निकायों की संख्या बढ़ जाएगी। शहरीकरण के मानकों में बदलाव कर राज्य सरकार इन निकायों के गठन का रास्ता पहले ही साफ कर चुकी है। ऐसे में जल्द 40 से 50  नए निकाय गठित हो सकते हैं। नए निकायों के बनने से राज्य में शहरीकरण की रफ्तार बढ़ेगी। नगर विकास एवं आवास विभाग ने नए निकायों के लिए जिलों से प्रस्ताव मांगे थे। इन प्रस्तावों की जांच की जा रही है। मानक पर खरे उतरने वाले प्रस्तावों को जल्द कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।


बिहार शहरीकरण के मामले में फिलहाल काफी पीछे है। यहां शहरीकरण का आंकड़ा महज 11 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय औसत करीब 33 प्रतिशत है। नए निकायों का गठन होने पर यह आंकड़ा 15 प्रतिशत के करीब होने की उम्मीद है। राज्य में नियमों के पेच के चलते लंबे समय से शहरी निकायों का गठन नहीं हो पाया है। एकाध बार हुआ भी तो वह न्यायिक प्रक्रिया में फंस गया। ऐसे में राज्य सरकार ने शहरीकरण के मानकों में बदलाव किया।


इसी साल छह मई को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य कैबिनेट ने इन बदलावों को मंजूरी देते हुए नए निकाय गठन का रास्ता साफ कर दिया था। नगर विकास एवं आवास विभाग ने तब जिलों से प्रस्ताव भी मांग लिया था। मगर जनसंख्या निदेशालय के एक पत्र के चलते यह काम रुक गया था। अब इसे फिर शुरू करते हुए विभाग ने नए सिरे से प्रस्ताव मांगा। इन प्रस्तावों की जांच के लिए विभाग ने कई टीमें गठित की हैं। जिलों से एडीएम, डीपीआरओ, स्टेटिक अफसर सहित अन्य पदाधिकारियों को भी बारी-बारी से बुलाया गया। इनपुट-हिंदुस्तान

गुरुवार, 17 दिसंबर 2020

बिहार में पहली बार बैलेट पेपर नहीं, ईवीएम से पंचायत चुनाव की तैयारी; अगले वर्ष मार्च और मई के बीच होने हैं चुनाव

 

राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायती राज विभाग को भेजा प्रस्ताव, मंजूरी का इंतजार

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



बिहार में अगले साल होने वाला पंचायत चुनाव इलेक्ट्राॅनिक वोटिंग मशीन से कराने की तैयारी चल रही है। राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बाबत राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा है। अभी तक पंचायत चुनाव बैलेट पेपर से होते रहे हैं। अगर राज्य सरकार से ईवीएम से चुनाव की हरी झंडी मिल जाती है तो ईवीएम से चुनाव का यह पहला मौका होगा। शहरी निकाय के चुनाव ईवीएम से होते हैं।


आयोग के सूत्रों के अनुसार ईवीएम से चुनाव कराने के लिए आयोग ने सरकार से आवंटन उपलब्ध कराने का भी अनुरोध किया है। अगले वर्ष मार्च से मई के बीच पंचायत चुनाव होना है। अधिकतम नौ चरणों में पंचायत चुनाव की तैयारी है। जिला परिषद, पंचायत समिति सदस्य, ग्राम पंचायत मुखिया, ग्राम कचहरी सरपंच, ग्राम पंचायत सदस्य और ग्राम कचहरी पंच के करीब 2 लाख 58 हजार पदों पर चुनाव होना है। पिछले पंचायत चुनाव में 1 लाख 19 हजार 24 बूथ बनाए गए थे।

6 पद के लिए चुनाव: 15 हजार ईवीएम का इस्तेमाल संभव--

पंचायत चुनाव में नई तकनीक वाली ईवीएम का इस्तेमाल होगा। यह मल्टीपल पोस्ट ईवीएम होगी। चूंकि छह पदों के लिए चुनाव कराए जाने हैं इसलिए एक कंट्रोल यूनिट के साथ 6 बैलेट यूनिट जुड़े होंगे। खास बात यह होगी कि आयोग महज 15 हजार ईवीएम से ही पूरा चुनाव कराने की तैयारी में है। नई तरह की ईवीएम में एक मेमोरी चिप लगी होगी। लिहाजा एक चरण के चुनाव के बाद दूसरे चरण में इसी ईवीएम का इस्तेमाल हो सकेगा। उम्मीद है कि पंचायती राज विभाग ईवीएम से चुनाव पर सहमति दे देगा।

4 राज्यों में ईवीएम से हो रहे पंचायत चुनाव

हरियाणा, राजस्थान, केरल और मध्य प्रदेश में ईवीएम से पंचायत चुनाव कराए जा रहे हैं। बिहार में अगर इसकी अनुमति मिलती है तो यह पांचवां राज्य होगा।साभार-दैनिकभास्कर

सोमवार, 14 दिसंबर 2020

बिना स्थल पर कार्य किये इंजीनियर से मिलीभगत कर गबन कर दिया 4 लाख 86 हजार, एएसडीएम की जांच से खुलासा

 बनमा इटहरी प्रखंड के इटहरी पंचायत में संचालित सात निश्चय योजना में जमकर हुआ लूट, होगी राशि की रिकवरी

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



बनमा इटहरी प्रखंड के इटहरी पंचायत में  मुख्यमंत्री ग्रामीण नली गली पक्की  करण सात निश्चय योजना के तहत वार्ड संख्या 4 में वार्ड सदस्य पंचायत सचिव जेई के मिलीभगत से  4 लाख 86 हजार राशि का गबन यह मामला तब प्रकाश में आया जब एएसडीएम अश्वनी कुमार ने जांच के लिए वार्ड पहुंचे तो स्थल पर सिर्फ मिट्टी डालकर कार्य को पूर्ण दिखाकर राशि का उठाव कर लिया गया।  मोहनपुर वार्ड संख्या 4 में शिव मंदिर से अरविंद यादव के घर तक मिट्टी सोलिंग एवं पीसीसी ढलाई कार्य को पूर्ण दिखाकर राशि का उठाव कर लिया गया।  जबकि धरातल पर बिना काम किए ही राशि का उठाव मिलीभगत से कर लिया गया। योजना संख्या 2/17-18  से 2 लाख 87 हजार की राशि से शिव मंदिर से उपेंद्र पासवान के घर तक मिट्टी भराई ईट सोलिंग एवं ढलाई कार्य एवं योजना संख्या 1/ 17-18 से 7 लाख 79 हजार की राशि से शिव मंदिर से लालू यादव के घर तक मिट्टी भराई ईट सोलिंग एवं पीसीसी ढलाई कार्य  कर्क राशि का उठाव कर लिया गया।। जबकि जांच के दौरान स्थल पर मानक के अनुसार कार्य नहीं किया गया था, जहां ढ़लाई की मोटाई 6 होना चाहिए  वही 3 इंच ही किया गया। सड़क जगह-जगह से टूट चुके थे।  ग्रामीणों का कहना था कि वार्ड सदस्य मानक के अनुसार कार्य नहीं किया है। जब हम लोग बोलते थे तो हम लोगों को डरा कर भगा दिया करते थे।  वहीं सड़क के निर्माण से के 1 साल के अंदर ही सड़क जगह-जगह से टूट चुके हैं।  जिस पर चलना भी मुश्किल हो गया है।



  वार्ड 3 में 4 लाख 58 हजार रुपया योजना संख्या 1/17-18 --मेदनी यादव के घर से सुरेश यादव के घर जा तक मिटटी सोलिंग एवं पीसीसी ढलाई कार्य, 6 लाख 56 हजार रुपया योजना संख्या 2/17-18 --बनारसी पासवान के घर से नावों मिया के घर जा तक मिटटी सोलिंग एवं पीसीसी ढलाई कार्य, वही 2 लाख 61 हजार रुपया, योजना संख्या 2/18-19 --मेन रोड से मस्जिद तक  मिटटी सोलिंग एवं पीसीसी ढलाई कार्य वही 5 लाख 8 हजार रुपया, योजना संख्या 2/18-19 -- मुख्य सड़क से विवेक यादव के घर तक तक  मिटटी सोलिंग एवं पीसीसी ढलाई कार्य किया गया वहीं इस वार्ड में भी सड़कों की हालत काफी दयनीय है। किसी भी योजना में बोर्ड नहीं लगाया गया। 

 इस संबंध में एएसडीएम अश्वनी कुमार से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि वार्ड की जांच की गई है जिससे जिसमें वार्ड क्रियावन समिति द्वारा मानक के अनुसार कार्य नहीं किया गया है औसतन 40 से 50 प्रतिशत राशि रिकवरी के लिए  जिलाधिकारी को अनुसंशा कर दिया गया है। 

रविवार, 6 दिसंबर 2020

सास ने सुपारी देकर कराई दामाद की हत्या, पुलिस ने किया सनसनीखेज खुलासा

 कटिहार का रहने वाला दामाद पटना में करता था कारोबार

कोशी बिहार टुडे,सहरसा



पटना से सटे फुलवारीशरीफ में पुलिस ने एक हत्याकांड का सनसनीखेज खुलासा किया है। 14 नवंबर की रात यहां की अल्वा कॉलोनी में दुकानदार की हत्या उसकी सास ने ही सुपारी देकर करवाई थी। पुलिस ने आरोपी सास को गिरफ्तार कर लिया है। 


सास ने दामाद की हत्या के लिए दे डाली सुपारी-पुलिस

पुलिस के मुताबिक आरोपी सास नगमा ने ही सुपारी किलर को 20 हजार रुपये देकर दामाद खुर्शीद की हत्या करवाई थी। शुक्रवार को पुलिस ने हत्याकांड की मास्टरमाइंड सास को गिरफ्तार भी कर लिया है। दरअसल 14 नवंबर को अल्वा कॉलोनी में कटिहार निवासी खुर्शीद की ईंट से कूच कर और गला काट कर बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। फुलवारीशरीफ पुलिस के लिए ये बिल्कुल ब्लाइंड केस था। शक के आधार पर पुलिस ने जब नगमा को गिरफ्तार किया तो उसने अपने दामाद की हत्या कराने का जुर्म कबूल कर लिया। मृतक की सास के मुताबिक उसका दामाद हमेशा उसे पैसों के लिए परेशान करता था। इसी से आजिज आकर नगमा ने दामाद खुर्शीद की हत्या की सुपारी दे दी। पुलिस ने इस मामले में महताब नाम के सुपारी किलर को भी गिरफ्तार किया है। वहीं दूसरा अपराधी साहेब फरार हो गया है। साभार-नव भारत टाइम्स

मंगलवार, 1 दिसंबर 2020

अपराधियो ने 10 लाख लेकर अपहृत मनरेगा जेई मुकेश कुमार भारती को किया था मुक्त

24 नबम्बर को जेई मुकेश कुमार भारती को घर आने के क्रम में किया था अपहरण

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



 सौरबाजार में पदस्थापित मनरेगा जेई मनोज कुमार भारती के अपहरण में नया खुलासा हुआ है। अपहृत जेई के पिता व साला ने बदमाशों को 10 लाख फिरौती दी थी जिसके बाद बदमाशों ने जेई को मुक्त किया था। अपहरण की घटना में शामिल तीन बदमाशों को पिस्तौल के साथ गिरफ्तारी के बाद फिरौती लेने की बात बदमाशों ने स्वीकार की। बदमाशों के निशानदेही पर पुलिस ने पांच लाख रुपये की बरामदगी भी कर ली है।


एसपी राकेश कुमार ने बताया कि सकरौली निवासी कनीय अभियंता को घर जाने के दौरान बदमाशों ने अपहरण कर लिया था। जिसके बाद जेई के पिता फुलेश्वर साह से बदमाशों द्वारा 15 लाख की फिरौती मांगी गई थी। जिस आधार पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कुख्यात बदमाश भरत यादव को सुलिदाबाद से गिरफ्तार कर लिया गया। इसी बीच जानकारी मिली कि बदमाश अपहृत जेई को सहरसा की ओर लेकर आ रहे हैं। जिसके बाद पुलिस दबिश बढ़ाई गई तो बदमाश जेई को चांदनी चौक पर मुक्त कर भाग निकला।

स्वजनों ने दिया था 10 लाख

एसपी ने बताया कि इस मामले में शामिल अन्य बदमाशों की गिरफ्तारी को लेकर लगातार कार्रवाई की जा रही थी। इसी बीच नवहट्टा थाना के हाटी निवासी अमोद कुमार को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि सुखासन गांव के रंधीर कुमार और विकास कुमार उनके पास आये थे और बताए कि डरहार के लालू घाट पर जो नाविक तुम्हारा मौसा है उसी के नाव से नदी के पूरब की ओर से 10 लाख रुपये लेकर एक व्यक्ति देगा जिस रुपये को नाव से पार कराकर पश्चिम किनारे लाकर मुझे देना है। इसके एवज में दस हजार रुपया दिया जाएगा। पांच हजार रुपये एडवांस में दिया गया। आमोद ने बताया कि रंधीर व विकास के बतायेनुसार अपनी बाइक से लालू घाट नदी किनारे गये और नाव पर जाकर उस व्यक्ति से रुपये भरा थैला लेकर रंधीर व विकास को दे दिये। एसपी ने बताया कि पुलिस ने रंधीर व विकास को गिरफ्तार किया। दोनों के पास से दो देसी पिस्तौल व चार गोली व एक बाइक बरामद किया गया। पूछताछ के बाद रंधीर यादव के घर के बगल से पांच लाख रुपये बरामद किया गया। एसपी ने कहा कि बरामद रुपये की छानबीन की गई तो पाया गया कि जेई के स्वजनों ने पुलिस से छिपाकर बदमाशों को 10 लाख रुपये दिया था।

घटना में प्रयुक्त कार बरामद

एसपी ने बताया कि जिस कार से जेई का अपहरण किया गया था वह मधेपुरा जिला के परमानंदपुर ओपी के घोपा गांव से बरामद कर लिया गया। उन्होंने बताया कि तीनों बदमाश ने अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है।

जेई के अपहरण में सात बदमाश शामिल थे। जिसमें से चार की गिरफ्तारी हो चुकी है। तीन की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। पांच लाख रुपये, प्रयुक्त कार, दो बाइक, चार गोली व दो पिस्तौल बरामद किया गया है। साभार-दैनिक जागरण

राकेश कुमार, एसपी, सहरसा।

अधिवक्ता हत्या कांड के 48 घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस खाली हाथ, मृतक के परिजन के घर सन्नाटा

 मृतक अधिवक्ता की पत्नी विनीता कुमारी के फ़र्दव्यान पर थाना में मामला दर्ज कोशी बिहार टुडे। सहरसा सोमवार सुबह बख्तियारपुर थाना क्षेत्र अंतर्ग...