रविवार, 26 दिसंबर 2021

यूरिया की किल्लत जेब पर भारी, खाद के लिये दर दर भटक रहे है किसान, अधिकारी सो रहे है चैन का नींद

जितनी डिमांड उनती नहीं सप्लाई, कालाबाजारी भी बन गई परेशानी, प्रति बैग 266 की जगह 450 रुपए में हो रहा उपलब्ध

कोशी बिहार टुडे, सहरसा

सौर बाजार के किसान सिमरीबख्तियारपुर से अपने रिश्तेदार के यहां से खाद ले जाते हुये

दिसंबर में जिले को 16618 मीट्रिक टन यूरिया की आवश्यकता होती, अब तक 7459.14 एमटी ही आपूर्ति


पहले डीएपी की किल्लत के कारण रबी फसल की बुआई में देरी हुई अब गेहूं के पौधे को किसानों ने एक पटवन कर दिया है। पर यूरिया की किल्लत ने उनकी परेशानी बढ़ा दी है। किल्लत जेब पर भारी पड़ रही। मनमाना कीमत देने वाले किसानों को सरकार द्वारा निर्धारित कीमत 266 रुपए प्रति बैग की जगह दोगुनी कीमत में दुकानदार यूरिया उपल्बध करा रहे है। जिले भर में यूरिया की स्थिति यह है कि एक प्रखंड के लोग दूसरे प्रखंड क्षेत्र स्थित अपने रिश्तेदारों से बात कर यूरिया की आवश्यकता पूरी करने में लगे हैं। विभाग के अधिकारी कहते हैं कि जितनी डिमांड है उतनी सप्लाई नहीं हो रही है। दो-तीन दिनों में रैक आने के बाद समस्या कुछ हद तक दूर होगी। इधर कुछ दुकानदार कालाबजारी कर 266 रुपये की यूरिया को 450 रुपये में बेच रहा है। लेकिन सिमरीबख्तियारपुर प्रशासन को किसान की ये समस्या नही दिख रहा है। दुकानदार मनमानी कर रहा है। 

 इधर जानकार सूत्रों ने बताया कि काफी दिनों से सहरसा में यूरिया का रैक नहीं आया है। कुछ दिन पहले खगड़िया से सहरसा को यूरिया का कुछ आवंटन मिला था। लेकिन वह ऊंट के मुंह में जीरा का फोरन साबित हुआ है। बाजार के खाद विक्रेताओं का कहना है कि विगत पांच दिन से खाद नहीं मिल रहा है। दुकानदारों का कहना है कि रोज किसान को कहना पड़ता है कि एक दो दिन में रैक आ जाएगा तो दिया जाएगा। लेकिन इसी इंतजार में 5 दिन बीत गए, लेकिन खाद का कोई रैक सहरसा नहीं आया। दूसरे प्रखंड के किसान भी खाद के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। सौर बाजार के लक्ष्मीनिया गांव से एक किसान लालू कुमार एक अन्य ग्रामीण के साथ सलखुआ थाना के गोरियारी गांव के रिश्तेदार के यहां से तीन बोरा खाद मदद के रूप में लिया। चूंकि उक्त किसान को 10 दिन बाद खाद की जरूरत थी, इस कारण उन्हें यूरिया दिया। गेंहू व दलहन में यूरिया देना बहुत जरूरी है। किसान प्रमोद साह, रायपुरा के रत्नेश्वर सिंह, तुर्की के अमरेंद्र यादव, रंगिनिया के योगेंद्र यादव ने बताया कि बाजार में यूरिया नहीं मिल रहा है।

गोदाम में 5 दिन से यूरिया नहीं है : मनिषेक

          खाद के अभाव में 5 दिन से बन्द है बिस्कोमान गोदाम

बिस्कोमान गोदाम के सहायक मैनेजर मनिषेक कुमार ने बताया कि गोदाम में 5 दिन से यूरिया नहीं है। सोमवार को गोदाम खुलेगा अगर खाद उपलब्ध हुआ तो किसानों के बीच वितरण किया जाएगा। कुछ किसानों ने बताया कि बहुत कोशिश करने पर खाद मिलता है लेकिन 266 रुपए के बदले साढ़े चार सौ रुपए में खुलेआम बेचता है। प्रखंड़ कृषि पदाधिकारी संजीव कुमार सिंह ने खाद का रैक एक दो दिन में आने की बात कही। उन्होंने बताया कि हरेक खाद दुकान पर कर्मी प्रतिनियुक्त है। अगर कही से भी खाद दुकानदार ज्यादा रुपए देकर खाद बेचता है तो करवाई की जाएगी। जिले में यूरिया की कमी के पीछे डिमांड और सप्लाई के बीच बहुत बड़ा फासला होना है। रबी बुआई के सीजन के समय यानी दिसंबर माह तक जिले को 16618 मीट्रिक टन यूरिया की आवश्यकता होती है जबकि इस वर्ष 25 दिसंबर तक जिले को मात्र 7459.14 मीट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति हुई। इनपुट--दैनिकभास्कर

शनिवार, 18 दिसंबर 2021

युवा समाजसेवी ने 270 गरीबो के बीच बांटा कंबल, एक हजार कंबल बाँटने का लक्ष्य

 सिमरीबख्तियारपुर के भटोनी गांव निवासी मनीष गुप्ता कोरोना काल मे भी गरीबो का किया था मंदद

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



वर्ष 2019 एवं 2020 में आई कोरोना ने लोगो को बहुत कुछ सीखने को मजबूर कर दिया। इस कोरोना में कई अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधियों ने कोरोना जैसे महामारी में अवसर का तलाश किया, एवं जमकर कमाई किया तो कई समाजसेवी ने लोगो की मदद भी निःस्वार्थ किया। 

सिमरीबख्तियारपुर प्रखंड़ के भटोनी पंचयात के भटोनी गांव निवासी समाजसेवी मनीष गुप्ता के द्वारा 270 गरीब, लाचार एवं असहाय लोगो के बीच कंबल का वितरण किया। इस मौके पर उन्होनें कहा कि इस ठंड के मौसम में एक हजार लोगो के बीच कंबल का वितरण का लक्ष्य रखा गया है। शनिवार को भटोनी, चकभारो, पहाडपुर, लोनिया पार आदि गांव के गरीब, लाचार लोगो को कंबल दिया। उन्होंने बताया कि हमलोग गांव गांव जाकर गरीब लोगों की सूची बनाते है, उसके बाद फिर इन गरीबो के बीच समान का वितरण करते है। मनीष गुप्ता के द्वारा कोरोना काल मे भी काफी गरीबो का मंदद किया था। फ़िल्म अभिनेता सोनू सूद से मिलकर कई महिलाओं को सिलाई मशीन तो कई लोगो की दुकान भी खुलवाया। इसके साथ कि लगभग हजारों लोगों को राशन दिया।



बुधवार, 15 दिसंबर 2021

लाखो खर्च कर बने मुखिया को सरकार ने दिया जोरदार झटका, मुखिया योजनाओं का नही काटेंगे चेक

 पचायती राज विभाग ने लिया फैसला, ऑनलाइन होगा भुगतान

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



लाखों खर्च कर मुखिया बनने वाले लोगों को धक्का लगा है। पंचायत के कल्याणकारी योजनाओं में कार्य एजेंसी को चेक देने से पूर्व हिस्सेदारी को लेकर चर्चा में रहने वाले मुखिया व अन्य पंचायत प्रतिनिधि अब योजनाओं से संबंधित चेक काट नहीं पाएंगे। ग्राम पंचायत की सभी योजनाओं के खर्च का भुगतान अब ऑनलाइन होगा। पंचायत के खाते में राशि सीधे संबंधित व्यक्ति व कार्य एजेंसी के खाते में चली जाएगी। इस पैसे का हिसाब भारत सरकार के पोर्टल ई -ग्राम स्वराज पर दिखेगा। किस योजना में किस दिन कितनी राशि दी गई इसका पूरा विवरण पोर्टल पर दिखाई देगा।

ग्राम पंचायतों में 15वें वित्त आयोग की राशि से संचालित होने वाली सभी योजनाओं में खर्च की राशि का ऑनलाइन भुगतान अनिवार्य कर दिया गया है।  पंचायती राज विभाग द्वारा तैयारी शुरू कर दी गई है। ऑनलाइन भुगतान के लिए संबंधित पदाधिकारियों और त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों का डिजिटल हस्ताक्षर लिया जा रहा है। यह व्यवस्था जिला परिषद, पंचायत समिति और ग्राम पंचायत तीनों में लागू होगी। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था के लागू होने से सरकारी फंड का उपयोग भारत सरकार के नियंत्रण में रहेगा। सरकार जरूरत के हिसाब राशि का उपयोग दूसरे स्थानों पर भी कर सकेगी।

सरकार के खाते में ही रहेगी योजनाओं की राशि

नई व्यवस्था के तहत अब पंचायत के खाते में राशि नहीं रहेगी। योजना की राशि सेंट्रलाइज सरकार के पास होगी। पंचायत को उसके हिस्से की राशि की जानकारी रहेगी। वह जितनी जरूरत होगी उतना ही राशि ऑनलाइन भुगतान कर सकेंगे। इससे शेष राशि सुरक्षित रहेगी। ताकि जरूरत पर सरकार दूसरे स्थानों पर भी खर्च कर पाएंगी। राशि किसी पंचायत में ब्लॉक नहीं होगी।

भुगतान उठा लेने के बाद भी कार्य को पूरा नहीं किया जाता था

पंचायत में चल रही योजनाओं की राशि का भुगतान ऑनलाइन करने का मुख्य उद्देश्य भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना है। जनप्रतिनिधियों और अफसरों की मिलीभगत से योजनाओं की राशि का बंदरबांट भी होती है। भुगतान उठा लेने के बाद भी कार्य को पूरा नहीं किया जाता है। इससे सरकार की राशि फंस जाती है। ऑन लाइन व्यवस्था से राशि की बंदरबांट पर रोक लगेगी। योजनाआें का कार्य ससमय पूरा किया जा सकेगा।

प्रतिनिधियों का डिजिटल हस्ताक्षर रजिस्टर्ड होगा

पंचायत में चल रही सभी योजनाओं का भुगतान पब्लिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऑनलाइन किया जाएगा। इसमें पदाधिकारियों और प्रतिनिधियों का डिजिटल हस्ताक्षर रजिस्टर्ड होगा। पीएफएमएसएस सभी पंचायतों का खाता चालू किया जाएगा। जन प्रतिनिधि का एक पासवर्ड भी होगा। इसे डालने के बाद ही राशि का भुगतान हो सकता है। इनपुट-दैनिकभास्कर

शनिवार, 11 दिसंबर 2021

विद्यालय निरीक्षण करने आये डीपीओ को विदयालय में मिला मात्र एक छात्र, चावल की नापी कर चलते बने

 विदयालय में नामांकित 460 छात्र नामांकित, लेकिन डीपीओ के पहुचने पर मिला एकमात्र छात्र

कोशी बिहार टुडे, सहरसा

मध्य विद्यालय बदिया-बलहमपुर में डीपीओ के निरिक्षण में मात्र एक छात्र थे उपस्थित

सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड में कोसी तटबंध के अंदर हो या बाहर शिक्षा विभाग का बहुत ही बुरा हाल हो गया है। शिक्षा की गुणवत्ता की बात तो दूर हाल यह है कि स्कूल में ना तो शिक्षक रहते हैं और ना ही बच्चों की उपस्थिति देखी जा रही है। जिसका खुलासा कोई ओर नहीं खुद ही शिक्षा विभाग से जुड़े पदाधिकारी के निरीक्षण से हुआ है। जब पदाधिकारी के द्वारा एक स्कूल का निरीक्षण किया गया तो वहां पर लगभग नामांकित 460 बच्चों में से मात्र एक बच्चे उपस्थित थे और 8 शिक्षक में से दो-तीन शिक्षक ही उपस्थित पाये गये। आश्चर्य जनक बात ये है कि मात्र एक छात्र के विदयालय में उपस्थित रहने से डीपीओ तो हक्का-बक्का रहे, लेकिन चावल की नापी कराकर चलते बने। आग ग्रामीणों का कहना है कि अगर शिक्षा विभाग इन विदयालय के प्रधान सहित अन्य शिक्षक पर करवाई नही करेगी तो हमलोग फिर आगे की रणनीति पर विचार करेंगे। 



        शुक्रवार को एमडीएम विभाग के डीपीएम अमित कुमार प्रखंड के मध्य विद्यालय बदिया बलहमपुर में एमडीएम का भंडारित खाद्यान्न की जांच करने स्कूल पहुंचे। जिसके साथ में एमडीएम विभाग का डीआरपी संत कुमार भारती तथा स्थानीय बीआरपी विनय कुमार भी थे। डीपीएम स्कूल पहुंचने के बाद स्कूल की स्थिति देख खुद हक्का बक्का रह गए। स्कूल में मात्र एक ही बच्चे उपस्थित पाये और तीन शिक्षक मौके पर उपस्थित देखे। हालांकि स्कूल में डीपीएम के पहुंचने की खबर मिलते ही दो-तीन शिक्षक और भी हांफते-हांफते पहुंच गए। वहीं मिली जानकारी अनुसार डीपीएम के निरीक्षण में स्कूल के प्राधानाध्यापिका सुनैना कुमारी अनुपस्थित देखी गई। जिनके बारे में शिक्षको ने बताया कि वे 7 दिसम्बर से 11 दिसम्बर तक शिक्षा समिति के अध्यक्ष से अनुमति लेकर आकस्मिक अवकाश पर है। 


वितरण करने के बजाय स्कूल में मिला खाद्यान्न का भंडार :-



विद्यालय में भंडारित खाद्यान्न का जांच करने पहुंचे डीपीओ को स्कूल में भारी मात्रा में उपलब्ध खाद्यान्न का भंडार मिला। जो कि कुछ कोठी तो कुछ बोरा में रखा हुआ मिला। डीपीओ ने शिक्षा समिति तथा ग्रामीणो की मौजूदगी में स्कूल में भंडारित खाद्यान्न का तराजू पर मापी कराया। खाद्यान्न की मापी कराने के बाद कुल लगभग साढ़े 82 क्वींटल खाद्यान्न स्टॉक में मिला। जबकि भंडारित खाद्यान्न को बच्चो के बीच वितरण कराना था।


ग्रामीणो ने जमकर किया शिकायत :-

स्कूल निरीक्षण करने पहुंचे डीपीएम को ग्रामीणो ने जमकर शिकायत किया। ग्रामीणो ने कहा कि स्कूल में पठन पाठन नहीं होती है। शिक्षक भी एक्का-दुक्का ही आते हैं। जिसके कारण स्कूले आने-जाने से स्कूली बच्चों की दिलचस्पी कम हो गई है। स्कूल की स्थिति बद से बदतर हो गई है। शिकायत करने के बाद भी विभाग के स्थानीय पदाधिकारी व अधिकारी के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किया जाता है। लिहाजा शिक्षको का हौंसला बुलंद रहता है और वे अपने मनमर्जी से स्कूल का संचालन कर रहे हैं। वहीं इसके अलावा ग्रामीणो ने कहा कि स्कूल में खाद्यान्न के भारी मात्रा में भंडार रहने के बावजूद भी शिक्षक के द्वारा वितरण नहीं किया जाता है। बीते वर्ष 2020 के दिसम्बर माह से लेकर अब तक खाद्यान्न का वितरण नहीं किया गया है।


क्या कहते हैं पदाधिकारी :-

एमडीएम विभाग के डीपीएम अमित कुमार ने स्कूल की बदतर स्थिति पर नाराजगी जताते ग्रामीणो को आश्वासन दिया कि स्कूल से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा तथा विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

शुक्रवार, 10 दिसंबर 2021

सलखुआ में भी बदलाव की लहर, 11 में से 8 निवर्तमान मुखिया चुनाव हारे,

 टिक-टॉक स्टार संचिता बसु की मां भी चुनाव हारी, मात्र तीन मुखिया बचा सके अपनी प्रतिष्ठा

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



पंचायत चुनाव के 10वें चरण में ही बदलाव की लहर जारी रही। सलखुआ के 11 पंचायतों में हुए मतदान की नतीजा शुक्रवार को जारी हुआ, जिसमें 8 पंचायत में लोगों ने निवर्तमान मुखिया को नकारते हुए नए चेहरे पर भरोसा जताया। प्रखंड के मात्र 3 मुखिया ही अपनी प्रतिष्ठा बचा पाने में सफल रहे। सबसे रोचक मुकाबला प्रखंड के सलखुआ पंचायत में देखने को मिला।

जहां बिहार के वर्तमान उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के चचेरे भाई और मुखिया प्रत्याशी राकेश कुमार भगत को करारी हार का सामना करना पड़ा है। उन्हें पंचायत में मात्र 45 मत ही मिले। वे पंचायत में मुखिया पद के लिए खड़े कुल 7 उम्मीदवार में संयुक्त रूप से छठे स्थान पर रहे। जबकि सितुआहा पंचायत से मुखिया पद पर निवर्तमान जिला परिषद सदस्य श्यामली देवी खड़ी थी।

उनका मुकाबला टिक-टॉक स्टार के रूप में मशहूर संचिता बसु की मां वीणा देवी से था। साथ ही निवर्तमान मुखिया पिंकी देवी भी अपना भाग्य अजमा रही थी। लेकिन मतगणना के बाद संगीता यादव सभी पर भारी पड़ी है। जबकि वीणा देवी को दूसरा स्थान और श्यामली देवी को पांचवां स्थान मिला।

अलानी पंचायत के वर्तमान मुखिया संजू निषाद, उटेसरा पंचायत के वर्तमान मुखिया अनिल कुमार उर्फ अनिल महंत और कोपड़िया पंचायत के वर्तमान मुखिया अमृता कुमारी ने फिर से अपनी सीट जीत लिया है। जबकि कुल चार निवर्तमान मुखिया दूसरे स्थान पर रहे है। जिनमें चानन से चंदुला देवी, कबीरा से कलर सादा, हरेवा से रमन कुमार और सलखुआ से मिथिलेश विजय हैं।

गोरदह से मौजूदा मुखिया के परिवार ने नहीं लड़ा था चुनाव

साम्हरखुर्द पंचायत के निवर्तमान मुखिया राम बालक सादा के मौत हो जाने के बाद उनके पुत्र रामाशीष सादा खड़े हुए थे। उन्हें और रणवीर चौधरी को कुल 884-884 मत मिले। दोनों संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर रहे। गोरदह पंचायत के निवर्तमान मुखिया साधु शरण साह न तो खुद खड़े हुए और न ही उनके कोई अन्य परिजन चुनाव में खड़े हुए है।

साम्हरखुर्द पंचायत में हुआ सबसे नजदीकी मुकाबला

बड़ी जीत-हार की बात करें तो मोबारकपुर पंचायत के नाजरा परवीण ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को 1366 मतों से हराकर बड़ी जीत दर्ज की हैं। जबकि साम्हरखुर्द पंचायत के विजयी उषा देवी मात्र 14 मत से जीत दर्ज किया है।

जिप क्षेत्र संख्या-19 से कम्युनिष्ट नेता ओम प्रकाश नारायण को मिली हार


जिला परिषद क्षेत्र संख्या 20 पर पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष सुरेंद्र यादव की पत्नी किरण देवी ने जीत दर्ज की है। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी रूणा देवी को 576 मतों से पराजित किया है। उक्त सीट का परिणाम काफी रोचक रहा। शुरुआत में वे लगभग तीन हजार मत से पिछड़ते नजर आ रहे थे। लेकिन अंतिम दो पंचायत की गिनती में उन्हें अप्रत्याशित जीत दिला दी। जबकि क्षेत्र संख्या 19 से अनिल भगत की जीत ने सबको चोंका दिया। नजदीकी मुकाबला में अनिल भगत ने जीत दर्ज किया। इनपुट-दैनिकभास्कर

प्रसिद्ध बाबा मटेश्वर धाम में 1,2 एवं 3 मार्च को होगा मटेश्वर महोत्सव, बिहार सरकार ने दिया राजकीय महोत्सव का दर्जा

कला एवं संस्कृति विभाग ने कार्यक्रम के लिए राशि भी करा दिया उपलब्ध

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



 बिहार सरकार के कला संस्कृति विभाग ने सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के काठों पंचायत स्थित बाबा मटेश्वर धाम मंदिर में प्रत्येक वर्ष होने वाले मटेश्वर महोत्सव को को राजकीय महोत्सव का दर्जा प्रदान कर दिया है। इसके साथ ही विभाग ने आयोजन के लिए राशि भी जिला को उपलब्ध करा दिया है। 

शुक्रवार को मंदिर परिसर में आयोजित एक बैठक में न्यास समिति के अध्यक्ष सह पूर्व विधायक डॉ अरुण यादव ने विभाग द्वारा महोत्सव का दर्जा मिलने की जानकारी दी। इस मौके पर मीडिया से बातचीत में पूर्व विधायक ने कहा कि न्यास समिति की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, कला संस्कृति मंत्री आलोक रंजन, एवं विशेष योगदान देने के लिए सांसद दिनेशचंद्र यादव व जिलाधिकारी कौशल कुमार का योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है उपरोक्त लोगों की वजह से आज महोत्सव का दर्जा मिला इसके लिए सभी का आभार है।



पुरातात्विक दृष्टिकोण से बाबा मटेश्वर धाम मंदिर का पूरे भारतवर्ष में विशेष पहचान बन चुका है। उन्होंने कहा कि आगामी 2022 में होने वाले राजकीय मटेश्वर महोत्सव की तारीख मार्च माह में एक दो एवं तीन मार्च को आयोजित किया जाएगा। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि मटेश्वर महोत्सव के लिए जिला कोषागार में पन्द्रह लाख रूपए की राशि विभाग द्वारा उपलब्ध करा दी गई है।

इस मौके पर उपाध्यक्ष सत्यनारायण सिंह, सचिव जगधर यादव, श्रावणी मेला के जनक मुन्ना भगत, विनोद सिंह, धर्मवीर सिंह, रामोतार यादव, पिंकू यादव, शैलेन्द्र कुमार सिंह, महेश ठाकुर, कृष्ण कन्हैया, दीपक सिंह, सौरभ कुमार, परितोष कुमार, ब्रह्मदेव तांती, अरविंद यादव सहित अन्य लोग मौजूद थे।

बुधवार, 8 दिसंबर 2021

खाद के लिये किसान है परेसान, बाजार के दुकान में ऊंची कीमत पर खाद बेच रहा दुकानदार

 सिमरीबख्तियारपुर अनुमंडल के शासन-प्रशासन को नही दिख रहा किसान की परेसानी

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



सिमरीबख्तियारपुर नगर परिषद के पुरानी बाजार में खाद के लिये बिस्कोमान गोदाम में सबेरे से लगी है किसान की भीड़

इस समय रबी फसल की बुआई जोड़ो से चल रहा है। इस समय किसान के समीप दो-तरफा परेसानी का सामना करना पर रहा है। किसान खेत की तैयारी करें, या खाद के लिये सुबह से लाइन में लगे। किसान के बीच खाद के लिये अफरातफरी मचा है। नगर परिषद के पुरानी बाजार स्थित बिस्कोमान खाद गोदाम में पहले से ही खाद की किल्लते चल रही है। किसान को जरूरत के मुताबिक खाद नही मिल रहा है। जिन कारण किसान खाद के लिये परेसान है। बिस्कोमान गोदाम खाद लेने आये तरियामा के  किसान सिकंदर राम, प्रमोद साह, रायपुरा के रत्नेश सिंह, महेंद्र सिंह, भौरा के अशोक यादव, तुर्की के अमरेंद्र यादव ने बताया कि बाजार में ब्लेक से खाद ऊची कीमत पर बेचा जा रहा है। उन्होंने बताया कि बाजार में डीएपी 1700 रुपये प्रति बोरा, आईपीएल 1650 रुपये, पोटाश 1400, यूरिया 330 रुपये बोरा बेच रहा है। इतनी ऊची कीमत पर खाद लेना किसान की बस की बात नही है। यही कारण है कि किसान बिस्कोमान गोदाम खाद के लिये सुबह से ही लगे रहते है। 

किसान की परेसानी नही दिख रहा है अधिकारी को--

सिमरीबख्तियारपुर के एसडीओ, बीडीओ, एवं कृषि पदाधिकारी को किसान की परेसानी नही दिख रहा है। बाजार  के दुकानदार के द्वारा खाद में प्रतिबोरा 250 से 350 रुपये बढ़ोतरी किये जाने के कारण किसान दुकान से खाद नही खरीद रहा है।  प्रतिदिन किसान खाद के लिये मारामारी कर रहा है, लेकिन अधिकारी पूरी तरह से अनजान बना है। किसान का कहना है कि अगर पदाधिकारी बाजार के खाद दुकान पर किसी पदाधिकारी को तैनात करे एवं खुद निरीक्षण करे तो किसान को वाजिब दाम में बाजार से खाद मिलना शुरू हो जाएगा। लेकिन किसान की समस्या का समाधान नही हो रहा है। किसान काफी परेसान है।

शुक्रवार, 3 दिसंबर 2021

कोशी में देश के सबसे लंबे पुल की निर्माण कार्य शुरू, भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बन रहा 10.2 किलोमीटर लंबा पुल

सुपौल से मधुबनी की दूरी होगी 30 किमी कम, 2023 दिसंबर तक महासेतु का निर्माण होगा पूरा


असम का 9.15 किमी लंबा भूपेन हजारिका सेतु अभी देश में सबसे लंबा, इससे 1 किमी ज्यादा लंबा होगा यह पुल

कोशी बिहार टुडे, सहरसा


   सुपौल के बकौर से और मधुबनी जिले के भेजा के बीच देश के सबसे लंबा सड़क पुल बन रहा है। केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से 984 करोड़ की लागत से 10.2 किलोमीटर लंबे महासेतु का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। एप्रोच रोड मिलाकर पुल की लंबाई 13.3 किलोमीटर होगी। निर्माण कार्य दो एजेंसी कर रही है। इसमें गैमन इंडिया एवं ट्रांस रेल लाइटिंग प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। पुल का निर्माण 2023 तक पूरा होगा। यह पुल भारतमाला प्रोजेक्ट हिस्सा है। भारतमाला प्रोजेक्ट 5 पैकेजों में बन रहा है। इन्हीं में से एक पैकेज में इस पुल का निर्माण हो रहा है। पुल बनने से सुपौल से मधुबनी की दूरी 30 किलोमीटर कम हो जाएगी। अभी लोगों को मधुबनी जाने के लिए करीब सौ किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है, जो घटकर 70 किमी हो जाएगी। पुल में 171 पीलर होंगे। इसमें 113 का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। 5 पीलर का निर्माण पूरा कर लिया गया है। इस पुल में 36 पाया बकौर की ओर से और 87 पाया का भेजा की ओर से निर्माण कार्य शुरू है। बकौर की ओर से 2.1 किमी और भेजा की ओर से करीब 01 किमी एप्रोच पथ का निर्माण किया जाना है।

इसलिए होगा सबसे लंबा पुल : कोसी नदी का स्वभाव धारा बदलते रहने की है। इस महासेतु के सिर को दोनों तरफ बने तटबंध (पूर्वी और पश्चिमी) से सीधे जोड़ा जा रहा है। इस कारण से यह महासेतु देश में सबसे लंबा हो जाएगा।

सामरिक दृष्टिकोण से भी यह अहम

भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत उमगांव (मधुबनी) से महिषी तारापीठ (सहरसा) के बीच बन रहे फोरलेन सड़क के एलाइनमेंट में यह पुल है। यह पुल सामरिक दृष्टिकोण से भी बहुत ही महत्वपूर्ण है। नेपाल, बांग्लादेश और भूटान के साथ उत्तर-पूर्व के राज्यों को जुड़ने में यह कारगर सिद्ध होगा। इसके बन जाने के बाद बागडोगरा एयरपोर्ट पर जाना-आना काफी आसान हो जाएगा।


दिसंबर 23 तक होगा पुल निर्माण

कोविड-19 के कारण कार्य में देरी हुई। इसके बावजूद दिसंबर 2023 तक पुल निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। अब तक पुल का 25 प्रतिशत कार्य हुआ है। प्रोजेक्ट मैनेजर, एनएचएआई। इनपुट- दैनिकभास्कर

पूर्व विधायक के प्रयास से हजारों हेक्टर खेत में जमा पानी से किसान को मिलेगी मुक्ति

  कोपरिया स्लुइस गेट का जलकुंभी साफ करने के लिए निजी कोष से दिया गया धन  सिमरी बख्तियारपुर से पानी की बिक्री ही नहीं बल्कि महिषी खंड के लोगो...