शनिवार, 30 जनवरी 2021

बिहार की पंचायतों की बल्ले बल्ले: चुनाव के पहले हर पंचायत के हिस्से में 10.45 लाख आएंगे

चुनाव के समय आयी राशि से पंचायत प्रतिनिधि करा पाएंगे अधूरा कार्य

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



बिहार की त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं को वित्तीय वर्ष 2020-21 में 15वें वित्त आयोग के अनुदान के तहत 1254.50 करोड़ की राशि जल्द ही मिलनेवाली है। केंद्र सरकार की तरफ से मिलनेवाली यह राशि अनुदान की दूसरी किस्त है। केंद्र सरकार की तरफ से 2509 करोड़ की राशि पहले ही भेजी जा चुकी है। दूसरी किस्त के अक्टूबर-नवंबर तक आने की संभावना थी, लेकिन अब 2 महीने की देर हो गई है। दूसरी किस्त आने के बाद भी अनुशंसा के मुताबिक मिलने वाली 1255 करोड़ की राशि नहीं मिल पाई है। 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर बिहार के पंचायती राज संस्थाओं को कुल 5018 करोड़ की राशि मिलनी है।

हर पंचायत को मिलेंगे 10.45 लाख

पंचायती राज संस्थाओं को मिली इस दूसरी किस्त में करीब 70 फीसदी राशि ग्राम पंचायतों को, 20 फीसदी पंचायत समितियों को और 10 फीसदी जिला परिषद् को मिलेगी। इस तरह से 1254.50 करोड़ की इस राशि में से 878 करोड़ ग्राम पंचायतों को, 250 करोड़ पंचायत समितियों को और 125 करोड़ जिला परिषद् को आवंटित किया जाएगा। बिहार में करीब 8400 ग्राम पंचायत हैं। इस तरह दूसरी किस्त में हर पंचायत को लगभग 10 लाख 45 हजार की राशि मिलेगी। हालांकि पंचायतों को यह राशि उनकी आबादी और क्षेत्र के आकार के हिसाब से तय होगी। इस तरह दो पंचायतों को मिलने वाली राशि में अंतर भी होगा।

हर पंचायत को मिलने थे औसतन 41 लाख

15वें वित्त आयोग के तहत त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं को 5018 करोड़ रुपए मिलने हैं। इनमें ग्राम पंचायतों को 70 प्रतिशत हिस्सा यानि करीब 3500 करोड़ मिलेंगे। राज्य में ग्राम पंचायतों की संख्या 8386 है। इस हिसाब से राज्य के हर पंचायत को वर्तमान वित्तीय वर्ष में औसतन 41 लाख रुपए मिलना है। केंद्र सरकार ने 2509 करोड़ की राशि पहले किस्त में विमुक्त की थी। पहली किस्त से बिहार के हर पंचायत को औसतन 20 लाख रूपये मिले थे। इस तरह दोनों किस्तों को मिलाकर हर पंचायत को औसतन 31 लाख की राशि आवंटित कर दी गई है।

2 महीने देर से आई है राशि

पंचायती राज संस्थाओं को मिलनेवाली राशि की दूसरी किस्त के अक्टूबर-नवंबर तक आने की संभावना थी, लेकिन अब 2 महीने की देरी हो गई है। जानकारों की मानें तो पंचायती राज संस्थाओं की राशि 2 किस्तों में आती रही है। इसबार दूसरी किस्त आने के बाद भी वित्त आयोग की अनुशंसा के मुताबिक मिलने वाली 1255 करोड़ की राशि नहीं मिल पाई है। वित्तीय वर्ष 2020-21 को खत्म होने में लगभग 60 दिन बचे हैं। ऐसे में बाकी 1255 करोड़ की राशि को लेकर संशय बना हुआ है। 1255 करोड़ की इस राशि से बिहार के हर पंचायत को करीब 10 लाख और मिल पाएगा। इनपुट-दैनिकभास्कर

शुक्रवार, 29 जनवरी 2021

जो कार्य एक वर्ष पहले 7 लाख 95 हजार में होता था, वही कार्य के लिये दूसरे वर्ष कर दिया 14 लाख 28 हजार, सड़क एवं गली की तो सफाई नही हुई, लेकिन खजाना जरूर हो रहा है साफ

 जो कार्य वर्ष 18-19 में सा़फ-सफाई व डोर - टू - डोर कचरा प्रबंधन का लागत था 7 लाख 95 हजार

पुनः वर्ष 19 - 20 में इसी कार्य का 14 लाख 28 हजार खर्च कर रही नपं प्रशासन

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



नगर पंचायत सिमरी बख्तियारपुर में नगर की साफ़ - सफाई व डोर - टू - डोर कचरा प्रबंधन के नाम पर सरकारी राशि की बर्बादी की चर्चा चहुंओर हो रही है। वर्ष 2018  में जो कार्य 7 लाख 95 हजार रुपए किया जाता था, उसी कार्य को अगले वर्ष 14 लाख 28 हजार रुपए में किया जाने लगा। आश्चर्य फिर भी यह है कि सफाई के नाम काम सिर्फ मुख्य सड़कों की ही सफाई हो रही है और इतनी राशि खर्च करने के बाबजूद नगर पंचायत की सूरत किसी से छुपी नहीं है। जिसका खामियाजा हर वर्ष केंद्र सरकार द्वारा किये जाने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण में देखने को मिलता है। बीते वर्ष भी नगर पंचायत की स्थिति स्वच्छता सर्वेक्षण में 104 वां स्थान से उपर नहीं उठ सका था। 

 क्या है पुरा मामला 

प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर पंचायत सिमरी बख्तियारपुर क्षेत्र के 15 वार्डों में साफ़ - सफाई व इतने ही वार्डों के घरों से डोर - टू - डोर कचरा का संग्रह कर उसे कचरा डंपिंग यार्ड में पहुंचाने का टेंडर सुपौल जिले के गढ़ बरूआरी के एनजीओ राठौड़ एण्ड विश्वजीत इन्फ्रा डेवलपर्स लिमिटेड को वर्ष 18 -19 में 7 लाख 95 हजार रुपए में नपं प्रशासन द्वारा वैद्य चयन प्रक्रिया के तहत किया गया। पुनः नगर प्रशासन ने उपरोक्त कार्य अगले वर्ष के लिए आमंत्रण पत्र जारी किया। सबसे बड़ी बात है कि पुनः उसी एनजीओ को दुबारा कार्य मिलता है और राशि जो उस एनजीओ के हाथ अलग - अलग एकरारनामें के साथ एक कार्य साफ - सफाई की राशि 7 लाख 98 हजार 707 रूपए कर दूसरे कार्य डोर - टू - डोर कचरा उठाव को 6 लाख 30 हजार रुपए कर शर्तों के साथ तीन साल का एकरार कर दिया गया। नपंवासियो ने बताया कि ऐसी एनजीओ जिसका सफाई के प्रति हमेशा लापरवाही सामने आती रही। उस एनजीओ को कैसे तीन साल के लिए नगर सफाई का दायित्व दे दिया गया। यह एक जांच विषय है। आश्चर्यजनक यह भी है कि सात लाख के काम को चौदह लाख में करवाने से क्या सरकारी राशि की बर्बादी का मामला प्रतीत नही हो रहा है। 

नही मिलती कोई सुविधा



सिमरी बख्तियारपुर नगर पंचायत में कार्यरत सफाई कर्मी को भी बीते कई वर्षों से सुविधा के नाम पर सबकुछ शून्य ही मिला है। एकरारनामा के अनुसार सफाई के लिए चयनित एनजीओ को सफाईकर्मी को सुरक्षा सामाग्री तथा हैंड ग्लब्स, जूता, ड्रेस, रेडियम पट्टी युक्त सुरक्षा टोपी देना अनिवार्य था, लेकिन बीते कई वर्षों से सफाईकर्मी को यह सुविधा नही दिया जाना एनजीओ के लापरवाही पूर्ण रवैये को दर्शाता है। इसके अलावे चनयित एनजीओ राठौड़ एंड विश्वजीत इंफ्रा डेवलपर्स को एक स्थायी प्रतिनिधि रखनी थी, लेकिन एकरारनामे के कई वर्ष बाद भी स्थायी प्रतिनिधि आमजनों के बीच उपलब्ध नही है। 

क्या कहते हैं नगर कार्यपालक पदाधिकारी--

नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी कमलेश कुमार प्रसाद ने बताया कि बोर्ड के निर्णय के अनुसार सशक्त स्थायी समिति के निर्णय के मुताबिक जो भी समीक्षा की गई उसके अनुरूप यह तय हुआ है। पिछले बार वाली एजेंसी खाद नही बना रही थी।

वहीं इस बाबत नगर अध्यक्ष प्रतिनिधि मो मोजाहिद आलम ने बताया कि पहले सिर्फ एनजीओ कचरा उठाव करती थी। परंतु वर्तमान में कचरा उठा कर उसे खाद बनाया जा रहा है। 

गुरुवार, 28 जनवरी 2021

कोशी इलाके में अब होगी मोती की खेती, सिमरीबख्तियारपुर से होगी शुरुआत, सासंद ने बताया बेहतर

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



अगर आप को लगता है कि अच्छी कमाई नहीं हो रही है तो मोती की खेती में हाथ आजमाना चाहिए। यह खेती करीब 2 लाख रुपये के निवेश से शुरू हो सकती है और बाद में आपको हर माह औसतन 1 लाख रुपये महीने की कमाई करा सकती है। आजक मोती की मांग घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मार्केट में काफी है। 

बिहार के समस्तीपुर जिले के दलसिंहसराय के बुलाकिपुर गांव में प्रणव कुमार खुद कई सालों से मोती की खेती कर रहा है। वही अपने यहां लड़को को भी ट्रेनिंग दे रहा है। मोती की खेती की जानकारी मिलने पर सासंद चौधरी महबूब अली केसर ने प्रणव को अपने आवास पर बुलाकर सारी जानकारी लिया। वही सासंद श्री कैसर ने बताया की कम लागत में ये एक अच्छा कारोबार है। जहाँ इनकी मांग बाजार में ज्यादा है वही बेरोजगार युवक खुद रोजगार कर अच्छा पैसा कमा सकता है। अब बहुत जल्दी ही सिमरी बख्तियारपुर इनकी ट्रेनिंग कुछ लोगो को दिया जाएगा। ये ट्रेनिंग प्रणव कुमार के पर्ल फाउंडेशन देगा। 



कैसे होती है मोती की खेती--

मोती की खेती शुरू करने के लिए खेती की जमीन की जगह छोटे से तालाब की जरूरत पड़ती है। इसी तालाब में सीप के माध्यम से मोती की खेती की जाती है, जो बाद में अच्छी कमाई कराती है। इस तालाब में मोती ऐसे तैयार होते हैं, या खुद छोटे से छोटे पानी टंकी बनाकर मोती की खेती कर सकते है।

ऐसे होती है मोती की खेती

मोती की खेती शुरू करने के लिए करीब 500 वर्गफीट के एक तालाब की जरूरत होती है। इस तालाब में 100 सीप डालकर मोती की खेती शुरू की जा सकती है।  सीप की बाजार में कीमत करीब 15 रुपये से लेकर 25 रुपये तक होती है। वहीं ताबाल में स्ट्रक्चर सेटअप पर करीब 10000 रुपये से 12000 रुपये तक का खर्च आता है। इसके अलावा वाटर ट्रीटमेंट पर भाी करीब 1000 रुपये और 1000 रुपये के उपकरण भी लेने होते हैं।



कैसे होती है कमाई--

जब सीप तालाब में डाला जाता है तो इसमें से 15 से लेकर  20 महीने के बाद सीप से मोती मिलता है। इस मोती की बाजार में कीमत 300 रुपये से लेकर 1500 रुपये तक होती है। वहीं अगर आपका तैयार किया गया मोती अच्छी गुणवत्त का है तो इस डिजाइनर मोती के लिए आपको अंतरराष्ट्रीय बाजार में 10 हजार रुपये का दाम भी मिल सकता है। ऐसे में अगर एक मोती से औसतन 1000 रुपये मिल जाता है तो कुल मिलाकर 1 लाख रुपये तक की कमाई आसानी से हो सकती है। सीप की संख्या को बढ़ाकर आप चाहें तो अपनी कमाई भी बढ़ा सकते हैं।

सीप में डालना होता है बीज

मोती की खेती थोड़ा वैज्ञानिक खेती है। इसलिए इसे शुरू करने से पहले आपको प्रशिक्षण की जरूरत पड़ेगी। यह ट्रेनिंग भारत सरकार की तरफ से कराई जाती है। इस ट्रेनिंग के बाद आपको सीप की व्यवस्था करनी होगी। यह सीप आप सरकारी संस्थानों से या मछुआरों से ले सकते हैं।

कैसे करें सीप को तैयार



सबसे पहले इन सीप को खुले पानी में डालना पड़ता है। फिर 2 से 3 दिन बाद इन्हें निकाला जाता है। ऐसा करने से सीप के ऊपर का कवच और उसकी मांसपेशियां नरम हो जाती हैं। लेकिन इन सीप को ज्यादा देर तक पानी से बाहर नहीं रखना चाहिए। जैसे ही सीपों की मांशपेशियां नरम हो जाएं इनमें मामूली सर्जरी के माध्यम से सिप के अंदर सामग्री डाली जाती है, तब मोती बनता है। 


सामग्री के चलते निकलने लगता है पदार्थ

जब इस तरह से सीप में कोई सामग्री डाला जाता है, तो सीप में चुभन होती है। इसके चलत सीप अपने अंदर से निकलने वाला पदार्थ छोड़ना शुरू कर देता है। अब 2 से 3 सीप को एक नायलॉन के बैग में रखकर तालाब में बांस या किसी पाईप के सहारे छोड़ा जाता है। बाद में इस सीप से 15 से 20 महीने के बाद मोती तैयार हो जाता है। अब कवच को तोड़कर मोती निकाला जाता है।

सरकार से ले सकते हैं फ्री में ट्रेनिंग-

इंडियर काउंसिल फॉर एग्रीकल्चर रिसर्च के तहत एक नया विंग बनाया गया है। इस विंग का नाम सीफा यानि सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फ्रेश वॉटर एक्वाकल्चर है। यह फ्री में मोती की खेती की ट्रेनिंग देती है। इसका मुख्यालय उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर में है। यहां पर कोई भी 15 दिनों की ट्रेनिंग ले सकता है। अगर कृषि विभाग चाहे तो आत्मा के माध्यम से किसानों को ट्रेनिंग मिल सकती है। चूंकि आत्मा ट्रेनिंग देने वाली ही संस्था है। लेकिन शायद ही आत्मा इस मोती की खेती में किसानों को ट्रेनिंग दिलाने में दिलचस्पी ले। 

आसानी से बिक जाता है मोती

मोती को बेचना भी काफी आसान है। इनके बाजार देश के कई राज्यों में हैं। अगर आप चाहें तो हैदराबाद, सूरत, अहमदाबाद, मुंबई जैसे शहरों में सीधे भी अपने मोती बेच सकते हैं। इन शहरों में हजारों कारोबारी हैं, जो मोती का के व्यवसाय में लगे हुए हैं। वैसे कई बड़ी कंपनियां भी हैं जो देशभर में अपने एजेंटों के माध्यमों से इन मोतियों को खरीदती हैं। आप चाहें तो इन कंपनियों से भी संपर्क में रह सकते हैं। अगर आपको इंटरनेट की समझ है तो आप ऑनलाइन भी अपने मोती बेच सकते हैं।

अगर आप भी मोती की खेती करने के लिये ट्रेनिंग लेना चाहते है तो समस्तीपुर के दलसिंहसराय में पर्ल फॉउंडेशन के प्रणव कुमार जिनका मोबाइल नंबर एवं व्हाट्सएप 9540146646 पर सम्पर्क कर ट्रेनिंग ले सकते है। 

मंगलवार, 26 जनवरी 2021

शाहनवाज हुसेन हो सकते है बिहार के डिप्टी सीएम, मिलेगा पावरफुल मंत्रालय

वित्त, वाणिज्य, सड़क या स्वास्थ्य में से एक विभाग की मिल सकती है जिम्मेदारी

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



भाजपा ने आननफानन में शाहनवाज हुसैन को बिहार बुला कर MLC तो बना दिया, लेकिन उन्हें किस 'कुर्सी' पर बिठाएं यह बिहार भाजपा के लिए बड़ा सवाल बन गया है। 2014 से लगातार अपने पॉलिटिकल सेटलमेंट के लिए जूझ रहे शाहनवाज को 2021 में भाजपा ने जब बिहार की रेल पकड़ा दी तो, उन्हें 'स्पेशल कैटगरी' भी चाहत होगी। ऐसे में राजनीतिक गलियारे में कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं। शाहनवाज को बिहार में ऐसा पोर्टफोलियो देने की तैयारी चल रही है , जो 'हेवी' भी हो और 'पावरफुल' भी। सूत्रों की मानें तो उनको वित्त और वाणिज्यकर विभाग का जिम्मा दिया जा सकता है, जो अक्सर डिप्टी CM के पास ही रहा है। हुसैन को सड़क और स्वास्थ्य जैसा भारी भरकम विभाग भी दिया जा सकता है।

एक चर्चा यह भी है कि शाहनवाज को आने वाले दिनों में बिहार में उपमुख्यमंत्री भी बनाया जा सकता है। लेकिन, यह इतना जल्दी संभव नहीं है, क्योंकि अभी-अभी तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी उपमुख्यमंत्री बनी हैं और ऐसे में फिलहाल बदलाव की कोई स्थिति नहीं दिखती है। जल्द ही बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार होने वाला है। इसमें शाहनवाज का मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है।

शाहनवाज हुसैन के राजनीतिक जीवन को देखें तो उन्होंने काफी कम उम्र में राजनीति का पहला पायदान हासिल कर लिया था। 1997 में एक कार्यक्रम के दौरान शाहनवाज हुसैन का भाषण सुनकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि यह लड़का बहुत अच्छा बोलता है, अगर पार्लियामेंट में भेजा जाए तो बड़े-बड़ों की छुट्टी कर देगा। बाद में 1998 में शाहनवाज किशनगंज से चुनाव लड़े और हार गए। 1999 में जब दुबारा चुनाव हुआ तो शाहनवाज सांसद बने और NDA सरकार में राज्यमंत्री भी बने। उन्हें फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज, यूथ अफेयर और खेल जैसे मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया। 2001 में उन्हें कोयला मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार दिया गया। सितंबर 2001 में नागरिक उड्डयन पोर्टफोलियो के साथ कैबिनेट मंत्री बनाया गया।

शाहनवाज भारत के सबसे कम उम्र के केंद्रीय मंत्री बने। 2003 से 2004 तक उन्होंने कैबिनेट मिनिस्टर के रूप में कपड़ा मंत्रालय संभाला। 2004 के आम चुनाव में हार के बाद शाहनवाज 2006 में उपचुनाव में भागलपुर सीट से जीते। 2009 में भागलपुर से शाहनवाज को दोबारा जीत मिली। लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में जब पूरे देश में मोदी की लहर थी, शाहनवाज को हार का सामना करना पड़ा। तब से लेकर अबतक वे अपनी राजनीति को मजबूत करने में लगे रहे। हालांकि भाजपा इस दौरान उन्हें राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाकर उनसे संगठन का काम लेती रही।

शाहनवाज की तुलना बिहार भाजपा के दूसरे नेताओं से की जाए तो अभी उनके सामने सभी का कद बौना ही होगा। भाजपा कोटे से उपमुख्यमंत्री बने तारकिशोर प्रसाद की अगर बात करें तो, वे कटिहार से चौथी बार विधायक बने हैं। 1974 में ललित नारायण विवि से इंटर पास तारकिशोर प्रसाद 1980 के दशक से ही राजनीति और सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं। वे पहली बार फरवरी 2005 में कटिहार से विधायक बने। इसके बाद अक्टूबर 2005 और साल 2010 में भी विधायक बने। साल 2015 में महागठबंधन की लहर में भी तारकिशोर ने चुनाव जीता। 2020 में वे चौथी बार कटिहार से विधायक चुने गए हैं। संगठन में कई पदों पर रह चुके तारकिशोर प्रसाद अप्रत्याशित रूप से पार्टी के विधानमंडल दल के नेता चुने गए और उपमुख्यमंत्री बने हैं। लेकिन, इससे पहले उनको प्रदेश में मंत्री नहीं बनाया गया था।

अब शाहनवाज हुसैन की बात करें तो उन्होंने इंजीनियरिंग तक की पढ़ाई की है। साथ ही उनके पास 5-5 मंत्रालय संभालने का अनुभव है। संगठन में भी शाहनवाज हुसैन का विस्तार देश स्तर पर है। ऐसे में, शाहनवाज हुसैन को बाद में ही सही, उपमुख्यमंत्री बना दिया जाता है तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। और भाजपा एक मुसलमान चेहरे को उपमुख्यमंत्री बना कर अपने सहयोगी दलों से लेकर विपक्षी दलों तक को 'सबक' दे सकती है।इनपुट-दैनिकभास्कर

गुरुवार, 21 जनवरी 2021

खुल गया नोकरी का पिटारा, होगी 50 हजार बहाली, बिहार कर्मचारी आयोग ने जिलों से मांगी रिक्तियां

 तृतीय एवं चतुर्थ ग्रेड में 50 हजार कर्मियो की होगी बहाली, बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने शुरू किया प्रक्रिया

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



बिहार के सरकारी संस्थानों में बड़े पैमाने पर तृतीय (C ग्रेड) और चतुर्थवर्गीय (D ग्रेड) कर्मियों की भर्ती होगी। रा्ज्य सरकार के आदेश के बाद बिहार कर्मचारी चयन आयोग (BSSC) ने सभी जिलों को पत्र लिख दिया है. करीब 50 हजार चतुर्थवर्गीय कर्मियों की नियुक्ति होगी। 

तृतीय-चतुर्थ श्रेणी पद के लिए होगी भर्ती, BSSC ने जिलों को लिखा पत्र

 बिहार के सरकारी संस्थानों में बड़े पैमाने पर तृतीय (C ग्रेड) और चतुर्थवर्गीय (D ग्रेड) कर्मियों की भर्ती होगी।  इसको लेकर सभी जिलों से कर्मियों से संबंधित रिक्तियां मांगी गई हैं. इनमें सभी विभाग शामिल हैं। रा्ज्य सरकार के आदेश के बाद बिहार कर्मचारी चयन आयोग (BSSC) सभी जिलों को पत्र लिख चुका है। 


कई विभागों से चतुर्थवर्गीय पद से संबंधित रिक्तियों का प्रस्ताव भी आ गया है। इसकी अभी तक गिनती नहीं हो पाई है. वैसे माना जा रहा कि करीब 50 हजार चतुर्थवर्गीय कर्मियों की नियुक्ति होगी। इनमें कई तरह के पद होंगे। इसका भी समय तय नहीं है।


योग्यता मैट्रिक होगी यानी कि दसवीं पास।  इसी तरह तृतीय श्रेणी में प्रशाखा पदाधिकारी के पद पर नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है।  करीब 5200 पदों पर नियुक्ति होनी है. इसका पेपर बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन (BPSC) या बिहार कर्मचारी चयन आयोग (BSSC) ले सकता है. इधर, बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग से भी एससी के नए पदों के लिए परीक्षा होगी। इसमें अभी समय लगेगा।


परीक्षा बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन (BPSC) या बिहार कर्मचारी चयन आयोग (BSSC) ले सकता है। इसलिए इनकी वेबसाइट www.bpsc.bih.nic.in ( BPSC) और www.bssc.bih.nic.in (BSSC) पर अपडेट के लिए देखते रहे।

बुधवार, 20 जनवरी 2021

शहर को जाम से मुक्ति चाहिए तो दिन में ट्रक की नो इंट्री हर हाल में लागू करना होगा

जाम से परेसानी नगर सिमरीबख्तियारपुर में प्रतिदिन लगा रहता है जाम, बाजार में दिन भर बड़े बड़े ट्रक के घुसने से लगा रहता है जाम 

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



सिमरीबख्तियारपुर नगर पंचायत से अब नगर परिषद में तब्दील हो रहा है। अब नए नगर परिषद का दायरा भी बढ़ेगा। इधर सिमरीबख्तियारपुर नगर की वर्षो की समस्या जाम से कब सिमरीबख्तियारपुर को मुक्ति मिलेगी, ये कोई नही जानता है। सिमरीबख्तियारपुर के रानीहाट एवं मुख्य बाजार में  प्रतिदिन जाम की समस्या आम लोग परेसान रहता है। 

बड़े गाड़ी की बाजार में दिन भर हो नो इन्ट्री---

नगर वासियो का कहना है कि जाम में अगर कोई सबसे ज्यादा भूमिका निभा रहा है तो वो है बड़े बड़े गाड़ी। ट्रक दिन भर बाजार में चार चक्कर लगाता है। जिन कारण जाम की स्थिति बनी रहती है। अगर इस ट्रक को सुबह के 9 बजे से रात्रि के 9 बजे तक नो इंट्री लगा दे तो जाम की आधी समस्या का समाधान हो जाएगा। लोगो का कहना है कि ट्रक पर बाहर से जो समान आता है बाजार में ट्रक गुजरता है, जिन कारण जहा ज्यादा सड़क का स्पेस लेता है, वही जाम की समस्या बनी रहती है। 

स्टैंड के लिये जगह चिन्हित हो---



सिमरीबख्तियारपुर में भाड़े की सवारी गाड़ी को लेकर एक भी स्टैंड नही है। मुख्य बाजार में टेम्पू का स्टैंड रेलवे परिसर में है तो रानीहाट में सड़क ही स्टैंड में तब्दील है। सबसे ज्यादा सड़क पर दौर लगाने वाले टेम्पू के कारण भी जाम बनी रहती है। रानीहाट ने तो कही स्टैंड है ही नही, जिन कारण पूरे दिन सड़क पर ही टेम्पू लगा रहता है, जहा जाम की स्थिति बन जाती है। रानीहाट में जितना जल्दी हो नगर पंचायत प्रशासन को स्टैंड का व्यवस्था करना चाहिए। 

इस बाबत एसडीओ बीरेंद्र कुमार ने बताया कि नो इंट्री लगाने के लिये नगर पंचायत स्वतंत्र है। नगर पंचायत को बोला गया है कि सुबह के 9 बजे से रात्रि के 9 बजे तक नो इंट्री लगाए, ताकि जाम से लोगो को निजात मिल सके। 

रविवार, 17 जनवरी 2021

5 करोड़ की लागत से 125 फीट ऊंचा होगा मंदिर का गुम्बज

26 सौ स्क्वायर फीट लंबा चौड़ा मंदिर तीन वर्षों में बनकर होगा तैयार

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



सिमरीबख्तियारपुर के बालबाओपी स्थित बाबा मटेश्वर धाम में मंदिर के निर्माण को लेकर नापी करते इंजीनियर एवं बैठक करते कमिटी के लोग


रविवार को मंदिर कमिटी की बैठक में लिया गया निर्णय, दान दाता का नाम होगा अंकित


उत्तर बिहार का मिनी बाबा धाम के नाम से प्रसिद्ध सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के बलवाहाट, कांठों स्थित मटेश्वर धाम मंदिर का नवनिर्माण किया जाएगा। पांच करोड़ की लागत से तीन वर्षों में 26 सौ स्क्वायर फीट लंबा चौड़ा 125 फीट ऊंचा नया मंदिर बनेगा।

रविवार को बाबा मटेश्वर धाम परिसर में न्याय समिति की एक बैठक कमेटी के अध्यक्ष सह पूर्व विधयाक डॉ अरुण कुमार की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में मुख्य रूप से पुराने मंदिर की जगह नए मंदिर निर्माण के निर्माण पर गहन विचार-विमर्श किया गया। बैठक में सर्वसम्मति से पुराने मंदिर की जगह नए मंदिर के निर्माण पर एक मत से सहमति बनी।



मंदिर कमिटी के अध्यक्ष डॉ अरुण कुमार ने बताया कि बैठक बाद इंजिनियर अरूण कुमार को बुला कर नए मंदिर निर्माण की दिशा में कार्य शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इंजिनियर अरूण कुमार ने मंदिर के आसपास की मापी की गई। नए मंदिर का क्षेत्रफल 26 सौ स्क्वायर फीट होगा। वही 125 फीट ऊंचा गुंबद होगा। मंदिर निर्माण में करीब पांच करोड़ की लागत आने की बात कही जा रही है।

अध्यक्ष सह पूर्व विधयाक ने आमजनों से आग्रह किया है कि मंदिर निर्माण में सभी लोग आगे आये एवं अधिक से अधिक संख्या में मंदिर निर्माण में अपना योगदान दे। उन्होंने कहा कि एक लाख रुपये से अधिक का सहयोग करने वाला दाता का नाम मंदिर के शिलापट्ट पर अंकित किया जाएगा। एक से दो दिन में नए मंदिर निर्माण का नक्शा तैयार हो जाएगा। 

उन्होंने कहा कि सांसद दिनेश चन्द्र यादव की दिली इच्छा थी कि दिवारी स्थान के बाद इस मंदिर का भी कायाकल्प हो। उन्होंने कहा कि सांसद के दिशा निर्देश बाद आज बैठक कर उनकी सोच पर मुहर लग गया है। उनके देख रेख में इस मंदिर का भी कायाकल्प होगा जो उत्तर बिहार का अलग शिव मंदिर नजर आएगा। उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए अलग से एक बैंक खाता खोला जाएगा।

इस मौके पर सचिव जगधर यादव, सत्य नारायण सिंह, जितेन्द्र सिंह बघेल, रामावतार यादव, विनोद कुमार सिंह, कांवरियों संघ के अध्यक्ष मुन्ना भगत, ब्रह्मदेव तांती, शिव नारायण राम, कृत नारायण राय, जवाहर गुप्ता, अमरेन्द्र कुमार, प्रवीण कुमार उर्फ पिक्कू, शबनम कुमारी, कृष्ण कन्हैया खेतान, धर्मवीर सिंह, कपलेश्वर पौद्दार, भोलेन्द्र राय, शिवेंद्र पौद्दार, चन्द्र किशोर यादव, राम प्रवेश राम, अरविंद, ललीत झा, हरि मोहन झा, रूपेश, पवन, त्रिलोकी झा, मुकेश यादव, सहदेव रजक, मो इस्लाम, सज्जन ठाकुर, सौरव कुमार, राजकुमार ठाकुर, सिकेन्द्र साह, अरूण यादव, विलास मल्लिक, प्रमोद मल्लिक सहित अन्य मौजूद रहे।

शनिवार, 16 जनवरी 2021

रोजगार पर एक्शन में नीतीश सरकार, हर अंचल में डाटा एंट्री ऑपरेटर की होगी बहाली, प्रक्रिया शुरू

 कोशी बिहार टुडे, सहरसा



बिहार सरकार रोजगार के मुद्दे पर तेजी से अपनी तैयारी आगे बढ़ा रही है।  कैबिनेट बैठक में सरकारी मंजूरी मिलने के बाद अब बिहार में अब राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में 3883 पदों पर बहाली जल्द ही कर दी जाएगी। विभाग ने उन पदों की संरचना तैयार कर ली है, जिन पदों पर बहाली की जाएगी। 

बिहार में रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा बन चुका है। वहीं सरकार भी अब इस मुद्दे को लेकर गंभीर है। पिछले कैबिनेट बैठक में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में 3883 पदों पर नियुक्ति की हरी झंडी मिलने के बाद अब विभाग ने कर्मचारी चयन आयोग को अधियाचना भेजने की तैयारी शुरू कर ली है।  जिन पदों पर बहाली की जाएगी उनमें अधिकतर पद डाटा एंट्री ऑपरेटर के हैं। इसके अलावा एक पद सिस्टम एनालिस्ट का भी है जो नए वेतनमान में लेवल-11 का है। 


इन पदों के अलावा प्रोग्रामर के भी 5 पदों पर बहाली होगी, यह नए वेतनमान में लेवल-8 के होंगे।  इसके अलावा जिला व अनुमंडल स्तर के राजस्व कार्यालयों में डाटा एंट्री ऑपरेटरों के 139 पदों पर बहाली की जाएगी। 


बता दें कि राज्य के सभी 101 अनुमंडलों और 38 जिलों में एक-एक डाटा एंट्री ऑपरेटर बहाल किए जाएंगे। जिनका वेतन लेवल-6 के कर्मियों के ही बराबर होगा। विभाग सभी 534 अंचलों में सात-सात डाटा एंट्री ऑपरेटरों की नियुक्ति करेगी।  जिनकी पोस्टिंग अंचलों के नये अभिलेखागारों में होगी।  इस प्रकार अंचलों में 3788 डाटा एंट्री ऑपरेटरों की तैनाती होगी। जिन्हें लेवल-4 (सातवां वेतनमान) के कर्मियों के बराबर वेतन मिलेगा। 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, विभाग एक साल के अंदर इन कर्मियों की बहाली करेगा। वहीं खास बात यह है कि ये सभी बहाली स्थायी होंगी।  वहीं इन डाटा एंट्री ऑपरेटरों से लिपिक के भी काम लिए जाएंगे। इनपुट-प्रभात खबर

शुक्रवार, 15 जनवरी 2021

ना स्थल पर बोर्ड, ना ही इंजीनियर, पूल का निर्माण कर रहा है मजदूर

 पूल निर्माण में घटिया स्तर का हो रहा है बालू का उपयोग, शिकायत पर विधायक एवं बीडीओ ने किया जांच

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



सहरसा जिले के सिमरीबख्तियारपुर प्रखंड के रानीहाट से सिमरी जाने वाली सड़क में बन रही दो आरसीसी पुल में घटिया बालू का उपयोग करने की शिकायत के बाद विधयाक एवं बीडीओ ने जांच किया। स्थल पर पूल निर्माण में जो बालू का उपयोग किया जा रहा है वो बिल्कुल ही घटिया स्तर का है। बालू के अलावा जो कांक्रीट था वो भी निम्न था। स्थल पर ना संबेदक एवं ना ही इंजीनियर  था। वही पूल निर्माण को लेकर स्थल पर किसी भी तरह की पूल से संबंधित बोर्ड नही था। जिन कारण पता नही चल सका कि पूल का जो निर्माण हो रहा है वो किस योजना से है। स्थल पर सिर्फ मिक्चर मशीन के साथ दो-तीन मजदूर के भरोसे पूल निर्माण कार्य चल रहा था। सिमरीबख्तियारपुर में कार्यपालक अभियंता का तो कार्यालय है, लेकिन शायद ही कोई अभियंता सिमरीबख्तियारपुर झांकने आता हो। सिमरीबख्तियारपुर में नाम का कार्यालय है, जबकि सारी कार्य सहरसा में ही अभियंता के आवास पर निपटाया जाता है। 



क्या कहते है विधयाक--- 

विधायक युशूफ सलाउद्दीन ने बताया कि पूल निर्माण में गुणवत्ता की काफी कमी थी। स्थल पर सिर्फ मजदूरों के भरोसे पूल का निर्माण कार्य चल रहा था। वही पूल के बगल से बनाया गया डायवर्सन भी सही नही था, जिन कारण कई बाइक एवं वाहन डायवर्सन में फस रहा है। विधायक ने बताया कि कार्यपालक अभियंता को बोला गया है कि पूल का निर्माण कार्य सही से कराया। 



क्या कहते है बीडीओ--

बीडीओ मनोज कुमार ने बताया कि पूल निर्माण में लगाये जा रहे बालू निन्म स्तर का था। जवकि पूल में इस तरह का बालू नही लगाया जा सकता है। खुद विधायक बालू का सेम्पल लिया। जिनका जांच कराया जाएगा। 

शनिवार, 9 जनवरी 2021

पांच बच्चे की मां प्रेमी संग हो गया फरार, पति ने थाना में लगाया पुलिस से गुहार

पांच बच्चे की मां को इश्क का ऐसा नशा चढ़ा की अपने से आधे उम्र की प्रेमी के साथ हो गयी फरार

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



पांच बच्चों को छोड़ प्रेमी संग हो गया फरार हो गयी। वो भी अपने से आधे उम्र के प्रेमी के साथ। जबकी उसी पत्नी एवं बच्चे के लिये पति पटना के ढाबा में काम कर परिवार का भरण-पोषण करने में लगा था, इधर पत्नी प्रेमी के साथ फरार हो गया।  पत्नी की प्रेमी संग फरार होने की सूचना मिलने पर घर लौटे पति ने शनिवार को बख्तियारपुर थाना पहुंच पुलिस से अपनी पत्नी की बरामदगी करने हेतु गुहार लगाया। यह मामला बख्तियारपुर थाना क्षेत्र के भोरहा गांव की है। जहां पर से एक पांच बच्चे की मां अपने प्रेमी के संग फरार हो गया। वहीं पीड़ित पति ने पुलिस को आवेदन देकर पत्नी की प्रेमी को नामजद किया है।



      पीड़ित पति थाना क्षेत्र भोरहा वार्ड नंबर 8 निवासी रवि शंकर सिंह ने अपने आवेदन में कहा है कि मैं अनमोल पप्पू ढावा गांधी सेतु ट्रा़सपोर्ट नगर गेट नंबर 01 पटना में तन्दूर बनाने का मिस्त्री का काम करता हूं। मैं अपने घर पर 28 वर्षीय पत्नी ऋकिं देवी तथा पांच बच्चो को छोड़कर बाहर प्रदेश खटता हूं। दिनांक 6 जनवरी की सुबह 6 बजे मेरी पत्नी ऋकिं देवी को सिमरी द्वारिका निवासी सूरज पोद्दार मोबाइल का सीम दिया। जो मेरी पत्नी से मोबाइल पर बातचीत कर भगा कर ले गया। इसकी जानकारी मेरा नाबोध पुत्र ने दिया। 

        वहीं आवेदन में कहा गया है कि मेरे छोटे छोटे बच्चे का जीवन अंधकार मय हो गया है। 

        इस बावत बख्तियारपुर  इंस्पेक्टर सह थानाध्यक्ष सुधाकर कुमार ने बताया कि मामले की छानबीन शुरू कर दी गई है।


बुधवार, 6 जनवरी 2021

सात निश्चय योजना, 30 लाख की योजना में 16 लाख गबन, नली, गली एवं पक्कीकरण में पंचयात में जमकर हुआ लूट

 मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना में भारी अनियमितता,  वार्ड सदस्य, सचिव व जेई पर डीएम ने दिया एफआईआर का आदेश, गबन किये राशि की होगी वसूली

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



सिमरीबख्तियारपुर अनुमंडल के  विभिन्न पंचायतों में सुबे की सरकार नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट सात निश्चय में भारी अनियमितता की शिकायत बाद जिलाधिकारी द्वारा गठित जांच टीम द्वारा जांचोपरांत विकास योजनाओं में गबन की बात सामने आ रही है। 

ताज़ा मामला बनमा-ईटहरी प्रखंड क्षेत्र के ईटहरी पंचायत के वार्ड नं 3 एवं 4 का है। जिलाधिकारी कौशल कुमार के द्वारा गठित  जांच टीम के प्रतिवेदन के आधार पर दोनों वार्डो के वार्ड क्रियान्वयन समिति के सचिव, अध्यक्ष एवं कनीय अभियंता पर विकास योजनाओं में अनियमितता बरतने के आरोप में एफआईआर दर्ज करने के साथ गबन की गई राशि वसूली का आदेश दिया है।

वार्ड नं तीन के चार योजनाओं में हुआ गबन---

इटहरी पंचयात के  वार्ड नं तीन में चार योजना जिसकी लागत 14 लाख 77 हजार 833 रूपए के कार्य में 7 लाख 8 हजार 766 रूपए का गबन कर लिया। एएसडीएम अश्वनी कुमार की जांच टीम ने जिन चार योजनाओं की जांच किया उसमें मुख्य सड़क से मस्जिद गली में मिट्टी सोलिंग ढ़लाई कार्य जिसकी लागत 1 लाख 81 हजार 181 रूपए में से  68 हजार रुपए का गबन किया गया। 



वही मुख्य सड़क से विवेक यादव के घर तक मिट्टी सोलिंग एवं पीसीसी ढ़लाई कार्य जो 5 लाख 2 हजार 969 रूपए के कार्य में 1 लाख 96 हजार 989 रुपए का गबन, बनारसी पासवान के घर से नाथो मियां के घर तक मिट्टी सोलिंग एवं पीसीसी ढ़लाई कार्य जो 3 लाख 38 हजार 875 में से  2 लाख 44 हजार 877 रूपए का गबन एवं मैदनी यादव के घर से सुरेश यादव के घर तक मिट्टी भराई एवं पीसीसी ढ़लाई कार्य जो 4 लाख 54 हजार 808 रूपए के कार्य में 1 लाख 98 हजार 9 सौ रुपए का गबन कर लिया गया। 

इसी पंचयात के वार्ड नं 4 के तीन योजनाओं  में 9 लाख का गबन---

 जांच टीम ने वार्ड नं 4 के जिन तीन योजनाओं की जांच किया उसमें शिव मंदिर से लेकर लालू यादव के घर तक मिट्टी सोलिंग एवं पीसीसी ढ़लाई कार्य जो 7 लाख 99 हजार 730 की जगह 3 लाख 9 हजार 930 रूपए का गबन, शिव मंदिर से लेकर उपेन्द्र पासवान के घर तक गली में सोलिंग एवं पीसीसी ढ़लाई कार्य जो 2 लाख 84 हजार 544 रूपए में 98 हजार 591 रूपए का गबन वही शिव मंदिर से लेकर अरविंद यादव के घर तक गली में मिट्टी-सोलिंग-पीसीसी ढ़लाई कार्य जो 4 लाख 86 लाख 95 रूपए में 3 लाख 90 हजार 452 रूपए का गबन किया गया है।

डीएम के आदेश बाद पंचायतों में मचा हड़कंप---

जांच टीम द्वारा जांचोपरांत जिलाधिकारी द्वारा कड़े एक्शन बाद पंचायतों में हड़कंप मच गया है। कई पंचायतों में आधी अधुरी एवं टुटे फूटे योजनाओं की मरम्मती का कार्य शुरू हो गया है। हर तरह अनियमितता व गबन के बाद डीएम के एक्शन के चर्चे हो रहे हैं। वही वार्ड सदस्य एवं सचिव के मुख पर चिंता की लकीरें देखी जा रही है।सिमरीबख्तियारपुर प्रखंड़ के सिमरी पंचयात एवं मोहनपुर पंचयात के कई वार्ड में जमकर नाला एवं सड़क निर्माण कार्य मे धांधली किया गया है। एएसडीएम अश्वनी कुमार ने बताया कि सबसे पहले अभी उस पंचयात के वार्ड का जांच किया जाएगा, जिसमे आवेदन ग्रामीणों के द्वारा किया गया था, लेकिन अभी तक जांच एवं करवाई नही हुआ है। गौरतलब है कि सिमरी पंचायत के वार्ड 15 एवं मोहनपुर के वार्ड नम्बर 12 एवं 13 में सरकार के निर्देश के विपरीत कार्य कर राशि को गबन किया है। 

शनिवार, 2 जनवरी 2021

7 लाख 31 हजार लूट मामले में एक अपराधी टुनटुन राय पिस्टल के साथ गिरफ्तार, उनके घर से एक बाइक भी जपत

सिमरीबख्तियारपुर के बलवाओपी में लूटकांड में शामिल अपराधी के बारे में डीएसपी ने दिया जानकारी

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



31 दिसम्बर की सुबह साढ़े 10 बजे एसबीआई शाखा सकरा-पहाड़पुर से 7 लाख 31 हजार रुपये लेकर जा रहा सीएसपी संचालक से रुपये लूट मामले में बलबाओपी पुलिस ने एक अपराधी को पिस्टल के साथ गिरफ्तार किया। बलबाओपी में आयोजित प्रेस वार्ता में डीएसपी मृदुला कुमारी ने बताई की 31 दिसम्बर को सीएसपी संचालक पंकज कुमार यादव से तीन अपराधियो के द्वारा 7 लाख 31 हजार रुपये लूट लिया था। इस मामले में पुलिस के द्वारा ताबड़तोड़ छापामारी में बघवा गांव निवासी टुनटुन राय को एक देशी पिस्तौल एवं दो जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार किया। वही लूट में प्रयुक्त हीरो स्प्लेंडर प्रो बाइक भी टुनटुन के घर से बरामद किया है। वही इस कांड के दो अभियुक्त मोहित झा एवं जेंटिल राय अब तक फरार है। बख्तियारपुर थाना कांड संख्या 3/21 के ये नामजद अभियुक्त है। बलवाओपी प्रभारी हरेश्वर सिंह ने बताया कि बचे दोनो फरार अभियुक्त को भी गिरफ्तार किया जाएगा। 

31 दिसम्बर की सुबह साढ़े 10 बजे बांध के समीप लूट लिया था रुपये---

बीते 31 दिसम्बर को सकरा-पहाड़पुर स्थित एसबीआई शाखा से बेलवाड़ा में सीएसपी चला रहे पंकज कुमार यादव 7 लाख 31 हजार रुपये लेकर बाइक से बेलवाड़ा जा रहा था। पूर्वी कोसी तटबंध से पूर्व दो पुलिया के समीप तीन नकाबपोश अपराधियो ने पिस्टल के बल पर सीएसपी संचालक से सभी रुपये लूट कर तटबंध की तरफ से फरार हो गया। हालांकि तभी से पुलिस अपराधियो की शिनाख्त में लगी थी। 

शुक्रवार, 1 जनवरी 2021

पंचायत चुनाव: हर चरण की वोटिंग के बाद दूसरे दिन होगी वोटो की गिनती, आएंगे नतीजे, निर्वाचन आयोग के प्रस्ताव पर सरकार सहमत

 कोशी बिहार टुडे, सहरसा



मार्च से मई के बीच होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग व्यापक तैयारियों में जुटा है। खास यह कि इस बार नतीजों को लेकर खास रणनीति बन रही है। कोशिश है कि हर चरण के चुनाव के बाद रिजल्ट दे दिया जाए। यानी चुनाव के सभी चरणों की वोटिंग के बाद पहले की तरह मतगणना नहीं होगी। जैसे-जैसे चरण समाप्त होते जाएंगे, वैसे-वैसे नतीजे भी घोषित होते जाएंगे।

इसके पीछे का तर्क है कि इस बार ईवीएम से चुनाव की तैयारी है। आयोग के इस प्रस्ताव पर सरकार ने सैद्धांतिक सहमति भी दे दी है। अबतक की योजना के तहत चुनाव के लिए 15 हजार मल्टी पोस्ट ईवीएम की खरीद होनी है। आयोग के सूत्रों के अनुसार एक चरण में 15 हजार बूथों को ध्यान में रखकर वोटिंग होगी।

नई ईवीएम में एक खास तरह का चिप एसडीएमएम (सेक्योर डिटैचेबुल मेमोरी माॅड्यूल) लगा होगा जिसे हर चरण की वोटिंग के बाद निकाल उससे काउंटिंग होगी। उसके बाद नई चिप के साथ दूसरे चरण की वोटिंग के लिए ईवीएम का इस्तेमाल होगा। चूंकि 15 हजार ईवीएम से ही नौ चरणों में करीब 1 लाख 19 हजार बूथों पर चुनाव कराना है इसलिए हर चरण के बाद काउंटिंग की रणनीति बनाई जा रही है। इनपुट-दैनिकभास्कर

पूर्व विधायक के प्रयास से हजारों हेक्टर खेत में जमा पानी से किसान को मिलेगी मुक्ति

  कोपरिया स्लुइस गेट का जलकुंभी साफ करने के लिए निजी कोष से दिया गया धन  सिमरी बख्तियारपुर से पानी की बिक्री ही नहीं बल्कि महिषी खंड के लोगो...