बुधवार, 30 सितंबर 2020

राजनीतिक ड्रामा: सीटों का बंटवारा कहीं नहीं हुआ; कांग्रेस और लोजपा दोनोें ने गठबंधन छोड़ने के संकेत दिए

 



कोशी बिहार टुडे, सहरसा



लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग ने कहा हम हर परिस्थिति के लिए तैयार हैं।

भाजपा का दावा... जदयू-लोजपा के साथ मिल कर ही लड़ेंगे चुनाव

राजग हो या फिर महागठबंधन हर जगह अधिक सीटों के लिए साम...दाम...दंड...भेद चरम पर है


सीटों के सवाल पर राजग और महागठबंधन में ‘बंधन’ से अधिक ‘गांठें’ पड़ रहीं हैं। दोस्ती का दंभ भरने वाली पार्टियां बुरी तरह उलझ गईं है। हम और रालोसपा ने महागठबंधन से नाता तोड़ा नया रिश्ता जोड़ा तो आज भाकपा-माले ने भी एकतरफा 30 सीटों का ऐलान कर संकेत दे दिया कि अब वह ‘एकला चलो’ की राह ही पकड़ेगी।


कांग्रेस भी आंखें तरेर रही है और सीटों की उसकी डिमांड पूरी नहीं हुई तो वह भी महागठबंधन से इतर राह पकड़ेगी। दिल्ली में कांग्रेस नेताओं के तल्ख बयान से यही धुन निकल रही है। उधर, राजग गठबंधन में लोजपा के तेवर नरम नहीं हुए हैं।


पार्टी ने हालांकि खुलेआम भाजपा-जदयू से अलग होने की विधिवत घोषणा अभी नहीं की है, लेकिन दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के बयान का आशय साफ है, मनचाही सीटें नहीं मिलीं तो उनकी राह अलग होगी। माले की तरह लोजपा भी अकेले मैदान में होगी। कभी राजग बनाम महागठबंधन के बीच सीधे मुकाबले का चुनावी तस्वीर पहले चरण के नामांकन के एक दिन पहले पूरी तरह पलट गई है। ताजा घटनाक्रम चुनाव को बहुकोणीय बनाते दिख रहे हैं। हालांकि यह कोई पहला मौका नहीं है। 2015 के विधानसभा चुनाव के पूर्व भी ऐसी ही नौबत आई थी। तब गठबंधनों का स्वरूप अलग था।


लोजपा की अधिक सीटों की दावेदारी भाजपा ने मान ली थी और उसे 42 सीटें मिली थीं। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी राजद-कांग्रेस के बीच ऐसी ही खटास पैदा हुई थी। कांग्रेस तब 12 सीटों का दावा कर रही थी और लेकिन उसे 9 सीटों पर समझौता करना पड़ा।


एवज में मिलने वाली राज्य सभा की एक सीट भी उसे नहीं मिली। यही आधार है कि जदयू के अलग होने के बाद खाली हुई 101 सीटों में से वह अधिकतम अपने हिस्से चाहती है।


पार्टी मां के समान है और इससे ऊपर कुछ भी नहीं


लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग ने कहा हम हर परिस्थिति के लिए तैयार हैं। उन्होंने चेताया कोई यह सोचता है कि हमें दबा देगा या अस्तित्व को मिटा देगा तो गलतफहमी में है। हम किसी सूरत में पार्टी हित से समझौता नहीं करने वाले। पार्टी हमारे लिए मां के समान है और पार्टी हित से ऊपर किसी व्यक्ति का कोई हित नहीं। अपने पिता की बातों को याद करवाते हुए चिराग ने कहा कि पापा हमेशा कहते रहे हैं कि सबसे ऊपर राष्ट्र और उसके बाद पार्टी तब व्यक्तिगत हित। ऐसे में लोजपा के हर कार्यकर्ता के लिए अपने व्यक्तिगत हित से ऊपर पार्टी का हित है।


राजद के दबाव में कांग्रेस नहीं, अलग लड़ सकती है


कांग्रेस और राजद के बीच सीट शेयरिंग का मामला अब नाजुक मोड़ पर पहुंच गया है। गोहिल ने बिहार चुनाव से जुड़े सभी केन्द्रीय नेताओं समेत बिहार कांग्रेस के महत्वपूर्ण नेताओं के बाद कहा महा गठबंधन में अगर कुछ ऊपर नीचे होता है तो हम भी अन्य दल के साथ मिलकर अलग लड़ने को तैयार हैं। इस चुनाव में उतरने के लिए पूरे दम खम के हमारे नेता तैयार हैं। गोहिल ने साफ कहा है कि हमारे साथ अलग-अलग दल हैं जो शुरू से हमारे साथ चलने को तैयार हैं। अगर दबाव बनाने की हम पर कोई कोशिश करता है तो हम बिल्कुल दबाव में नहीं आयेंगे और अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे।


भाकपा माले ने 30 सीटों की पहली सूची जारी की


राजद ने भाकपा माले को महागठबंधन में 20 सीट नहीं दी, तो माले ने 30 सीटों की पहली सूची बुधवार को जारी कर दी। भाकपा माले ने राजद को दो टूक कह दिया - संघर्ष और आधार वाली सीट नहीं छोड़ सकते। विधानसभा की पहली सूची में पटना के फुलवारीशरीफ, पालीगंज, मसौढ़ी व भोजपुर में संदेश और जगदीशपुर शामिल हैं। भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि एनडीए के खिलाफ विपक्ष की कारगर एकता नहीं होना दुखद होगा। अब भी राजद संघर्ष वाली सीट दे तो संपूर्ण तालमेल हो सकता है। फिलहाल अब मुकाबला तो करना ही है।


राजग पर असर... लोजपा को मौका, भाजपा को नुकसान नहीं


1.लोजपा पर: फरवरी 2005 में लोजपा ने अकेले 29 सीटें जीती। अब अवसर सीटें बढ़ाने व चुनौती अपने बूते उन्हें जीतने का है।

2.जदयू पर : लोजपा गठबंधन में अपना वोट ट्रांसफर करा लेती है। अलग होने पर पार्टी प्रत्याशिायों के वोट घटेंगे।

3.भाजपा पर: भाजपा के खिलाफ प्रत्याशी भी नहीं उतारने का ऐलान कर रखा है। संदेश साफ भाजपा को लोजपा के जाने से नुकसान नहीं होगा।

महागठबंधन पर असर... राजद, कांग्रेस दोनों को ही नुकसान


1.राजद पर: बड़े भाई की भूमिका निभाने में असफल रहने का आरोप झेलना होगा। सीटें कम हुई तो राजद को ही जिम्मेदार।

2.कांग्रेस पर : कांग्रेस, सीटों के सवाल पर गठबंधन तोड़ती है तो उसे एक बड़े वोट बैंक सपोर्ट से भी हाथ धोना पड़ेगा।

3.भाकपा-माले पर: अलग होने से भी उसे कोई घाटा नहीं होगा। आधा दर्जन से अधिक सीटों पर वह अकेले जीतती रही है।

मंगलवार, 29 सितंबर 2020

गठबंधन में गांठ:सीटों के बंटवारे के विवाद के बीच, राजद की 3 दर्जन से अधिक सीटों का ऐलान 48 घंटे में


सिंबल साइन कराने भोला यादव रांची पहुंचे

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



महागठबंधन में चल रही सीटों के रार के बीच राजद उम्मीदवारों की पहली सूची 48 घंटे में जारी कर सकता है। तेजस्वी की सहमति से लालू यादव के सहयोगी भोला यादव पहले फेज की तीन दर्जन सीटों के राजद उम्मीदवारों की सूची लेकर रांची पहुंचे हुए हैं। दूसरी तरफ उम्मीदवारों को नामांकन से जुड़े सभी कागजात तैयार कराने का निर्देश दे दिया गया है।


राजद अध्यक्ष लालू यादव के सिंबल वाले परिपत्र पर हस्ताक्षर कराके भोला पटना लौटेंगे और उन उम्मीदवारों को सिंबल एलॉट कर दिया जायेगा। राजद की रणनीति के मुताबिक कांग्रेस हाईकमान को इन फैसलों से दिल्ली में सांसद मनोज झा अवगत करा सहमति लेंगे। सूत्र के मुताबिक भोला यादव की मंगलवार को इस संबंध में लालू से भेंट नहीं हो पायी।


दरअसल चुनाव के लिए जरूरी दस्तावेजों पर वे लालू के हस्ताक्षर करवाने वहां पहुंचे थे। पर जेल प्रशासन से उन्हें तुरंत लालू से मिलने की इजाजत नहीं मिली। वहीं टिकट बांटने की प्रक्रिया करीब आते ही पटना स्थित राबड़ी आवास 10 सर्कुलर रोड में पहले फेज के उम्मीदवारों की गहमागहमी बढ़ गई है।

रविवार, 27 सितंबर 2020

एनडीए में तय हुआ सीटों का बंटवारा, 104 पर जेडीयू तो 100 पर लड़ेगी भाजपा


रालोसपा के उपेन्द्र कुशवाहा की हुई वापसी, बाल्मीकि नगर लोकसभा उपचुनाव से चुनाव लड़ेंगे कुशवाहा

कोसी बिहार टुडे, सहरसा 




बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में सीट बंटवारे का फॉर्मूला करीब—करीब तय हो गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राज्य की कुल 243 विधानसभा सीटों में से जदयू के खाते में 104 सीटें गई हैं। वहीं भाजपा 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। जबकि चिराग पासवान की लोजपा 30 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी। 


बता दें कि हाल में एनडीए के साथ आई जीतनराम मांझी की पार्टी हिंदुस्तान अवाम मोर्चा चार सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं, अब तक महागठबंधन के साथ रहे उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा भी एनडीए में लौट आई है। सूत्रों के अनुसार सीट बंटवारे के लिए एनडीए का यह फॉर्मूला लगभग तय है। हालांकि इसमें एक-दो सीटों में फेरबदल की संभावना से इनकार नहीं किया गया है।


वाल्मीकि नगर से लड़ सकते हैं उपेंद्र कुशवाहा

बिहार में वाल्मीकि नगर लोकसभा सीट पर उप-चुनाव होना है। ऐसे में यहां से रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा चुनाव लड़ सकते हैं। यह सीट जदयू सांसद वैद्यनाथ प्रसाद महतो के निधन की वजह से खाली हुई है। बता दें कि रालोसपा पहले भी एनडीए का हिस्सा थी, जो 2019 लोकसभा चुनाव से पहले महागठबंधन के साथ चली गई थी।

ऐसे बना रालोसपा की वापसी का रास्ता

नीतीश के एनडीए से अलग होने के बाद रालोसपा एनडीए का हिस्सा बनी थी। इस बार रालोसपा को एनडीए में लाने वाले नीतीश कुमार हैं। बीती रात ही उपेंद्र कुशवाहा और नीतीश कुमार की एक मुलाकात हुई, जो काफी लंबी रही। इसके बाद ही रालोसपा के एनडीए में शामिल होने की बात तय हुई।

लोजपा को रोका

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा के नेताओं ने बताया कि लोजपा को एनडीए में बनाए रखने के लिए भाजपा ने अपने कोटे से कुछ सीटें दी हैं। कृषि बिल के विरोध में शिरोमणि अकाली दल शनिवार को ही राजग से अलग हुआ है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी नहीं चाहती कि अब उसका कोई और सहयोगी दल राजग को छोड़कर जाए। इसलिए चिराग पासवान को मनाने के लिए भाजपा ने अपने हिस्से की कुछ सीटें दी हैं।

शनिवार, 26 सितंबर 2020

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन में सीट बंटवारे का खाका तैयार, 30 तक ऐलान

 

65 से 70 के बीच कांग्रेस तो भीआईपी को मिल सकता है एक डिजिट यानी 10 से नीचे सीट


कोशी बिहार टुडे, सहरसा



बिहार में चुनावी बिगुल बज चुका है। इसी के साथ महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर हलचल भी तेज हो गई है। संभावना है कि 30 सितंबर तक बंद पिटारा खुल जाएगा। यह अलग बात है कि अंदरखाने सीट बंटवारे का खाका लगभग तैयार है।


राजद और कांग्रेस पहले से लगभग ड्योढ़ी सीटों पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं। कांग्रेस को इस बार लगभग 65 से 70 के बीच सीटें मिलने की उम्मीद है। वहीं वाम दलों के हिस्से करीब 20 सीटें आ सकती हैं। इसमें सबसे बड़ा भागीदार माले रहेगा। वहीं वीआईपी को मिलने वाली सीटें एक अंक में रहने की संभावना है।

राज्य विधानसभा चुनावों के लिए पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया एक अक्टूबर से शुरू हो जाएगी। वहीं महागठबंधन में अभी सीट बंटवारे की घोषणा नहीं हो पाई है। हालांकि महागठबंधन के नेताओं का तर्क है कि सीट बंटवारा तो अभी एनडीए में भी फाइनल नहीं हुआ। जहां तक राजद की अगुवाई वाले महागठबंधन का सवाल है तो खुद राजद 145 से 150 सीटों पर लड़ेगा। यहां तक कहा जा रहा कि पार्टी ने अपने तमाम उम्मीदवारों को चुनाव क्षेत्र में जाने की हरी झंडी भी दे दी है।

मांझी गए, वाम दलों की एंट्री

बीते एक-डेढ़ माह से सहयोगी दल राजद के दर पर हाजिरी लगा रहे हैं। इसी दरम्यान जीतनराम मांझी की राहें जुदा हो चुकी हैं। हालांकि वो 2015 में भी एनडीए का ही हिस्सा थे। रालोसपा के उपेंद्र भी कुछ ऐसे ही तेवर दिखा रहे हैं। हालिया दिनों में वाम दलों के नेताओं की आवाजाही जिस तेजी से राजद कार्यालय पर बढ़ी है, उससे उनका महागठबंधन में रहना लगभग तय हो गया है। हालांकि बीते दिनों माले ने कुछ बगावती तेवर दिखाए थे लेकिन सूत्रों का कहना है कि अब बात बन गई है। 

कांग्रेसी खेमे में है उत्साह

इस बार सर्वाधिक उत्साह कांग्रेसी खेमे में है। जीत-हार का गणित चाहे जो हो लेकिन पार्टी को इस बार 65 के आसपास सीटें मिलने की उम्मीद है। पिछले चुनाव में कांग्रेस 41 सीटों पर लड़ी थी। अधिक सीटें मिलने से पार्टी का वोट प्रतिशत भी बढ़ेगा और पार्टी अपना जातिगत गणित भी साध सकेगी। पहला विधानसभा चुनाव लड़ रही मुकेश सहनी की वीआईपी को पांच से सात सीटें मिल सकती हैं।

उपेंद्र के अगले कदम पर है नजर

महागठबंधन के दलों की निगाहें अब उपेंद्र कुशवाहा के अगले कदम पर हैं। असल में रालोसपा ने राजद के मौजूदा नेतृत्व पर जो सवाल उठाया है, वह पार्टी को नागवार गुजर रहा है। रालोसपा खेमे का कहना है कि यह कैसी दोस्ती है कि राजद हमारे ही नेताओं को तोड़ रहा है। वहीं राजद का कहना है कि असल बात कुछ और है। उनका कहना है कि रालोसपा सीटें तो मांग रही है लेकिन प्रत्याशियों के नाम नहीं बता पा रही। सूत्रों का कहना है कि यदि उपेंद्र कुशवाहा महागठबंधन का हिस्सा रहते हैं तो उनके हिस्से आठ से दस के करीब सीटें आ सकती हैं।

गुरुवार, 24 सितंबर 2020

अब मुख्य बाजार सिमरी बख्तियारपुर में नही लगेगी सब्जी दुकान, काली मंदिर परिसर में होगा शिप्ट

 गुरुवार को रानीहाट में चला अतिक्रमण हटाओ अभियान, सड़क हुई चौड़ी, जाम की समस्या से मिलेगा निजात

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



नगर पंचायत सिमरी बख्तियारपुर में दूसरे दिन यानी गुरुवार को भी अतिक्रमण हटाने का कार्य जारी रहा। नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी कमलेश कुमार प्रसाद, अंचलाधिकारी कृष्ण कुमार सिंह,  थानाध्यक्ष सुधाकर कुमार एवं नगर अध्यक्ष प्रतिनिधि मोजाहिद आलम अतिक्रमण हटाने के समय तक डटे रहे। गुरुवार को सुबह में डाकबंगला चोक से अतिक्रमण हटाने का कार्य शुरू हुआ। चूंकि वुधवार को ब्लॉक चोक के समीप तक ही अतिक्रमण हटाया गया था। इसके बाद गुरुवार को सुबह से ही अतिक्रमण हटाने का कार्य जारी रहा। रानीबाग से अतिक्रमण हटाने का अभियान चला जो रंगिनिया तक पहुचा। उस दौरान सड़क पर फुटकर दुकान लगाने, सब्जी वाले कि दुकान के लिये जो सड़क पर कब्जा किया था, सभी को हटा दिया गया। हालांकि इस दौरान काफी संख्या में पुलिसबल मौजूद रहे। कही भी किसी तरह का हंगामा नही हुआ, शांति-पूर्वक अतिक्रमण हटाया गया। 



रोड पर बने पक्के मकान वालो को भेजा जाएगा नोटिश-

अतिक्रमण हटाने को दौरान कई जगह ऐसी नोबत आयी कि नगर में कई पक्का मकान भी था। जहा लोगो के द्वारा सड़क पर निर्मित पक्का मकान को भी तोड़ने को कहा। इस पर नगर पंचायत के द्वारा बताया गया कि सरकारी एवं सड़क पर बने पक्का मकान वाले को नोटिश दिया जाएगा। इधर नगर पंचायत स्थित हटिया गाछी में सरकारी भूमि पर अवैध रूप से तीन मंजिला भवन के अलावा कई घर बना दिया।  अब नगर को चहिए की हटिया गाछी के सेरात की जमीन जो अवैध निर्माण कर लिया गया है, उसे भी तोड़ा जाये। 

इधर मुख्य बाजार में सड़क किनारे लगा रहे सब्जी विक्रेताओं को नगर पंचायत ने गुरुवार को हटिया गाछी स्थित काली मंदिर परिसर में लगाने का निर्देश दिया है।गुरुवार सुबह - सवेरे ध्वनि विस्तारक यंत्र के द्वारा सब्जी विक्रेताओं को काली मंदिर में शिफ्ट होने के लिए कहा गया।

बुधवार, 23 सितंबर 2020

पीएम आवास योजना की राशि में बंदरबाट, आवास सहायक के द्वारा दूसरे के खाता में राशि भेजकर किया राशि का बंदरबाट

 लोगो की शिकायत, कई लाभुको के साथ किया है हेराफेरी, बिचोलिये के माध्यम से किया गया हेराफेरी

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के सोनपुरा पंचयात में प्रधानमंत्री आवास योजना में भारी अनियमितता की शिकायत सामने आया है। आवास सहायक बिचोलिये की मिलीभगत से लाभुक के खाता में राशि नही भेजकर अन्य के खाता में राशि भेजकर बंदरबांट कर लिया है। पंचयात के वार्ड नंबर 12 गोबर्धनपुर निवासी विधवा उम्दा देवी पति स्व रामोतार भगत ने जिलाधिकारी को आवेदन देकर आवास योजना में भारी अनियमितता की शिकायत किया है। इस महिला का नाम प्रधानमंत्री आवास योजना की सूची में दर्ज था। इस महिला की आई डी संख्या 4397221 है। इस आई डी से दिनांक 30 जुलाई 20 को 40 हजार रुपये की निकासी हो गया। इसके बाद पुनः 31 अगस्त 20 को भी 40 हजार रुपये की निकासी हो गया। जब महिला को जानकारी मिली वे अपना पासबुक को अपडेट कराया तो इनके खाते में एक भी रुपये नही आया। अब जब महिला के आई डी से रुपये भुकतान हुआ तो फिर महिला के खाते में ना जाकर किनके खाते में राशि गया एवं भुकतान भी ले लिया। इतना ही नही उक्त महिला की खाता एसबीआई में है, जवकि राशि बैंक ऑफ इंडिया के खाते में दिया जाता है। 

  इसी तरह दूसरा मामला भी इसी पंचयात का है। पंचयात के वार्ड नम्बर 5 के महेंद्र यादव के नाम से आवास योजना स्वीकृत हुआ। इस आदमी का बैंक ऑफ इंडिया में खाता तक नही है। लेकिन इनके आई डी से बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में राशि भेजकर 11 जुलाई एवं 23 जुलाई को 40-40 हजार की दो बार निकासी कर लिया। इनका आई डी संख्या बीएच 7178991 है। इनके नाम से मनरेगा के जॉब कार्ड भी बना है। जवकि इनके द्वारा दिये आवेदन में कहा है कि उनके द्वारा कभी भी मनरेगा के जॉब कार्ड नही बनाया गया है। 

क्या कहते है आवास सहायक---

इस बाबत आवास सहायक कौशल कुमार ने बताया कि आरोप गलत है। हम लाभुक की पहचान कर उनके खाते में राशि भेजते है। उनके खाते से कैसे राशि निकला हमें मालूम नही है। कुछ लोग मुझे बदनाम करने की साजिस कर रहा है। 

क्या कहते है बीडीओ--उस बाबत बीडीओ मनोज कुमार ने बताया कि आवास सहायक के द्वारा गड़बड़ी किया गया है। इनकी जानकारी मुझे है। इसी कारण के उनका ट्रांसफर दूसरे पंचयात में किया गया है। दूसरे के खाते में जो राशि भेजा गया है उनका रिकवरी किया जा रहा है। आवास सहायक पर भी करवाई होगी। 

मंगलवार, 22 सितंबर 2020

आज 23 सितंबर को नगर पंचायत के सिमरी बख्तियारपुर एवं रानीहाट में लगे अतिक्रमण को हटाया जाएगा


सिमरी बख्तियारपुर नगर पंचायत में जाम के मुख्य बाजार एवं रानीहाट में जाम से आम लोग त्रस्त, एसडीओ ने प्रतिनियुक्त किया दंडाधिकारी

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



लंबे समय से नगर पंचायत के दो मुख्य सड़क मुख्य बाजार एवं रानीहाट में सड़क पर अतिक्रमण कर लेने के बाद जाम की समस्या से जूझ रहे नगर सहित इलाके के।लोगो को राहत मिलेगी। एसडीओ बीरेन्द्र कुमार ने दंडाधिकारी एवं पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति का आदेश जारी कर दिया है। अतिक्रमण 23 सितंबर को हटाया जाएगा। एसडीओ के द्वारा जारी आदेश में कहा है कि बाजार के सड़क के किनारे सरकारी भूमि पर अवैध रूप से अतिक्रमण कर लेने के कारण जाम की समस्या बराबर बनी रहती है। नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी कमलेश कुमार के द्वारा अतिक्रमण हटाने के लिये दंडाधिकारी एवं पुलिसबल की मांग किया गया था। इसी आलोक में 23 सितंबर को अतिक्रमण हटाने के लिये नगर पंचयात के कार्यपालक पदाधिकारी कमलेश कुमार प्रसाद को दंडाधिकारी के रूप में प्रतिनियुक्त किया जाता है। वही डीएसपी से अनुरोध किया है कि अपने स्तर से थाना से पर्याप्त संख्या में पुलिसबल के प्रतिनियुक्त करने का आग्रह किया गया है। 

गौरतलब है कि लंबे समय से दोनो बाजार में अतिक्रमण के कारण जाम की संख्या से इलाके के लोग परेसान था। लोगो की लंबे समय से मांग था कि जब तक सड़क के किनारे लगे अतिक्रमण हटता नही है जाम से लोगो को राहत नही मिलेगा। वही मुख्य बाजार सिमरी बख्तियारपुर में डाकबंगला से स्टेशन चोक तक सड़क एवं नाला निर्माण होना है। इस कार्य का शिलान्यास विधयाक ज़फर आलम के द्वारा बीते शनिवार को किया गया था। वही विधयाक भी बाजार वासियो से आग्रह किया था कि लोगो की जनहित को देखते हुए सड़क से अतिक्रमण हटा लें, ताकि सड़क एवं नाला निर्माण में कठिनाई का सामना नही करना पड़े। 

रानीहाट एवं मुख्य बाजार की दिनभर गुल रहेगी बिजली--

रानीहाट एवं मुख्य बाजार में अतिक्रमण हटाने को लेकर दिनभर बिजली गुल रहेगी। नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी कमलेश कुमार प्रसाद ने बिजली एसडीओ को पत्र भेजकर कहा है कि चूंकि अतिक्रमण हटाने में जेसीवी मशीन का उपयोग होगा। जिन कारण सुबह से लेकर शाम तक बिजली को बन्द किया जाए। 

शनिवार, 19 सितंबर 2020

नगर पंचायत के मुख्य रोड में जाम की समस्या से जल्दी मिलेगी मुक्ति, नाली, सड़क एवं डिवाडर मिलाकर होगा 40 फिट चौड़ा


बाजार में जल-निकासी की बड़ी समस्या का होगा समाधान

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को सिमरी बख्तियारपुर नगर पंचायत के मुख्य बाजार सड़क स्टेशन चौक से प्रखंड कार्यालय का शिलान्यास किया। पटना में आयोजित समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए सर्वप्रथम नगर पंचायत कार्यालय में क्षेत्रीय विधायक सहित नप अध्यक्षा रोशनारा, नप उपाध्यक्ष विकास कुमार विकी, कार्यपालक पदाधिकारी कमलेश कुमार प्रसाद सहित अन्य लोगों के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पर का शिलान्यास किया एवं संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि नगर पंचायत विकास के लिए सरकार सतत प्रयत्नशील है। मालूम हो कि राज्य योजना अंतर्गत सिमरी बख्तियारपुर नगर पंचायत मुख्य बाजार के स्टेशन चौक से ब्लॉक तक पीसीसी सड़क एवं नाला निर्माण कार्य का शिलान्यास किया गया है। जिसकी लागत 2 करोड़ 21 लाख रुपए से बनाई जाएगी। तत्पश्चात मुख्य बाजार के स्टेशन चौक स्थित नवाब मार्केट के निकट क्षेत्रीय विधायक नप अध्यक्षा, नप उपाध्यक्ष एवं नप ईओ ने शिलापट्ट का अनावरण कर शिलान्यास किया। मौके पर क्षेत्रीय विधायक जफर आलम ने कहा किआज से 6 साल पहले 2014 में मैंने तत्कालीन नगर विकास मंत्री राकेश कुमार उर्फ सम्राट चौधरी को अपने लेटर पेड पर लिख कर सड़क बनाने की मुख्य बाजार में मांग की थी। जिसके बाद उन्होंने मेरे व्यक्तिगत संबंध की वजह से उसी समय मेरे द्वारा लिखे गए लेटर पेड पर ही फॉरवर्ड कर संबंधित विभाग को इसको बनाने हेतु आदेश जारी किया। क्योंकि इस काम को मेरे द्वारा करवाया गया। इसलिए पूर्व के जनप्रतिनिधियों ने इसको 6 वर्षों से ठंडे बस्ते में डलवाने का काम किया। मैंने छोटे से कार्यकाल में इसको नगर विकास सचिव और संबंधित पदाधिकारियों से मिलकर पुनः टेंडर कराने का काम किया। इस रोड पर आए दिन जाम की समस्या से लोगों को जुझना पड़ता है। 



नाले की कमी के वजह से खासकर बरसात के समय जलजमाव की समस्या बनी रहती है। स्थानीय लोगों के साथ और रेलवे स्टेशन आने वाले लोगों के लिए अति महत्वपूर्ण था। मुझे इस बात की खुशी है कि मैंने अपने छोटे से कार्यकाल में शुरू कराने का काम किया है। साथ ही दुख इस बात की है इसको कम से कम 5 वर्ष पहले हो जाना चाहिए था। मौके पर नगर अध्यक्ष प्रतिनिधि मौजाहिर आलम, सैयद  साकिब अशरफ, रतिलाल यादव, रणवीर यादव, अरूण गुप्ता, सुमित कुमार, पप्पू, गणेश मिस्त्री, सुधीर सिंह, उत्तम लाल यादव, नरेश निराला, अरविंद गुप्ता, हसनैन मोहसिन, रहमत अली, पुष्प रंजन सिंह, सोनू भगत, सोनू आलम, सोहम साह आदि सहित अन्य लोग उपस्थित थे।


शुक्रवार, 18 सितंबर 2020

खत्म हुआ 86 साल का इंतजार, मोदी ने किया कोसी रेल महासेतु का उद्घाटन, निर्मली से सरायगढ़ की दूरी 298 किलोमीटर से घटकर 22 किलोमीटर हुई


कोशी बिहार टुडे, सहरसा

पीएम ने समस्तीपुर मंडल के मुजफ्फरपुर से सीतामढ़ी, समस्तीपुर-दरभंगा-जयनगर, समस्तीपुर-खगड़िया खंडों के रेलवे विद्युतीकरण परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया।



सीमांचल और मिथिलांचल के 9 जिले के लोगों को मिली सुविधा

1.9 किलोमीटर लंबे कोसी रेल महासेतु को बनाने में 516 करोड़ रुपए की लागत आई


बिहार विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राज्य के लोगों को चौथी सौगात दी। आज कोसी के इलाके के लोगों का 86 साल का इंतजार पूरा हो गया। 2003 में जिस कोसी महासेतु की आधारशिला तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखी थी, उस पुल का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। पुल बनाने में 17 साल लग गए। इसके साथ ही पीएम ने समस्तीपुर मंडल के मुजफ्फरपुर से सीतामढ़ी, समस्तीपुर-दरभंगा-जयनगर, समस्तीपुर-खगड़िया खंडों के रेलवे विद्युतीकरण परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया। इस महासेतु के बनने से सीमांचल और मिथिलांचल के 9 जिले (दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, मधेपुरा, सहरसा, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार) के लोगों को सहूलियत मिली है। विधानसभा चुनाव से पहले बिहार को प्रधानमंत्री की यह चौथी सौगात है। इससे पहले उन्होंने 10, 13 और 15 को विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया था। मोदी 21 और 23 सितंबर को भी बिहार को चुनावी सौगात देंगे।


516 करोड़ रुपए की आई लागत

1887 में निर्मली और भपटियाही (सरायगढ़) के बीच मीटर गेज लिंक बनाया गया था जो 1934 में विनाशकारी भूकंप की वजह से तबाह हो गया था। इसके बाद से कोसी और मिथिलांचल के बीच रेल संपर्क टूट गया था। 6 जून 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने निर्मली में कोसी मेगा ब्रिज लाइन परियोजना की आधारशिला रखी थी। 1.9 किलोमीटर लंबे कोसी रेल महासेतु को बनाने में 516 करोड़ रुपए की लागत आई।


298 किलोमीटर की जगह 22 किलोमीटर रह गई निर्मली से सरायगढ़ की दूरी

पहले निर्मली से सरायगढ़ तक का सफर दरभंगा-समस्तीपुर-खगड़िया-मानसी-सहरसा होते हुए 298 किलोमीटर का है। महासेतु के निर्माण से यह दूरी मात्र 22 किलोमीटर में सिमट गई।


तटबंधों और बराज निर्माण से साकार हुई पुल की परियोजना

कोसी की धाराओं को नियंत्रित करने का सफल प्रयास पश्चिमी और पूर्वी तटबंध एवं बैराज निर्माण के साथ 1955 में आरंभ हुआ। पूर्वी और पश्चिमी छोर पर 120 किलोमीटर का तटबंध 1959 में पूरा कर लिया गया और 1963 में भीमनगर में बैराज का निर्माण भी पूरा कर लिया गया। इसके बाद कोसी पर पुल बनाने का सपना साकार हो सका।


पूर्वी भारत की रेल कनेक्टिविटी मजबूत होगी

प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार में रेल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में आज इतिहास रचा गया है। कोसी महासेतु और किउल ब्रिज के साथ ही बिहार में रेल यातायात, रेलवे के बिजलीकरण, रेलवे में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने और नए रोजगार देने वाले एक दर्जन प्रोजेक्ट का आज लोकार्पण और शुभारंभ हुआ है। लगभग तीन हजार करोड़ रुपए के इन प्रोजेक्ट से बिहार का रेल नेटवर्क तो सशक्त होगा ही पश्चिम बंगाल और पूर्वी भारत की रेल कनेक्टिविटी भी मजबूत होगी।


बिहार में नदियों के विस्तार के कारण अनेक हिस्से एक-दूसरे से कटे हुए रहे हैं। बिहार के करीब-करीब हर हिस्से के लोगों की एक बड़ी दिक्कत रही है नदियों की वजह से होने वाला लंबा सफर। जब नीतीश कुमार रेल मंत्री थे जब पासवान रेल मंत्री थे तब उन्होंने भी इस समस्या को दूर करने के लिए बहुत प्रयास किया था। लेकिन, फिर एक लंबा समय वो आया जब इस दिशा में ज्यादा काम ही नहीं किया गया। ऐसे में बिहार के करोड़ों लोगों की इस बड़ी समस्या के समाधान की ओर हम बढ़ रहे हैं।


अटल बिहारी वाजपेयी और नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट हुआ पूरा

पिछले पांच-छह साल में एक के बाद एक इस समस्या के हल की तरफ तेजी से कदम बढ़ाए गए हैं। पिछले चार साल में उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाले दो महासेतु (एक पटना में और एक मुंगेर में) शुरू किए गए। इन दोनों रेल पुल के चालू हो जाने से उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार के बीच लोगों का आना-जाना आसान हुआ है। खासकर उत्तर बिहार के क्षेत्र में जो दशकों से विकास से वंचित थे उन्हें विकास के लिए नई गति मिली है। इनपुट-दैनिकभास्कर

गुरुवार, 17 सितंबर 2020

बिहार में सरकार के भरोसे बैठे रहे 30 साल तक, जब नहीं मिली मदद तो ग्रामीणों ने खुद ही बना डाला पुल

 

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



बिहार के लोगों में कुछ है तो उसमें से एक जीवटता भी शामिल है। प्रदेश के ग्रामीण कस्बों में ऐसे कई उदाहरण हैं। खासकर गया में तो कई उदाहरण हैं जिनकी अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा हो चुकी है।


ताजा मामले में गया के बुद्धौल गांव में ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से 30 वर्षों से पेंडिंग पड़े एक पुल निर्माण का बीड़ा उठाया है। स्थानीय ग्रामीणों मुताबिक इस पुल के निर्माण के लिए कई बार जनप्रतिनिधियों, नेताओं और सरकार से मांग कर चुकी है। लेकिन आज तक ये पूरा नहीं हुआ। इसके बाद ग्रामीणों ने खुद ही आपसी सहयोग से इसे बनाने का फैसला लिया। इस पूल के अधूरा रहने पर बरसात के समय ग्रामीणों को छह किलोमीटर घूमकर गाँव आना पड़ता था। इसी कठिनाई को देखते हुए ग्रामीण के द्वारा बेठक कर अपने सहयोग से पूल बनाने का संकल्प लिया एवं पूल को बना डाला। अब ग्रामीणों को इस पूल से आने-जाने में काफी सुबिधा हो रही है। 

दशरथ मांझी द माउंटेनमैन

आपको बता दें कि माउंटेनमैन के नाम से विख्यात दशरथ मांझी जिन्होंने  पत्नी के प्रेम में पहाड़ का सीना काटकर रास्ता बनाने वाले गया के ही रहने वाले थे। उन पर फिल्में भी बनीं, सड़कें बनीं और उनसे लोग इंस्पायर्ड हुए। इनपुट-हिंदुस्तान


सुविधा:कोसी रेल महासेतु पर 18 से ट्रेन परिचालन की तैयारी, पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे उदघाटन

 

कोशी बिहार टुडे, सहरसा

सुपौल-राघोपुर और सरायगढ़-आसनपुर कुपहा के बीच रेल परिचालन का वीडियो लिंक से पीएम करेंगे उद्‌घाटन



कोसी से मिथलांचल की दूरी होगी कम, लोगो मे हर्ष

कोसी एवं मिथिलांचल को सीधी रेल सेवा से जोड़ने का बहुप्रतिक्षित रेल खंड पर ट्रेन परिचालन को लेकर रेलवे की ओर से सारी तैयारी पूरी कर ली गई है। इन दोनों रेल खंड का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वीडियो लिंक के जरिए करेंगे। इसके साथ ही रेलमहासेतु पर ट्रेनें दौड़ने लगेगी। रेलवे की ओर से 18 सितंबर को ट्रेन परिचालन के उद्घाटन की तारीख तय की गई है। पीएमओ को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। हालांकि, अब तक रेलवे की अाेर से इन दाेनाें रेलखंड पर ट्रेन परिचालन के उद्घाटन को लेकर प्रस्तावित तारीख पर पीएमओ की ओर से हामी नहीं भरी गई है। इस कारण रेलवे को अभी इंतजार है। पीएमओ से इन दोनों रेलखंड पर ट्रेन परिचालन का उद्घाटन सुनिश्चित किए जाते ही कार्यक्रम की विस्तृत रूप रेखा जारी की जाएगी। इधर, सुपौल रेलवे स्टेशन पर उद्घाटन ट्रेन सज-धज कर तैयार खड़ी है। इन सबके बीच सहरसा से सुपौल रविवार को ट्रायल के लिए डेमू ट्रेन पहुंची। जिसे दोपहर 12:20 से 01:40 के बीच 12 से 15 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तीन बार चलाया गया।


रेलवे की इस परियोजना पर 516 करोड़ की है लागत

मालूम हो कि बीते 23 जून को नवनिर्मित कोसी रेल महसेतु पर पहली बार ट्रेन का सफलतापूर्वक परिचालन किया गया था। करीब 1.9 किमी लंबे नए कोसी ब्रिज सहित 22 किमी लंबे निर्मली-सरायगढ़ रेलखंड का निर्माण वर्ष 2003-04 में 323.41 करोड़ रुपए की लागत से स्वीकृत किया गया था। इसके बाद 06 जून 2003 को तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा शिलान्यास किया गया था। इस परियोजना की अपटूडेट अनुमानित लागत 516.02 करोड़ रुपए है।

सरायगढ़-आसनपुर कुपहा के बीच पहले ही मिली स्वीकृति

रेलवे के मुख्य संरक्षा आयुक्त शैलेश कुमार पाठक ने 3 अगस्त को कोसी ब्रिज के साथ 13 किमी लंबे सरायगढ़-अासनपुर कुपहा नई लाइन का सफलतापूर्वक निरीक्षण किया था। सीसीअारएस द्वारा 14 अगस्त को राघोपुर से अासनपुर कुपहा तक 110 किमी प्रति घंटा की गति से स्पीड ट्रायल भी किया गया था। 28 अगस्त को सीसीआरएस नेे संरक्षा एवं सुरक्षा मानकों को पूरा करते हुए कोसी ब्रिज पर 80 किमी और सरायगढ़-अासनपुर कुपहा रेलखंड पर 100 किमी प्रति घंटा की स्पीड से ट्रेनों के परिचालन की स्वीकृति दी।

14 फरवरी को सीसीआरएस ने किया था रेलखंड का निरीक्षण

इसके अलावा सीसीआरएस श्री पाठक ने 14 अगस्त को ही पूर्व मध्य रेल के समस्तीपुर मंडल के 11 किमी लंबे आमान परिवर्तित सरायगढ़-राघोपुर रेलखंड का भी निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त द्वारा 110 किमी प्रति घंटा की गति से स्पीड ट्रायल भी किया गया था। जिसके निरीक्षण के बाद सीसीआरएस नेे संरक्षा एवं सुरक्षा मानकों को पूरा करते हुए सरायगढ़-राघोपुर रेलखंड पर 100 किमी प्रति घंटे की स्पीड से ट्रेनों के परिचालन को 27 अगस्त को स्वीकृति दी। इनपुट-दैनिकभास्कर

कंफर्मेशन के लिए पीएमओ का इंतजार

रेलवे की ओर से सुपौल-राघोपुर एवं सरायगढ़-आसनपुर कुपहा के बीच कोसी रेल महासेुत के रास्ते ट्रेन परिचालन के उद्घाटन को लेकर 18 सितंबर की टेंटेटिव तारीख तय कर प्रस्ताव भेजा गया है। अभी तक तारिख को लेकर कंफर्मेशन नहीं मिला है।

- राजेश कुमार, सीपीआरओ, पूर्व मध्य रेलवे, हाजीपुर।

मंगलवार, 15 सितंबर 2020

सहरसा-नई दिल्ली के बीच चलेगी क्लोन ट्रेन, लंबी वेटिंग लिस्ट वाले यात्री को मिलेगी राहत


हमसफर एक्सप्रेस का लगेगा किराया, मिलेगी सुबिधा

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



सहरसा सहित बिहार के रेलवे स्टेशनों से क्लोन ट्रेनें चलाई जाएंगी। ट्रेनों का परिचालन इसी महीने से शुरू होने की संभावना के साथ तैयारी तेज हो गई है। क्लोन ट्रेनों का नंबर और समय सारिणी जारी हो गया है। सहरसा में क्लोन ट्रेन की तीन में से दो रैक पहुंच गई है। जिसे बैजनाथपुर और बनमनखी स्टेशन पर रखा गया है। क्लोन ट्रेन सहरसा के अलावा पूर्व मध्य रेल के दरभंगा, मुजफ्फरपुर, राजगीर और राजेन्द्रनगर स्टेशन से खुलेगी।

 क्लोन ट्रेन का परिचालन पहली बार सहरसा से होगा। क्लोन ट्रेन सहरसा से नई दिल्ली को जाएगी और आएगी।

इसके परिचालन से कोसी क्षेत्र और सीमांचल के कुछ हिस्से के यात्रियों को राहत मिलेगी। आराम से उनका सफर कटेगा। हालांकि क्लोन ट्रेन में अगर द्वित्तीय श्रेणी (जनरल कोच) लगा दिए जाय तो मजदूर वर्ग के यात्रियों को भी राहत मिलेगी। ऐसा इस कारण क्योंकि सहरसा से नई दिल्ली के लिए आवाजाही करने वाली वैशाली स्पेशल एक्सप्रेस में दोनों तरफ से द्वित्तीय श्रेणी के कोच में सीट पाने के लिए जबरदस्त मारामारी है। लंबी वेटिंग लिस्ट है। वैसे ईसीआर के सीटीपीएम के द्वारा जारी पत्र में 22 बोगी वाली क्लोन ट्रेन चलाने का जिक्र है।

पूर्व मध्य रेल के सीटीपीएम द्वारा जारी पत्र के मुताबिक सहरसा से नई दिल्ली के लिए क्लोन ट्रेन (02553) सुबह पांच बजे खुलकर अगले दिन सुबह पांच बजकर दस मिनट पर नई दिल्ली पहुंचेगी। यह ट्रेन बरौनी स्टेशन सुबह 7.30 बजे पहुंचेगी और दस मिनट रुकेगी। नई दिल्ली से क्लोन ट्रेन (02554) दोपहर डेढ़ बजे खुल अगले दिन शाम 6.15 बजे सहरसा पहुंचेगी। बरौनी दोपहर 3.10 बजे पहुंच दस मिनट रुक 3.20 बजे खुलेगी। दरभंगा से क्लोन ट्रेन (02565) सुबह साढ़े छह बजे खुलकर अगले दिन अहले सुबह 4.50 बजे नई दिल्ली पहुंचेगी। 

नई दिल्ली से क्लोन ट्रेन (02566) दिन के 12.15 बजे खुलकर अगले दिन सुबह साढ़े नौ बजे दरभंगा पहुंचेगी। मुजफ्फरपुर से क्लोन ट्रेन (02557) सुबह 9.40 बजे खुलकर अगले दिन सुबह 5.45 बजे आनंद विहार टर्मिनल पहुंचेगी। आनंद विहार टर्मिनल से क्लोन ट्रेन (02558) दिन के 12 बजे खुलकर अगले दिन सुबह साढ़े दस बजे मुजफ्फरपुर पहुंचेगी। राजेन्द्रनगर से क्लोन ट्रेन (02393) दोपहर तीन बजे खुलकर अगले दिन सुबह 6.15 बजे नई दिल्ली पहुंचेगी।

 नई दिल्ली से क्लोन ट्रेन (02394) दोपहर डेढ़ बजे खुलकर सुबह सात बजे राजेन्द्रनगर पहुंचेगी। राजगीर से क्लोन ट्रेन (02391) सुबह सात बजे खुलकर अगले दिन दोपहर ढाई बजे नई दिल्ली पहुंचेगी। नई दिल्ली से क्लोन ट्रेन (02392) दिन के 11 बजे खुलकर अगले दिन सुबह नौ बजे राजगीर स्टेशन पहुंचेगी। 

चुनाव से पहले एम्स का तोहफा:दरभंगा में 1264 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा बिहार का दूसरा एम्स, चार साल में पूरा होगा 750 बेड का अस्पताल


दरभंगा एम्स बनने से न केवल उत्तर बिहार के बल्कि नेपाल तक के लोगों को फायदा होगा। 

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



दरभंगा एम्स में 100 एमबीबीएस, 60 बीएससी नर्सिंग व एमडी-एमसीएच जैसी सुपर स्पेशिलिटी डिपार्टमेंट भी होगा

वित्त मंत्रालय से पहले ही मिल चुकी है हरी झंडी, खर्च होगा 1264 करोड़


विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले केंद्र से बिहार को सौगात मिलने का सिलसिला जारी है। मंगलवार को नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने बिहार के लोगों को एक और तोहफा दिया। दरभंगा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को मंजूरी दी। इसके साथ ही बिहार में पटना के बाद दूसरा एम्स बनने का रास्ता साफ हो गया है।


दरभंगा एम्स, 750 बेड का होगा। 1264 करोड़ रुपए की लागत से यह एम्स करीब 48 महीने में बनकर तैयार होगा। दरभंगा एम्स में एमबीबीएस की 100 सीटें, बीएससी नर्सिंग की 60 सीटें निर्धारित की गई हैं। इसमें 15 से 20 सुपर स्पेसिलिटी डिपार्टमेंट भी होगा। इसका निर्माण प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत किया जाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्री ने वित्तीय वर्ष 2015-16 के बजट भाषण में दरभंगा एम्स की घोषणा की थी। एम्स बनने से प्रत्यक्ष रूप से करीब 3000 लोगों को रोजगार मिलने की भी उम्मीद है।

डायरेक्टर के एक पद सृजन को भी मंजूरी

केंद्रीय कैबिनेट ने दरभंगा एम्स के लिए डायरेक्टर के एक पद के सृजन को भी मंजूरी दी है। डायरेक्ट के लिए मूल वेतन 225000 रुपए निर्धारित किए गए हैं। अलाउंसेज आदि मिलाकर 237500 रुपए से अधिक नहीं, तय किया है।

वित्त मंत्रालय ने 25 अगस्त को ही 1264 करोड़ की दी थी मंजूरी

दरभंगा में एम्स के निर्माण पर खर्च होने वाली 1264 करोड़ रुपए की मंजूरी वित्त मंत्रालय ने पहले ही दे दी थी। 25 अगस्त को केंद्रीय वित्त सचिव की अध्यक्षता में हुई व्यय वित्त समिति की बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय के प्राइमरी प्रोजेक्ट रिपोर्ट पर वित्त मंत्रालय ने मुहर लगाते हुए अनुमानित राशि की स्वीकृति दे दी। प्राइमरी प्रोजेक्ट रिपोर्ट के अनुसार दरभंगा एम्स 750 बेड का होगा और इसके निर्माण कार्य पर 1264 करोड़ रुपए खर्च होने की संभावना है।


उत्तर बिहार के लोगों को होगा फायदा

दरभंगा एम्स बनने से न केवल उत्तर बिहार के बल्कि नेपाल तक के लोगों को फायदा होगा। खासकर के बेतिया से लेकर कोसी और सीमांचल के सहरसा, सुपौल और पूर्णियां तक के लोगों स्वास्थ्य क्षेत्र में इसका फायदा होगा। उत्तर बिहार के लोगों को पटना पर निर्भरता कम होगी। इनपुट-दैनिक भास्कर

सोमवार, 14 सितंबर 2020

नल-जल योजना में कंपनी ने मचा रखी है लूट, रात के अंधेरे में होता है नल-जल का कार्य

 महम्मदपुर पंचयात में चल रहे नल-जल कार्य मे ग्रामीणों ने लगाया अनियमितता का आरोप, मुखिया रमेश यादव ने कहा कुछ तो गड़बड़ है तभी तो रात्रि में किया जा रहा कार्य

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



नल-जल योजना में लगातार पंचयात से शिकायत आती रहती है कि संवेदक के द्वारा सही कार्य नही किया जा रहा है जिन कारण नल-जल योजना पंचयात में सफल नही हो रहा है। ताजा मामला सहरसा जिले के सिमरीबख्तियारपुर प्रखंड के  महम्मदपुर पंचयात का हाल जहाँ दिन में नही बल्कि रात्रि में नल-जल का कार्य होता है। ग्रामीणों का आरोप है कि रात्रि में जब लोग सो जाता है तो नल-जल का कार्य शुरू किया जाता है। सुबह लोग के उठने से पहले ही कार्य समाप्त कर वापस चला जाता है। ग्रामीणों का आरोप है कि बहुत गड़बड़ है इनकी जांच किया जाए। इधर कार्य स्थल पर ना तो संवेदक एवं ना ही इंजीनियर नजर आता है, जैसे तैसे नल-जल का कार्य किया जा रहा है। महम्मदपुर पंचयात के पूर्व मुखिया पति शिवेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि महम्मदपुर पंचयात में चार अलग अलग संवेदक को नल-जल का कार्य मिला है। आज तक उस पंचयात में ना तो संवेदक एवं ना कि पीएचडी के इंजीनियर झांकने तक आया है। मजदूर के भरोसे नल-जल का कार्य किया जा रहा है। 

 पंचयात के मुखिया रमेश यादव का कहना है कि रात्रि के अंधेरे में नल-जल का कार्य करना गलत है। स्थल में ना तो कभी संवेदक झांकने आता है एवं ना ही इंजीनियर। मजदूर के भरोसे पूरे महमददपुर पंचयात में नल-जल का कार्य किया जा रहा है। मुखिया ने प्रशासन से जांच की मांग किया है। 

क्या कहते है पीएचडी जेई---उस सम्बन्ध में पीचडी के जेई नीरज कुमार से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि हमें जानकारी नही है कि रात्रि में कार्य किया जा रहा है। हम खुद स्थल पर जाकर जांच करेंगे। 

वही नल जल का कार्य करा रहे कंपनी एसबीफी ग्रीन के प्रोजेक्ट मैनेजर सन्नी सिंह ने बताया की काम का लोड ज्यादा है कम समय है जिस कारण दो शिप्ट में कार्य किया जा रहा है। मेटेरियल में किसी तरह की अनियमितता नही है। अगर गांव वालों को लगता की गड़बड़ी है तो ख़ुद बैठकर कार्य करावे। 

इस संबंध में अनुमण्डल पदाधिकारी बीरेन्द्र कुमार ने बताया कि रात्रि में कार्य करना गलत है। हम इनकी जांच करेंगे कि किनके आदेश पर रात्रि में ढलाई कार्य किया जा रहा है। वेसे पता कर रहे क्या मामला है। 

रविवार, 13 सितंबर 2020

झूठे केश में फसाने के लिये लोकेश ने रचा 1 लाख 80 रुपये लूट का षडयंत्र

भौरा पूल के समीप शुक्रवार की संध्या लूट की घटना निकला फर्जी, अब फर्जी केश करने वाले पर चलेगा मामला

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



 शुक्रवार की संध्या भौरा पूल के समीप मारपीट कर 1 लाख 80 हजार रुपये लूट के अभियुक्त बने अनिल यादव ने बख्तियारपुर थाना में आवेदन देकर लोकेश यादव सहित तीन पर उधार की रुपये मांगने पर मारपीट 40 हजार रुपये लिए जाने का आरोप लगाया है। वही शुक्रवार को भौरा पूल के समीप लूटपाट की घटना को पूरी तरह से फर्जी बताया। मानसी थाना के धमराघाट वार्ड नम्बर 2 निवासी अनिल यादव ने बख्तियारपुर थाना में आवेदन देकर कहा है कि बख्तियारपुर थाना अंतर्गत सरोजा पंचयात के गल्फारिया निवासी लोकेश यादव पिता अरुण यादव से अच्छे संबंध थे जिनके बीच पूर्व से लेनदेन होता रहता था। दिनांक 27 दिसंबर 18 को मुझे विश्वास में लेकर 50 हजार रुपये उधार लिया। जिसमे लोकेश यादव के खाता में 25 हजार एवं उनके पत्नी कविता देवी के खाता में 25 हजार रुपये दिया। लिये गए रुपये 15 दिन के अंदर वापस करने का वादा किया था। उक्त अवधि बीतता गया जब में रुपये मांगने गया तो टाल-मटोल करता रहा। दिनांक 10 सितंबर को लिये गए रुपये देने के लिये नगर पंचयात के पोस्ट आफिस गली के विवेकानंद यादव के घर पर बुलाया गया। जब में पोस्ट गली विवेकानंद यादव के मकान पर गया तो लोकेश यादव, मुकेश यादव एवं अरुण यादव एवं कुछ अग्यात लोग मेरे साथ मारपीट कर गाली-गलौज करते हुए हमलोगों के साथ मारपीट कर घायल कर दिया। मारपीट में मेरे गले से चेन एवं मेरे भाई बिजेंद्र यादव के जेब से 40 हजार रुपये निकाल लिया। ये लोग मेरा दिया उधारी बेईमानी करने की नीयत से मेरे साथ मारपीट किया। 

क्या कहना है थानाध्यक्ष का--

इस मामले में थानाध्यक्ष सुधाकर कुमार ने बताया कि लोकेश यादव एवं अनिल यादव के बीच आपसी लेनदेन का विवाद था। जिसमे पंचयात भी हुआ था।झूठी केश में फसाने के लिये भौरा पूल के समीप लोकेश यादव के द्वारा लूटपाट का षडयंत्र रचा गया था।

बुधवार, 2 सितंबर 2020

राजद कार्यकर्ता ने वर्तमान राजद विधयाक के खिलाफ फूंका बिगुल, ज़फर आलम मंजूर नही, बांकी कोई भी उम्मीदवार मान्य

 

कोशी बिहार टुडे, सहरसा

आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सिमरी बख्तियारपुर में सियासी पारा बढ़ता जा रहा है। बुधवार को राजद के स्थानीय कार्यकर्ताओं व कई पदधारी नेताओं ने एक स्वर में वर्तमान विधायक जफर आलम का विरोध करते हुए राजद आलाकमान से वर्तमान विधायक को टिकट ना देने की मांग किया। इस संबंध में सिमरी बख्तियारपुर अंतर्गत हटिया गाछी स्थित सत्संग मंदिर भवन में पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं की एक बैठक आयोजन किया गया। जिसमें उपस्थित सभी लोगों ने अपने - अपने विचार रखे। बैठक की अध्यक्षता प्रखण्ड राजद अध्यक्ष हैलाल असरफ ने और संचालन अभय भगत ने किया। बैठक में एक स्वर में वर्तमान स्थानीय विधायक जफर आलम पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए विरोध का बिगुल फूंक दिया। वही इन नेताओं ने कहा कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के पास इनको दोबारा टिकट ना देने की बात से अवगत कराया जाएगा। अगर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इन्हें दोबारा यहां से टिकट देती है तो हम सभी इनका पुरजोर विरोध करेंगे। बैठक उपरांत मीडिया से बात करते हुए राजद प्रदेश महासचिव अभय भगत ने कहा कि राजद के  प्रदेश एवं जिलास्तर के सभी लोगो की एक ही मांग है कि इस बार सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा का ही उम्मीदवार होना चाहिए। हमे बाहरी लोग नही चाहिए। जफर आलम जैसे तानाशाह उम्मीदवार नही चाहिए। वही राजद के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव मीर रिजवान ने कहा कि सभी कार्यकर्ताओ ने एक मत हो कर यह निर्णय लिया है कि वर्तमान विधायक की नीति और नियत किसी भी कार्यकर्ताओ के संग सकारात्मक नही रहा। जिससे सभी कार्यकर्ता दुखी है। इसलिए आलकमान से निवेदन है कि जफर आलम जैसे अहंकारी को टिकट ना दिया जाए। 



वही आरजेडी पंचायती राज प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष मिथिलेश विजय ने कहा कि वर्तमान विधायक जफर आलम जनता एवं कार्यकर्ताओ के विश्वास पर खड़ा नही उतर पाए। हम सभी आलाकमान से यह अवगत करायेंगे की जफर आलम को छोड़ कर किसी भी सिमरी बख्तियारपुर के बेटे को टिकट दिया जाए। अगर पुनः शीर्ष नेता जफर आलम को टिकट देती है हम सभी उसका विरोध करेंगे। वही राजद महिला  प्रकोष्ठ की जिलाध्यक्ष गुंजन देवी ने कही कि सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा के लोग को टिकट मिले। 

राजद प्रखण्ड अध्यक्ष हैलाल असरफ ने कहा कि स्थानीय विधायक जफर आलम ने अपने व्यवहार से जनता और कार्यकर्ता को नाखुश किया। विधायक ने जितने के बाद एक बार भी कार्यकर्ताओ तक की बैठक नही की और ना ही पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में सफल तक नही होने दिया। इस मौके पर जिला उपाध्यक्ष विनोद यादव, राजेंद्र यादव, सुरेश यादव, अरुण यादव, नंद किशोर यादव, गुलटेन यादव, विपिन भगत, प्रदीप सिंह, कमलेश्वरी निराला, सुरेंद्र यादव, रामसोगारथ यादव, पुकार कुमार साह,  अनिल यादव, कारी चौधरी, अशोक यादव, जमील अख्तर, चंदन साह, रागिब हुसैन सहित अन्य मौजूद थे। 

इस संबंध में राजद विधायक ज़फर आलम ने बताया कि राजद की कोई बेठक की जानकारी मुझे नही है। मेरा वही लोग विरोध कर रहा है जो खुद टिकट के लिये भागदौड़ कर रहा है एवं पहले से दूसरे दल को मदद करता रहा है। 

पूर्व विधायक के प्रयास से हजारों हेक्टर खेत में जमा पानी से किसान को मिलेगी मुक्ति

  कोपरिया स्लुइस गेट का जलकुंभी साफ करने के लिए निजी कोष से दिया गया धन  सिमरी बख्तियारपुर से पानी की बिक्री ही नहीं बल्कि महिषी खंड के लोगो...