सोमवार, 31 दिसंबर 2018

नये साल में केंद्र सरकार ने बिहार में कर दिया सड़को एव पुलों का बरसात, 6804 करोड़ की कई योजनाओं की स्वीकृति


दरभंगा से समस्तीपुर 50 किलोमीटर फोर लेन के लिये 1612 करोड़
कोशी बिहार टुडे, सहरसा

विक्रमशीला सेतु के समानान्तर नये 4 लेन पुल का निर्माण तथा नवगछिया-भागलपुर राष्ट्रीय उच्च पथ के निर्माण समेत पीएम पैकेज के अंतर्गत 6804 करोड़ कई महत्वपूर्ण योजनाओं की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस बात की जानकारी पथ निर्माण विभाग- बिहार सरकार नन्द किशोर यादव ने आज ट्वीट कर के दी है। बता दें कि सोमवार को नईदिल्ली में बिहार के लिए प्रधानमंत्री के विशेष पैकेज के अन्तर्गत सड़क एवं पुल परियोजनाओं के लिए उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक हुई। इस बैठक में महत्वपूर्ण परियोजनाओं की स्वीकृति दी गई है।
 नंदकिशोर यादव का ट्वीट---
1900 करोड़ की लागत से बनने वाली पुल की लंबाई 4.37 किमी होगी और पहुंच पथ के लिए 10.6 किमी सड़क का निर्माण किया जाएगा। समानांतर पुल के चालू होने के बाद विक्रमशिला सेतु पर वाहनों का दबाव काफी कम हो जाएगा। खासकर भारी वाहनों का दबाव नहीं के बराबर होगा। वाहनों के दबाव कम होने से विक्रमशिला सेतु की 20-25 साल लाइफ और बढ़ भी जाएगी।

बक्सर चौसा होते हुए मोहनिया पथ को राष्ट्रीय उच्च पथ के रूप में घोषित करते हुए 960 करोड़ की लागत से 10 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण किया जाएगा। इस सड़क की लम्बाई 64 किमी।
समस्तीपुर से दरभंगा तक चार लेन राष्ट्रीय उच्च पथ का निर्माण किया जाएगा। 50 किमी चार लेन सड़क के लिए भारत सरकार ने 1612 करोड़ रुपए स्वीकृत किए है। वहीं रोसड़ा से बहेड़ी होते हुए दरभंगा तक 10 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण होगा। 78 किलोमीटर लम्बी सड़क के लिए 452 करोड़ स्वीकृत की गई है।
भागलपुर से ढाका मोड़ तक चार लेन सड़क का निर्माण किया जाएगा। इस सड़क के लिए 1121 करोड़ स्वीकृत हुए है। इस सड़क की लम्बाई 62 किलोमीटर होगी।
हाजीपुर से बछबाड़ा के बीच 75 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया जाएगा। सड़क की चौड़ाई 10 मीटर होगी । इसके निर्माण के लिए 552 किमी स्वीकृति की गई है।
सवर्न से चकाई तक सड़क निर्माण के लिए 80 करोड़ की स्वीकृति दी गई है। 10 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण किया जाएगा। इस सड़क की लम्बाई 18 किलोमीटर होगी
सरायगढ़ लालगंज गणपतगंज सड़क निर्माण के लिए 127 करोड़ रुपए स्वीकृत की गई है। 10 मीटर चौड़ी राष्ट्रीय पथ का निर्माण किया जाएगा। इस सड़क की लम्बाई 10 किलोमीटर होगी।

शनिवार, 29 दिसंबर 2018

मुश्लिम संगठन फरवरी में हिन्दू-मुश्लिम के गरीब के बेटी के सामूहिक शादी का आयोजन

गुजरात की एक संस्था के सहयोग के सिमरी बख्तियारपुर के मुश्लिम लोग करवा रहे है आयोजन
कोशी बिहार टुडे, सहरसा

नगर पंचायत सिमरी बख्तियारपुर के रानीहाट मस्जिद में हजरत मौलाना महबूब उर रहमान की अध्यक्षता में इमामो की एक बैठक का आयोजन किया गया।
अइममा मसाजिद संगठन के अध्यक्ष इमाम मस्जिद हाफ़िज़ मोहम्मद मुमताज़ रहमानी ने कहा कि आगामी वर्ष के फरवरी माह में  सिमरी बख्तियारपुर में जमीयत-उल-उलमा के अध्यक्ष हज़रत मौलाना सैयद अरशद मदनी की अध्यक्षता  में एक जलसा आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।
       इस अवसर पर हज़रत मौलाना महबूब-उर-रहमान कासिमी ने कहा कि संगठन इमाम मस्जिद द्वारा सामूहिक विवाह का एक आयोजन फरवरी में सिमरी बख्तियार पुर में आयोजित किया जाएगा। अल्लाह बेटियों को रहमत बना कर भेजा है, लेकिन लोग आज इसे एक बोझ मानते हैं। आज शादियों में फजूल और बेकार खर्च इतना बढ़ गया है कि युवा लड़कियां माता-पिता के घरों पर ही बूढ़ी हो रही हैं। लोग बिना तिलक दहेज के शादी को तैयार नहीं हो रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप गरीब की बेटियों को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ता है । लेकिन इन परिस्थितियों  में कुछ संगठन ऐसे भी हैं जो सामूहिक विवाह का आयोजन करके गरीब माता-पिता के बोझ को कम करने की कोशिश करते हैं। गुजरात में एक चैरिटी संगठन है  जिनका संरक्षण आइम्मा मस्जिद संगठन को प्राप्त है। यह संगठन आगामी फरवरी में करीब 50 गरीब लड़कियों की शादी का प्रबंधन करेंगी। इस संबंध में जरूरतमंद लोग रानी बाग मस्जिद के इमाम से संपर्क करें और फार्म प्राप्त कर भर कर जमा कर दें। इस सामूहिक विवाह समारोह में गरीब मुस्लिम समुदाय के साथ साथ हिन्दू या अन्य धर्मों के लड़कियों के अभिभावक जो गरीब और नि:सहाय हैं भी शामिल हो सकते हैं और उनके धर्मों के अनुसार उनके बच्चियों का विवाह संपन्न कराया जायेगा। 

इस तरह का सामाजिक कार्य कर रहे देश मे जाने माने संगठन जमीयत अल-उलमा का गठन देश और अल्पसंख्यक की सेवाओं के लिए किया गया था।  और यह संगठन अभी भी इस उद्देश्य पर काम कर रही है। जमीयत अल-उलमा ने न केवल स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई, बल्कि  देश को  बांट कर पाकिस्तान बनाने का  अंतिम क्षण तक  कड़ा विरोध किया।महान स्वतंत्रता सैनानी मौलाना हुसैन अहमद मदनी ने इस महान और कल्याणकारी संगठन को मजबूती दिया, और आज भी देश की एकता को मजबूत करने और मुसलमानों व समाज के पिछड़े वर्गों की समस्याओं को हल करने के लिए यह संगठन  सक्रिय भूमिका निभा रही है। 
 बैठक में शामिल मौलाना महबुब कासमी,मौलाना मजाहिरुल हक कासमी, मौलाना जियाउद्दीन नदवी,मौलाना इशतियाक कासमी, मौलाना ताज कासमी,मौलाना आदिल नदवी, मौलाना रिजवान कासमी, मौलाना नौशाद, मौलाना मोहब्बुलला,हाफिज शकील,कारी मनजर आदि उपस्थित थे।

गुरुवार, 27 दिसंबर 2018

बिजली आने से भूत एव लालटेन दोनों भागे, विकास एव शराब से कोई समझौता नही: सीएम नीतीश कुमार


दो भागों में बंटे मिथिला का एकीकरण हुआ, सहरसा-बिरौल सड़क एव डुमरी पूल पर फर्राटे लगा रही है वाहन
कोशी बिहार टुडे, सहरसा

मिथिलांचल व सीमांचल के दो दिलों की धड़कन हाटी कोठी- गंडौल सड़क के लोकार्पण कार्यक्रम में उपस्थित भीड़ की खुशी व उत्साह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गदगद दिखे। दो भागों में बंटे मिथिलांचल को एक करने वाले ड्रीम प्रोजेक्ट के उद्घाटन के दौरान मुख्यमंत्री अपनी खुशी को रोक नहीं पा रहे थे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि चौतरफा विकास व गांव-गांव तक बिजली पहुंच जाने से बिहार में अब न भूत का डर है और न ही लालटेन की जरूरत। उन्होंने कहा कि विकास व शराबबंदी से वे कोई समझौता नहीं करेंगे। राज्य के कोने-कोने से पटना की दूरी घटकर मात्र पांच घंटे करने के लक्ष्य को लेकर हर तरफ सड़क व पुलिया का जाल बिछाया जा रहा है। सिंचाई के लिए पूरे राज्य में कृषि फीडर का निर्माण किया जा रहा है। अगले साल 31 दिसम्बर तक सभी गांवों को इससे जोड़ दिया जाएगा।

वे गुरुवार को बिरौल अनुमंडल के हनुमानगर- खोड़ागाछी खेल मैदान में बिरौल से सहरसा के गंडौल तक सड़क व पंचायत सरकार भवन सहित 36 योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करने के बाद सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गंडौल तक सड़क निर्माण का काम पूरा होने से बिरौल व सहरसा की दूरी घटकर मात्र 42 किमी हो गई। पहले दरभंगा से सहरसा की दूरी 160 किमी थी तो बिरौल-सहरसा सड़क निर्माण के बाद घटकर 90 किमी हो गई है। सीएम ने ने कहा कि कुशेश्वरस्थान से फुलतारा घाट के बीच 243 करोड़ की लागत से सड़क व पुल का निर्माण किया जाएगा। दो साल में यह योजना पूरी होने पर खगड़िया की दूरी 80 किमी कम हो जाएगी।

श्री कुमार ने कहा कि रसियारी से वरुना तक पुल व सड़क का निर्माण भी जल्द शुरू किया जाएगा। इस योजना को पूरी करने में 1126 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी। यह योजना पूरी हो जाने के बाद लोग रोसड़ा होकर सीधे हाजीपुर पहुंच जाएंगे। उन्होंने कहा कि बिरौल से सहरसा तक की सड़क की ऊंचाई अधिक होने के कारण लोगों को दुर्घटना से बचाने के लिए दोनों ओर लोहे के बैरियर लगाए जाएंगे। इस सड़क के निर्माण से मिथिलांचल का खंडित भाग दोबारा एक हो गया है। इससे लोगों के बीच सामाजिक सारोकार बढ़ने के अलावा व्यवसाय भी बढ़ेगा।


मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत सरकार भवन का निर्माण होने से जिस तरह केन्द्र व राज्य सरकार चलती है, ठीक उसी तरह पंचायत राज्य की सरकार चलेगी। महात्मा गांधी के इस सपने का पूरा करने की दिशा में वे कटिबद्ध हैं। उन्होंने लोगों से मिलजुलकर समाजिक बाल विवाह व दहेज प्रथा जैसी समाज कुरीतियों को दूर भगाने की अपील की। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास के साथ-साथ समाजिक कुरीतियों को दूर करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी।

पीएम व सीएम प्रयास से घटी लोगों के बीच की दूरियां: सुशील मोदी

उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि दरभंगा से हवाई जहाज सेवा शुरू करने की दिशा में केन्द्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व राज्य में सड़कों का जाल फैलाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिलों का जोड़ने का काम किया है। दोनों पहल से लोगों के बीच की दूरियां काफी कम हो जाएगी। उन्होंने कहा कि 15 वर्षों पूर्व की सरकार ने विकास में केवल छह हजार करोड़ की राशि खर्च की थी। नीतीश सरकार 15 वर्षों में अभी तक एक लाख 19 हजार करोड़ खर्च कर चुकी है।

मधुबनी के उच्चैठ से भेजा बनेगी सड़क: नंदकिशोर

पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने सभा की अध्यक्षता करते हुए कहा कि मधुबनी के उच्चैठ भगवती स्थान से भेजा तक पांच हजार करोड़ की लागत से सड़क का निर्माण किया जाएगा। निर्माण पूरा होने के बाद लोग भेजा होकर मेहसी तक जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि दरभंगा में आठ आरओबी के निर्माण के लिए सरकार ने 200 करोड़ की राशि स्वीकृत कर दी है।
समारोह में स्वागत का सिलसिला समाप्त होने के बाद पुल निर्माण निगम के अध्यक्ष जितेन्द्र श्रीवास्तव ने नवनिर्मित सड़क के महत्व व लागत पर विषेष जानकारी देते हुए कहा कि 404 करोड़ 45 लाख की लागत से बनी सड़क में दो बड़े पुल, 11 छोटे पुल एवं 21 कल्वर्ट का निर्माण कर वर्षों से बंटे मिथिलांचल व पूर्वांचल की सीमा समाप्त कर एक कर दी गई है।

डुमरी पूल लोगो के लिये हुए चालू, अब सस्ते होंगे समान


खगड़िया जिले के डुमरी घाट सोनवर्षा में बहुप्रतीक्षित पुनर्स्थापित बीपी मंडल सेतु(डुमरी पुल) के उद्घाटन समारोह में गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक साथ कई घोषणाएं की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बदलाघाट से फेनगो होल्ट के बीच बागमती, कमला, कोसी और मृत कोसी नदी पर 14 सौ करोड़ रुपये से चार पुलों का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए डीपीआर तैयार है। चौथम- नवादा के बीच बागमती नदी और 75 करोड़ की लागत से एक उच्चस्तरीय ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं डुमरी पुल के समानांतर फोर लेन के लिए एक और कोसी नदी का पुल का निर्माण किया जाएगा।

सीएम ने कहा कि 1380 करोड़ की लागत से महेशखूंट से मधेपुरा तक एनएच 107 का 10 मीटर चौड़ीकरण का कार्य किया जाएगा। फिर मधेपुरा से पूर्णिया तक का भी सड़क का चौड़ीकरण कार्य किया जाएगा। सीएम ने कहा कि 1710 करोड़ की लागत से अगुवानी-सुल्तानगंज के बीच गंगा नदी में महासेतु का निर्माण किया जा रहा है। अगले वर्ष आम लोंगों को समर्पित कर दिया जाएगा। 

बुधवार, 26 दिसंबर 2018

गुरुवार को कोसी वासी को एक साथ दो दो तोहफा, मुख्यमंत्री करेंगे इस महत्वपूर्ण पूल एव सड़क का उद्घाटन


खगरिया में जहा डुमरी पूल तो दरभंगा से बिरौल-सहरसा सड़क का करेंगे उद्घाटन
कोशी बिहार टुडे, सहरसा

खगड़िया समेत कोसीवासियों को गुरुवार को एक साथ दो तोहफे मिलने वाले हैं। पहला, खगड़िया जिले में कोसी व बागमती नदी के संगम पर बने बहुप्रतीक्षित बीपी मंडल सेतु (डुमरी पुल) पर आज से परिचालन शुरू हो जाएगा।

दूसरा, कोसी और मिथिलांचल को जोड़ने वाली गंडौल-बिरौल सड़क पर भी आज से गाड़ियां दौड़ने लगेंगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दोनों ही योजनाओं का खगड़िया और दरभंगा से उद्घाटन करेंगे। सीएम के साथ में उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी और पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव भी रहेंगे।

खगड़िया के डीएम अनिरूद्ध कुमार के अनुसार मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है। पुल के उद्घाटन मौके पर सीएम व अन्य मंत्री डुमरी पुल (सोनवर्षा) के पास बने मंच से लोगों को भी संबोधित करेंगे। खास बात यह कि वर्ष 2018 में सीएम तीसरी बार खगड़िया आ रहे हैं। सीएम दोपहर 12 बजे पहुंचेंगे।और उद्घाटन के बाद 1.10 मिनट पर आमसभा को संबोधित करेंगे। लंबे इंतजार के बाद सड़क मार्ग से खगड़िया और कोसी के जुड़ने से लोगों में काफी खुशी है।

सहरसा से आधी हो जाएगी दरभंगा की दूरी---
गंडौल-बिरौल सड़क के चालू होने से दरभंगा की दूरी 92 किमी हो जाएगी। वर्तमान में सुपौल होकर 170 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है। वहीं पटना की दूरी भी 305 से घटकर 245 किमी हो जाएगी। गुरुवार को गंडौल-बिरौल सड़क का उद्घाटन होते ही मिथिलांचल के सभी जिले आपस में जुड़ जाएंगे। दोनों इलाकों के बीच कारोबार बढ़ेगा। कोसी, कमला व बलान नदियों के कारण सदियों से आवागमन सुविधाओं से वंचित लोगों के बीच आज खुशी का माहौल है। बलुआहा-गंडौल पुल व सड़क निर्माण पर 531 करोड़ खर्च किये जाने के बाद भी लोगों को आवागमन सुविधा का लाभ नहीं होता देख सीएम ने दरभंगा को जोड़ने के लिए गंडौल-बिरौल लगभग 13 किमी सड़क व पुल निर्माण की स्वीकृति दी थी। इस नयी सड़क के माध्यम से कोसी क्षेत्र के जिलों का कारोबार दरभंगा से जुड़ जाएगा।

सड़क निर्माण कंपनी के कर्मी के मुताबिक सीएम के उदघाटन को लेकर सड़क निर्माण के बचे हुए कार्य की तैयारी जोर शोर से की जा रही है। इस पथ में मात्र सात सौ मीटर सड़क पीचिंग बची हुई थी। जिस सड़क का एक लेयर पीचिंग का कार्य कर लिया गया है। वहीं दूसरे लेयर पीचिंग का कार्य शुरू है। गंडौल-बिरौल सड़क उदघाटन के बाद विकास के द्वार खुलेंगे।
सहरसा सहित मधेपुरा आदि जिले से दरभंगा से व्यवसायिक कारोबार बढेंगे। कोसी पर बने बलुआहा उच्चस्तरीय पुल निर्माण के बाद दरभंगा को सीधे सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए गंडौल से बिरौल तक 13 किमी सड़क का निर्माण शुरू किया गया। हालांकि कई वर्षों तक निर्माण की प्रक्रिया बाधित व मंद गति से होने के कारण वर्षो से लोगों को इस मार्ग से आवागमन सुगम नहीं हो पाया था।
खुलेगा नया रास्ता, पर्यटन को भी मिलेगा बढ़ावा : इस पथ के खुलते ही और दरभंगा से जुड़ते ही आर्थिक रूप में काफी मजबूती मिलेगी।
इलाके में मक्का, गेहूं, मखाना, दलहन की अच्छी पैदावार होती है, साथ ही मछली व्यवसाय भी इस क्षेत्र की पहचान है। साथ ही पर्यटन के क्षेत्र में मिथिला नगरी पूरे जग में विख्यात है, नई सड़क से मिथिला की संस्कृति को देश विदेशों से आने वाले पर्यटक जान पाएंगे।

मिथलांचल वासियो के लिये सहरसा एव जयनगर तक कुम्भ स्पेशल ट्रेन


कुंभ मेले के लिए सहरसा और जयनगर से प्रयागराज के लिए रेलवे चलाएगी स्पेशल ट्रेन
   कोशी बिहार टुडे, सहरसा

 कुंभ मेले के अवसर पर पूर्व मध्य रेलवे ने सहरसा और जयनगर से प्रयाग राज के बीच कुंभ मेला स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला लिया है। यह ट्रेने 6 ट्रिप पर 14 जनवरी से चलेगी। ट्रेन संख्या 05595/05596 सहरसा से प्रयागराज के जुसी के बीच चलेगी । यह ट्रेन सहरसा से प्रयागराज के जूसी के बीच 6 ट्रिप पर चलेगी।सहरसा से दोपहर 1 बजे खुलेगी और प्रयागराज के जूसी स्टेशन पर सुबह 5 बजे पहुंचेगी । वही जूसी से दोपहर 2 बजे खुलकर अगले दिन सुबह 5 बजे सहरसा पहुंचेगी। इस ट्रेन में 2 स्लीपर कोच के साथ 22 जनरल डिब्बे होंगे।

जयनगर से 6 ट्रिप पर प्रयागराज के लिए चलेंगी कुंभ स्पेशल
जयनगर से प्रयागराज जं के बीच कुंभ मेला स्पेशल ट्रेन चलाई जाएगी। ट्रेन संख्या 05539/05540 जयनगर से सुबह 6 बजे खुलेगी और रात 11:30 बजे प्रयागराज जं पहुंचेगी। वहीं प्रयागराज से सुबह 4 बजे खुलेगी और रात 8 बजकर 45 मिनट पर जयनगर पहुंचेगी। इस ट्रेन में 2 स्लीपर कोच के साथ 22 जनरल डिब्बे होंगे। सहरसा के डीसीआई राजेश रंजन ने बताया कि रेलवे के द्वारा चलाया गया ये ट्रैन कुम्भ मेले जाने वाले यात्रिओ के लिये काफी फायदेमंद साबित होगा।

अब इस गांव के लोग नही खायंगे मृत्यु भोज, ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से लिया संकल्प


मधेपुरा के बाद अब खगड़िया में लोगो ने मृत्यु भोज को गलत कहा
कोशी बिहार टुडे, सहरसा

बिहार के खगड़िया जिले के रामपुर गांव के सैकड़ों युवाओं ने गांव के बाबा थान में मृत्युभोज को खत्म करने के लिए सामूहिक रूप से संकल्प लिया। रामपुर के मुखिया कृष्णानंद यादव ने इन युवाओं और ग्रामीणों को मृत्यु भोज नही खाने-खिलाने की शपथ दिलाई। बीते मंगलवार को शपथ लेते हुए युवाओं ने कहा कि वे मृत्युभोज का बहिष्कार तो करेंगे ही साथ ही इसके खिलाफ अभियान भी चलाएंगे। लोगों को जागरूक भी करेंगे।
सामाजिक जागरूकता का यह कारवां कभी नहीं रुकेगा। बता दें कि एक साल पूर्व गोगरी के ही उसरी के लोगों ने कटिहारी भोज नहीं खाने का निर्णय लिया था। यह परंपरा अब भी वहां जारी है। कुल मिलाकर यह सामाजिक बदलाव की ओर इशारा कर रहा है।
दो दिन पूर्व ग्रामीणों ने की थी बैठक
मंगलवार की रात रामपुर मुखिया की अगुवाई में ग्रामीणों की बैठक भी हुई। बैठक में यह बताया गया कि मृत्युभोज समाज में फैली कुरूति है। यह समाज के लिए अभिशाप है। मुखिया यादव ने कहा कि किसी भी धर्मग्रंथ में मृत्युभोज का विधान नहीं है। यहाँ तक कि किसी जानवर का बच्चा मर जाता है जानवर दिनभर खास नही खाता है। पहले मधेपुरा अब खगरिया से उठी ये आवाज बिहार के लोगो तक एक दिन जरूर पहुचेगा।
 इस मौके पर मृत्युभोज बहिष्कार करने का प्रस्ताव लाया गया। इस प्रस्ताव को ग्रामीणों ने ध्वनिमत से पारित कर दिया।  स्रोत-हिंदुस्तान

रविवार, 23 दिसंबर 2018

अब दरभंगा से दिल्ली के लिये सीधी उड़ान, ये विमान कंपनी पहली उड़ान सेवा शुरू करेगी


30 फीसदी टिकट होगा सस्ता, दरभंगा से दिल्ली 1815 रुपये में पहुच जायेंगे।
 कोशी बिहार टुडे, सहरसा

 पटना की तुलना में  दरभंगा से दिल्ली और बेंगलुरु की हवाई यात्रा सस्ती होगी। क्षेत्रीय संपर्कता योजना के अंतर्गत दरभंगा से परिचालित होने वाले हवाई सेवा पर प्राइस कैपिंग लागू होगी। इसके अंतर्गत 50 फीसदी सीट बाजार मूल्य से कम पर मिलेगी। बदले में सेवा परिचालित करने वाले एयरलाइंस को एटीएफ पर लगने वाले एक्साइज डयूटी में 1 से 3 फीसदी तक  रिबेट के साथ-साथ सब्सिडी भी दी जायेगी।
  स्पाइसजेट   शुरू करेगी पहली सेवा--- दरभंगा से स्पाइसजेट पहली हवाई सेवा शुरू करेगी। उड़ान दू योजना के अंतर्गत कुछ एयरलाइंस ने सेवा के लिए आवेदन दिया था। स्पाइसजेट को इजाजत मिल गयी है।

76 करोड़ की लागत से 2.3 एकड़ में बनेगा सिविल एनक्लेव --- दरभंगा एयरपोर्ट पर बन रहा सिविल एनक्लेव 76 करोड़ की लागत से बनेगा। 2.3 एकड़ में फैले इस टर्मिनल भवन की क्षमता सिंगल एयरक्राफ्ट की होगी और एक समय में इसके चेक इन और सेक्यूरिटी होल्ड एरिया में 200 यात्रियों का ही आवासन  हो सकेगा। 

पोर्टा केबिन का होगा निर्माण ---दरभंगा से  जल्द हवाई सेवा शुरू करने के लिए   वहां सिविल एन्क्लेव के निर्माण के लिए  आरंभ में पोर्टा केबिन का इस्तेमाल होगा। अगले छह महीने में इनको वर्तमान  एयरफोर्स  स्टेशन के बगल में स्थापित कर नागरिक उड़ान शुरू कर दिये  जायेंगे। साथ ही, स्थायी संरचना का निर्माण भी होगा, जिसे पूरा करने  में समय लगेगा।

30% सस्ती मिलेगी टिकट  
जगह पटना से हवाई बेस फेयर दरभंगा से हवाई संभावित फेयर
 दूरी(किमी)  (रुपये) दूरी(किमी) (रुपये)
बेंगलुरु 1609 3553 1709 2641
दिल्ली 856 2467 900 1815
 सोमवार को  होगा शिलान्यास


रभंगा एयरपोर्ट के सिविल एनक्लेव का सोमवार को शिलान्यास होगा. सिविल एनक्लेव के नींव का पत्थर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और वाणिज्य-उद्योग और नागरिक  उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु रखेंगे। इस शिलान्यास कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, केंद्रीय  नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा, केंद्रीय ग्रामीण विकास  राज्यमंत्री रामकृपाल यादव, सांसद कीर्ति आजाद, दरभंगा के विधान सभा सदस्य संजय सारावगी और क्योटी के विधान सभा सदस्य फराज फातमी भी शामिल होंगे.  कार्यक्रम दोपहर 1.45 बजे संपन्न होगा।

शनिवार, 22 दिसंबर 2018

मिथलांचल वासियो के लिये इस साल के अंत मे धमाकेदार खबर कोसी नदी पर देश के सबसे बड़े पुल के लिए हुआ टेंडर


3.5 साल में पूरा होगा काम, बदलेंगे मधुबनी व सुपौल के पिछड़े इलाके 
कुल 1286 करोड़ रुपए होंगे खर्च, पुल की ही लागत है 984 करोड़ रुपए।
कोशी बिहार टुडे, सहरसा

 देश के सबसे लंबे (10.2 किलोमीटर) महासेतु के निर्माण के लिए टेंडर हो गया है। केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से 1286 करोड़ की लागत से बनने वाले इस महासेतु के निर्माण की स्वीकृति मिलते ही एनएचएआई ने टेंडर कर दिया है। इसमें सिर्फ पुल की लागत 984 करोड़ रुपए है। बकौर (सुपौल) और भेजा (मधुबनी) के बीच बनने वाला यह महासेतु साढ़े तीन साल में बनकर तैयार होगा। 
दियारा में दोनों तरफ बनेंगे दो बड़े-बड़े अंडरपास : कोसी महासेतु और बलुआहा घाट के बीच की बड़ी आबादी को इस महासेतु से बहुत लाभ होगा। बकौर-भेजा के बीच बनने वाले इस पुल के 25 किलोमीटर उत्तर में कोसी नदी पर कोसी महासेतु है तो 26 किलोमीटर दक्षिण में कोसी नदी पर ही बलुआहा घाट सेतु है, जिससे गाड़ियां आर-पार हो रही हैं। धारा बदलते रहने वाली कोसी नदी के स्वभाव के कारण इस महासेतु के सिरों को दोनों तरफ बने तटबंध (पूर्वी और पश्चिमी) से सीधे जोड़ा जा रहा है। इस कारण से ही यह महासेतु अब देश का सबसे लंबा महासेतु बन जाएगा।

अभी असम और अरुणाचल प्रदेश दो राज्यों को जोड़ने के लिए ब्रह्मपुत्र नदी पर बने सबसे बड़े महासेतु की लंबाई 9.8 किलोमीटर है। बकौर-भेजा महासेतु के बनने के बाद दियारे (तटबंधों के बीच) में रहने वाली आबादी को ध्यान में रखते हुए महासेतु के दोनों तरफ दो बड़े-बड़े अंडरपास बनाए जाएंगे। इनसे गाड़ियां भी आर-पार हो सकेंगी। बीच में पड़ने वाले दियारा के पांच गांवों को इस तरफ से उस तरफ जाने के लिए रास्ता मिलेगा।
 सामरिक दृष्टिकोण से भी है यह अहम 
भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत उमगांव (मधुबनी) से महिषी तारापीठ (सहरसा) के बीच बन रहे फोरलेन सड़क के एलाइनमेंट में यह पुल है। यह पुल सामरिक दृष्टिकोण से भी बहुत ही महत्वपूर्ण है। नेपाल, बांग्लादेश और भूटान के साथ उत्तर-पूर्व के राज्यों को जुड़ने में यह कारगर सिद्ध होगा। इसके बन जाने के बाद बागडोगरा एयरपोर्ट पर जाना-आना काफी आसान हो जाएगा। भारतमाला प्रोजेक्ट 5 पैकेजों में बन रहा है। इन्हीं में से एक पैकेज में इस पुल का निर्माण हो रहा है।
 इसलिए भी है खास
एप्रोच की लंबाई है सुपौल की तरफ 2 किलोमीटर तो मधुबनी की तरफ 1.1 किलोमीटर होगी।इसके बनने के बाद मधुबनी और सुपौल जिला मुख्यालय की दूरी घटेगी ।सिलीगुड़ी यानी बंगाल से बिहार के कई जिलों में आना-जाना और आसान होगा ।इस पुल  में 204 पिलर और 50 मीटर लंबाई वाले 50 स्पैन होंगे ।2 लेन सड़क की चौड़ाई 11 मीटर, दोनों तरफ 1.5-1.5 मीटर के फुटपाथ  बनाए जाएंगे। मरीचा, चंदेल, गोपालपुर समेत पांच गांवों को महासेतु से सीधे रास्ता मिलेगा।

शुक्रवार, 21 दिसंबर 2018

खगरिया सीट पर असमंजस, अगर वर्तमान सासंद महबूब अली केसर एनडीए छोड़ते है तो सीट भाजपा के खाते में

बिहार में एनडीए गठबंधन का सीट बँटवारा तय
कोशी बिहार टुडे, सहरसा

खगरिया सीट तो लोजपा के खाता में गयी है। अगर वर्तमान सासंद चोधरी महबूब अली कैसर एनडीए को अलविदा कहते है तो तय है कि ये सीट भाजपा के खाते में चली जायेगी, एव सम्राट चोधरी यहां उम्मीदवार होंगे। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के घटक के रूप में लोजपा को बिहार में जो छह सीटें मिली हैं, उनमें हाजीपुर से उसके राज्य अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस चुनाव लड़ेंगे। अब तक हाजीपुर से जीतते रहे पार्टी अध्यक्ष रामविलास पासवान को असम से राज्यसभा भेजा जाएगा।
एनडीए से समझौते के अनुसार, रामविलास पासवान राज्यसभा में जाएंगे तो हाजीपुर से बिहार लोजपा अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस पार्टी उम्मीदवार होंगे। पहले इस सीट से पार्टी प्रमुख की पत्नी रीना पासवान के उम्मीदवार होने की चर्चा थी, लेकिन पार्टी सूत्रों ने इस अटकल को खारिज कर दिया है। 
बिहार में लोजपा की छह सीटों में चार-हाजीपुर, जमुई, समस्तीपुर, खगड़िया पुरानी होंगी। मुंगेर और वैशाली सीटों के बदले पार्टी को नवादा और एक दूसरी सीट मिलेगी। हालांकि, खगड़िया सीट पर अभी असमंजस कायम है। भाजपा यह सीट लोजपा को देने को तैयार है, लेकिन संभव है वहां से जीते लोजपा सांसद महमूद अली कैसर एनडीए से अलग हो जाएं। ऐसी स्थिति में लोजपा अपने पसंद की कोई दूसरी सीट लेगी।
लोजपा ने गत चुनाव में वैशाली, हाजीपुर, जमुई, समस्तीपुर, खगड़िया, मुंगेर और नालंदा सीट पर उम्मीदवार दिया था। नालंदा सीट से पार्टी चुनाव हार गई थी। शेष छह सीटों पर उसके उम्मीदवार जीते थे। वैशाली से जीते रमाकिशोर सिंह ने लोजपा से चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा कर दी है।
जदयू के एनडीए में शामिल होने के बाद ही नालंदा और मुंगेर सीट छोड़ने पर लोजपा सहमत हो गई थी। तब पार्टी प्रमुख रामविलास पासवान ने कहा था कि नालंदा सीट पर जदयू उम्मीदवार की जीत हुई थी। उसकी दावेदारी मजबूत है। मुंगेर सीट भी जदयू के लिए ही छोड़ने की बात हुई थी। वहां से जदयू नेता ललन सिंह को चुनाव मैदान में उतारेगा, लेकिन तब भी पार्टी ने कहा था कि इन सीटों के बदले दो दूसरी सीटें उसे चाहिए।
NDA में ही रहेंगे रामविलास, बिहार के अलावा यूपी में भी मिली लोकसभा सीट
गिरिराज सिंह की सीट बदलेगी
लोजपा की सीटें तय होने के साथ ही यह भी तय हो गया कि केंद्रीय राज्यमंत्री गिरिराज सिंह को नई जगह तलाशनी होगी। सूत्रों की मानें तो गिरिराज सिंह की सीट नवादा लोजपा के खाते में चली गई है। ऐसे में उन्हें बेगूसराय से भाजपा चुनाव लड़ा सकती है। सिंह गत चुनाव में भी बेगूसराय से ही चुनाव लड़ना चाहते थे। लेकिन पार्टी ने वहां से भोला सिंह को उम्मीदवार बनाया था और उन्हें नवादा सीट मिली थी। हालांकि पार्टी में उन्हें मुजफ्फरपुर से भी लड़ाने की चर्चा कई बार हुई है, लेकिन यह चर्चा कुछ दिनों में ही दम तोड़ गई। लिहाजा अगर पार्टी उन्हें उम्मीदवार बनाती है तो बेगूसराय ही उनकी पसंद होगी।
17-17 सीटों पर पर जदयू और भाजपा लड़ेंगे
उपेंद्र कुशवाहा के एनडीए छोड़ने के बाद यह तय हुआ कि जेडीयू और बीजेपी 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी-जेडीयू ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था। पिछली बार सात सीटों पर वाले लोकजनशक्ति पार्टी को इस बार पांच सीटें दी गई हैं। जबकि रामविलास पासवान असम से राज्यसभा में जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी एक सीट उपेंद्र कुशवाहा से सहयोगी अरुण कुमार को दे सकती है। बीजेपी ने युवा नेता मुकेश सहनी के एनडीए में आने का विकल्प भी खुला छोड़ रखा है।
श्रोत-हिंदुस्तान

गुरुवार, 20 दिसंबर 2018

लालू की राजनीति बिरासत को बेखूबी निभा रहा है तेजस्वी, महागठबंधन के बने एक नंबर नेता


पहले हम के जीतनराम मांझी को,  बाद में उपेन्द्र कुशवाहा को महागठबंधन में कराया सामिल
कोशी बिहार टुडे, सहरसा

 तेजस्वी यादव अपनी मेहनत और लग्न से दिन प्रतिदिन अपने आप को एक कुशल राजनीतिज्ञ साबित कर दिया है। एक तरह से कहा जाए तो वह लालू की राजनीति विरासत को बखूबी संभाल रहे हैं। जिस तरह से पिता के जेल जाने के बाद उन्होंने अपनी समझदारी का परिचय दिखाया है, उससे साफ है कि बिहार में एक धाकड़ नेता मिल चुका है। तेजस्वी सफल साबित होंगे या असफल यह तो समय बताएगा लेकिन जिस तरह से सभी विपक्ष दल उन्हें स्वीकार कर रहे हैं उससे साफ है कि सीएम नीतीश के पॉलिटिक्स स्कूल में पढ़कर तेजस्वी वर्तमान समय में बिहार महागठबंधन के नेता नं वन बन गए है।
हाल ही में एनडीए छोड़ने वाले राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ( रालोसपा) सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने महागठबंधन का दामन थाम लिया है। कयासों के मुताबिक, गुरुवार को दिल्ली में कुशवाहा की महागठबंधन में एंट्री हुई। वो कांग्रेस, आरजेडी, और लोक जनशक्ति पार्टी के नेताओं के सामने इस गठबंधन में शामिल हुए। उनके महागठबंधन में शामिल होने की घोषणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने की। इस दौरान आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि ये दलों का नहीं, बल्कि दिलों का गठबंधन है।
तेजस्वी यादव ने कहा, ‘बिहार की जनता आज ये हिसाब लगा रही है मोदी जी ने हमें क्या दिया? चुनाव में बिहार की बोली लगाई गई थी। अगर उन्होंने बिहार को कुछ दिया होता, तो हम भी फोन करके पीएम को धन्यवाद देते। उन्होंने कहा, ‘हम सभी लोगों ने सही दिशा में फैसला लिया है। इसके लिए हम राहुल गांधी का शुक्रिया अदा करते हैं। उन्होंने कहा, ‘देश में संविधान को बचाने की लड़ाई जारी है। बीजेपी आज पूरे देश में अलायंस खो रही है। हम नीतीश कुमार की सरकार समेत एनडीए को समय आने पर करारा जवाब देंगे।’ तेजस्वी ने कहा, ‘देश के लोगों के लिए भी अच्छे मौसम आने वाले हैं।’
वहीं, महागठबंधन में शामिल होने के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने लालू यादव और राहुल गांधी की तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘मैं महागठबंधन के नेताओं को धन्यावाद देता हूं, जिन्होंने मुझे सम्मान दिया। मैं एनडीए से क्यों अलग हुआ हूं ये बता चुका हूं।’ कुशवाहा ने कहा, ‘मेरे पास एनडीए छोड़ने के बाद कई रास्ते थे, लेकिन मैंने राहुल गांधी और लालू प्रसाद की उदारता से प्रभावित हुआ। मैं आज इस गठबंधन का हिस्सा बिहार के लोगों की भावना का कद्र करते हुए बना हूं। उन्होंने मंच से गठबंधन के सभी नेताओं की तारीफ की और केंद्र व सरकार पर जमकर निशाना साधा।

‘हम’ के नेता जीतन राम मांझी ने भी कांग्रेस अध्यक्ष की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी ने लोगों से किया वादा पूरा किया है और यही आगे के दिन में भी हमलोग करेंगे। उनके नेतृत्व में देश आगे बढ़ेगा और इस काम को आगे बढ़ाने के लिए उपेंद्र कुशवाहा भी साथ आये हैं।’ मांझी ने कहा कि हम आशा करते हैं कि 2019 में देश में महागठबंधन की सरकार बनाएंगे।
बिहार में महागठबंधन का फॉर्मूला लगभग तय हो गया है। इस महागठबंधन में उपेंद्र कुशवाहा की भी एंट्री हो गई है। सूत्रों की मानें तो बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस को 8-12 सीटें, RJD को 18-20 सीटें, RLSP को 4-5 सीटें, HAM को 1-2 सीटें और CPM-CPI को एक सीट मिल सकती है। इसके अलावा शरद यादव की LJD को 1-2 सीटें मिल सकती हैं।

सोमवार, 17 दिसंबर 2018

शरद यादव को हराने के लिये जेडीयू बनाया खास रणनीति, मधेपुरा बनेगा अखाड़े के मैदान

बिहार के मधेपुरा लोकसभा सीट हमेशा देश की राजनीति में चर्चा में रहता है।
कोशी बिहार टुडे, सहरसा

बिहार में सियासी उठापटक अब तेज होने लगा है।आम चुनाव 2019 में शरद यादव के खिलाफ जेडीयू ने युवा प्रत्याशी और शरद यादव के खासम खास डॉ सत्यजीत यादव को चुनाव मैदान में उतारने की रणनीति जेडीयू बना रही है।
डॉ सत्यजीत यादव अभी जेडीयू प्रदेश राजनीति सलाहकार समिति के सदस्य हैं। हालांकि ऐसे कयास भी  लगाये जा रहा हैं कि दूसरा अन्य  संभावित उमीदवार में आलमनगर विधान सभा क्षेत्र के विधायक सह पूर्व मंत्री नरेन्द्र नारायण यादव और बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन मंत्री दिनेश चंद्र यादव के नाम की भी चर्चा जोड़ो पर है।
 राजनीतिक गलियारों से खबर यह भी आ रही है कि किसी भी वर्तमान विधायक और मंत्री को लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ाया जाएगा। बता दें कि मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र जेडीयू के खाते में जाने के बाद से ही यहां संभावित उम्मीदवार अपने-अपने समर्थकों से विचार विमर्श करने में जुट गये हैं।
इसी सिलसिले में राष्ट्रीय अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह से हरी झंडी मिलने के बाद मधेपुरा पहुंचे प्रदेश जेडीयू राजनीति सलाहकार समिति के सदस्य डॉ सत्यजीत यादव ने अपने आवास पर समर्थकों के साथ विचार विर्मश कर आगे की रणनीति बनाने में जुट गये हैं।
डॉ सत्यजीत ने अनुसार आलाकमान का जो भी निर्णय होगा उसका पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह भी चाहते हैं कि युवा को अधिक से अधिक मौका मिले, इसलिए मेरे जैसे दल के युवा सिपाही को अवश्य मौका मिलेगा। हालांकि अभी लोकसभा चुनाव में कुछ समय बांकी है। लेकिन राजनीतिक उठापटक जारी है। कार्यकर्ता भी अपने हिसाब से जोड़-घटाव में लगा है। यह बता दे कि आपदा मंत्री दिनेशचंद्र यादव खगरिया लोकसभा के सासंद रह चुके है। खगरिया से भी इनके चुनाव लड़ने की चर्चा सुनने को मिल रहा है।

रविवार, 16 दिसंबर 2018

एनएच के किनारे बेहोश पड़ी थी युवती, पुलिस ने कहा कोई घटना नही घटी, अस्पताल प्रशासन ने बिना कोई महिला को पीड़ित से साथ भेजे ही सदर अस्पताल किया रेफर

सिमरी बख्तियारपुर में पुलिस एव अस्पताल प्रशासन संवेदहीन हो गया

आसपास के लोगो ने पहुचाया अनुमंडलीय अस्पताल, गंभीर स्थिति में सहरसा रेफर
कोशी बिहार टुडे, सहरसा


सिमरी बख्तियारपुर - सोनवर्षा राज एनएच 107 पर पुरानी बाजार एव रानीहाट के बीच  कब्रिस्तान के पास रविवार सुबह सड़क किनारे एक युवती को बेसुध अवस्था में स्थानीय लोगो ने देखा। फिर उसे इलाज के लिये अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया। युवती के साथ दुष्कर्म की संभावना से बताया जा रहा है। महिला बेहोश थी। 
 बिना महिला चिक्तिसक के भेज दी गई---
रविवार को सिमरी बख़्तियारपुर अनुमंडलीय अस्पताल की संवेदनहीनता की प्रकाष्ठा देखने को मिली। जानकारी मुताबिक रविवार सुबह एनएच 107 से सटे कब्रिस्तान के पास एक युवती को बेहोशी की हालत मे  आसपास के ग्रामीणों ने देखा। जिसे ग्रामीणो ने सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती करा दिया। युवती के स्थिति को देख लोगो ने दुष्कर्म की आशंका जताया। अस्पताल में युवती को भर्ती कराने के उपरांत डॉक्टर द्वारा प्राथमिक उपचार किया गया। जिसके बाद दर्द से कराह रही युवती को सहरसा रैफर कर दिया गया।  अस्पताल प्रशासन की ओर से सहरसा ले जाने के लिए ना तो पीड़िता के साथ महिला चिक्तिसक या नर्स को दिया गया और ना ही महिला पुलिस बल ही उपलब्ध करवाया गया। इस संबध में ड्यूटी पर तैनात डॉ हरेंद्र कुमार से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि महिला के साथ दुष्कर्म हुआ या नही ये तो महिला चिकिस्तक ही बता पाएंगे। लेक़िन महिला की स्थिति गंभीर है।
थानाध्यक्ष का तबादला हो : लोजद
रविवार को युवती के साथ हुई घटना के बाद लोकतांत्रिक जनता दल ने सिमरी बख्तियारपुर थाना अध्यक्ष रणवीर कुमार के तबादले की मांग की है.लोजद के प्रदेश उपाध्यक्ष रितेश रंजन ने कहा है कि कुशासन के राज में जनता त्राहिमाम कर रही है और थाना कुंभकर्णी नींद में सोया है। लोजद नेता ने कहा कि अपराध बढ़ रहे है और थानाध्यक्ष थाना में कुर्सी में संभाले बैठे है।  ऐसे थानाध्यक्ष का तबादला जरूरी है। लोजद नेता प्रवीण आनंद ने कहा कि बिहार में सुशासन के थानेदार नोट कमाने में व्यस्त है।युवती के साथ इतनी बड़ी घटना हो जाती है और थानाध्यक्ष को पता तक नही चलता है जो बेहद ही शर्मनाक बात है।
इस बाबत बख्तियारपुर थानाध्यक्ष ने बताया कि लड़की की साथ रेप की घटना की कोई जानकारी मुझे नही है। ना ही अस्पताल के द्वारा बताया गया है। जबकि इसी थाना में पदस्थापित एएसआई  अम्बिका शर्मा अस्पताल में पीड़ित लड़की से पूछताछ भी किया। लड़की के साथ रेप की घटना की  जानकारी अस्पताल से ही थानाध्यक्ष को दिया। इसके बावजूद थानाध्यक्ष कहे कि घटना की जानकारी नही तो इस बड़ा संवेदहीनता और क्या होगा। 

शुक्रवार, 14 दिसंबर 2018

कोसी वासियों के लिये खुशखबरी, इस दिन से आमलोगों के लिये चालू होगा डुमरी पूल

अब आमलोगों के लिये इस दिन से चालू हो रहा है डुमरी पूल, मंत्री करेंगे  पूल पर परिचालन का उदघाटन
कोशी बिहार टुडे


फरकिया व कोसी इलाके का बहुचर्चित बीपी मंडल सेतु यानी डुमरी पुल बनकर तैयार है। अब रंग-रोगन का काम चल रहा है। पूल का  उदघाटन सूबे के पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव आगामी वुधवार को उदघाटन करेंगे। बता दें कि कोसी व बागमती नदी के संगम स्थल पर बने बीपी मंडल सेतु पर पिछले आठ वषोंर् से अधिक समय से भारी वाहनों का परिचालन बंद है। यह पुल एनएच 107 पर बेलदौर प्रखंड के उसराहा व चौथम प्रखंड के सोनवर्षा घाट के बीच है। यह पुल कोसी क्षेत्र एवं उत्तर बिहार को देश की राजधानी से जोड़ता है। इस कारण इस पुल की महत्ता का साफ अंदाजा लगाया जा सकता है।
50 करोड़ से बनकर तैयार है केबुल ब्रिज: डुमरी पुल का क्षतिग्रस्त 290 मीटर पर केबुल स्टे ब्रिज बनकर तैयार है। 50 करोड़ की लागत से एसपी सिंगला कंपनी द्वारा केबुल ब्रिज का निर्माण कार्य पूरा किया जा सका है।  पांच दिसम्बर को ही पुल के जीणार्ेद्घार का कार्य पूरा कर लिया गया। इस कारण पांच दिसम्बर को ही एसपी सिंगला कंपनी द्वारा सारा सामान पुल से हटा लिया गया। हालांकि अभी पुल के पुराने भाग के मरम्मत का कार्य 74 लाख की लागत से किया जा रहा है। इसके तहत पुल पर सड़क की मरम्मत और रंग-रोगण् का कार्य किया जा रहा है।

गुरुवार, 13 दिसंबर 2018

सूबे के 1140 प्राथमिक विद्यालय होंगे बंद, विभाग एव शिक्षक की लापरवाही के कारण बन्द हो रहा है विद्यालय

कोशी बिहार टुडे, सहरसा

राज्य में 40 से कम छात्र वाले 1140 प्राथमिक विद्यालयों को बंद कर दिया जाएगा। इसमें पढ़ रहे बच्चों और शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में शिफ्ट किया जायेगा।
शिक्षकों पर फोड़ा ठीकरा---
विभागीय अधिकारी कम छात्रों का ठीकरा शिक्षकों के माथे फोड़ रहे हैं। उनका दावा है कि शिक्षकों की लापरवाही की वजह से स्कूलों में बच्चे नहीं पहुंच रहे हैं। इन शिक्षकों का अपने-अपने विद्यालय क्षेत्रों में जाकर अभिभावकों को जागरूक करने का जिम्मा है ताकि हर घर से बच्चे स्कूल पहुंचे।
13 स्कूलों में एक भी बच्चा नहीं---
सूबे में कुल 13 ऐसे विद्यालय हैं जिसमें बच्चों का नामांकन शून्य है। इसके अलावा 171 स्कूलों में 1-20 तक ही बच्चों की संख्या है। 336 स्कूलों में 21-30 बच्चों की संख्या है। 620 स्कूलों में 31-39 तक बच्चों की संख्या है।

क्या है नियम---
यू-डायस 2017-18 की रिपोर्ट के आधार पर यह पता चला कि भागलपुर सहित प्रदेश के अन्य जिलों के प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों की संख्या 40 से कम है। जबकि बच्चों की मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा नियमावली 2011 के मुताबिक उन्हीं जगहों पर प्राथमिक विद्यालय खोले जायेंगे जहां 6-14 आयुवर्ग के बच्चों की संख्या कम से कम 40 हो।

विद्यालय परीक्षा समिति, विभाग व शिक्षक तीनों जवाबदेह---
 स्कूलों में बच्चों की संख्या कम होने के लिए विद्यालय परीक्षा समिति, विभाग और शिक्षक तीनों जवाबदेह है। छात्र के अनुपात पर शिक्षकों की बहाली होती है। प्राथमिक विद्यालय में छह शिक्षक पर 150 के करीब छात्र होने चाहिए। इसके लिए तीनों को अपने-अपने स्तर से इलाके में जाकर अभिभावकों को जागरूक करना चाहिए। 

सहरसा से राजधानी पटना एव दरभंगा की दूरी हुई कम, गंडोल-बिरौल पथ में तेजी से चल रहा है कार्य

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मिथलांचल को जोड़ने वाली इस सड़क का करेंगे उदघाटन
कोशी बिहार टुडे


सहरसा के बलुआहा घाट से होते गंडौल-बिरौल उच्चस्तरीय सड़क का निर्माण कार्य जनवरी 2019 में पूरा हो जायेगा। इसके पूरा होते ही इस रूट से दरभंगा सहित पटना की दूरी कम हो जायेगी।
कोसी नदी पर बने उच्चस्तरीय बलुआहा पुल होकर कोसी को मिथिलांचल दरभंगा से सीधे सड़क मार्ग से जोड़ने वाली निर्माणाधीन गंडौल-बिरौल सड़क का निर्माण कार्य जोरों पर है। इस सड़क के बनने से लाखों की आबादी को फायदा मिलेगा। इस सड़क का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा दिसंबर में किये जाने की उम्मीद है। 
सीएम के उद्घाटन को लेकर निर्माण कंपनी के इंजीनियर व कर्मी युद्धस्तर पर कार्य कर रहे हैं। सड़क पूरा होते ही दो जिले यानी दरभंगा और सहरसा आपस में सड़क मार्ग से जुड़ेंगे इसके अलावा सुपौल, पूर्णिया, कटिहार, अररिया, किशनगंज जिले के सुदूर भाग का संपर्क मार्ग की दूरी भी कम हो जायेगी। सड़क निर्माण कार्य अभी पूर्ण हुआ नहीं और इसके बाद भी निर्माणाधीन सड़क से होकर दरभंगा आदि शहरों के लिए प्रतिदिन सैकड़ों बड़े वाहनों का आना-जाना जारी है। 
लगभग एक किलो मीटर सड़क पर कार्य जारी है। लेकिन मिट्टी में नमी होने के कारण निर्माण कार्य में कठिनाई उत्पन्न हो रही है। कंपनी के अभियंताओं को मिट्टी की नमी को सुखाने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। बलुआहा के समीप कोसी पर बने दो किमी उच्चस्तरीय पुल निर्माण के बाद से पश्चिमी कोसी तटबंध के गंडौल तक सुगम रूप से आवागमन सुलभ हो गया। लेकिन सड़क व पुल के अभाव में दरभंगा तक का सफर काफी कठिन था। इस कारण बलुआहा पुल से सीधे सड़क मार्ग से कोसी को दरभंगा से जोड़ने के लिए गंडौल-बिरौल सड़क का निर्माण कार्य शुरू करवाया गया।
दो-दो बार बढ़ाई गई समय सीमा, संवेदक पर जुर्माना : सड़क निर्माण के लिए विभाग द्वारा दो-दो बार समय सीमा बढ़ाई जा चुकी है। वर्ष 2016 में कार्य समाप्त होना था लेकिन कार्य पूरा नहीं होने पर वर्ष 2017 और फिर वर्ष 2018 में सड़क निर्माण कार्य पूरा करने समय सीमा निर्धारित की गई। निर्माण एजेंसी गैमन इंडिया द्वारा समय सीमा पर सड़क निर्माण पूरा नहीं किये जाने से 1.15 करोड़ का जुर्माना भी विभाग द्वारा लगाया चुका है।
श्रोत-हिंदुस्तान

सोमवार, 10 दिसंबर 2018

दिवगंत राजद के पूर्व बरिष्ट मंत्री का मना जन्मदिन, लोगो ने इनके अच्छे कार्यो का किया प्रशंसा

सहरसा जिला के गाँधीपथ ने लोगो ने श्रद्धापूर्वक किया याद
कोशी बिहार टुडे


सहरसा जिले के गांधी पथ स्थित तैलिक साहु वैश्य भवन में सोमवार को वैश्य समाज के द्वारा बिहार सरकार के पूर्व मंत्री एवं वैश्य समाज के पुरोधा स्व. शंकर प्रसाद टेकरीवाल के 89 वां जयंती समारोह गोष्ठी आयोजित कर मनायी गयी।
 जयंती समारोह में उपस्थित वैश्य समाज उनके तस्वीर पर माल्यर्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित किया, और सबों ने एक स्वर से वैश्य समाज के उत्थान और आपसी एकजुटता का संकल्प लिया। वैश्य समाज सहरसा के जिलाअध्यक्ष मोहन प्रसाद साह की अध्यक्षता एवं प्रवक्ता राजीव रंजन साह के सफल संचालन में चली जयंती समारोह को संबोधित करते हुए जिलाअध्यक्ष ने कहा कि स्व. टेकरीवाल की राजनीतिक यात्रा जनसंघ से शुरू होकर समाजवादी विचार पर आकर स्थिर हो गया। उनकी नजर में वैश्य समाज सहित सभी जातियों के प्रति एकरूपता व समानता का भाव बनी रही।
 उन्होंने कहा कि उनके आदर्श व विचार आज भी वैश्य समाज के लिए अनुकरणीय है। इस अवसर जदयू नेता सह वैश्य समाज के उपाध्यक्ष देवेन्द्र कुमार देव ने कहा कि स्व. टेकरीवाल व उनके पुरखों के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। खासकर शिक्षा के क्षेत्र मे उनके किए गए कार्य को आने वाली जितनी भी पीढी याद रखेगी ।


 वैश्य समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष अर्जुन चौधरी ने कहा कि अपने पूर्वजों व महापुरूषों की जयंती हम सबों को आपसी एकजुटता और सामाजिक विकास की प्रेरणा प्रदान करती है।
इस मौके पर पूर्व वार्ड पार्षद सुबोध साह, कृष्ण मोहन चौधरी, जिला महामंत्री संजय कुमार, युवाध्यक्ष अजित कुमार अजय, मीडिया प्रभारी नीरज राम, फुलेश्वर साह, रंजीत बबलू, रंजीत चौधरी, मनोज मिलन, देव नारायण चौधरी, अरूण जायसवाल, शांति प्रसाद साह, भैरव साह, सत्यनारायण साह, रूपेश कुमार, रामनाथ साह, किशोर साह, सुनील सूर्या, बिनोद साह, उपेन्द्र नारायण गुप्ता, पुलकित साह, राजेन्द्र प्रसाद साह, इंदु साह, दिनेश साह एवं आलोक कुमार, सुरेंद्र साह , रोशन कुमार, अरिवंद साह ,अनुरूदध साह , आदि ने भी संबोधित करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किया।  जबकि धन्यवाद ज्ञापित करते हुए प्रवक्ता राजीव रंजन साह ने कहा कि वैश्य समाज के युवाओं को सामाजिक कायों में बढ-चढकर हिस्सा लेना चाहिए। संगठन को मजबूती प्रदान करने के लिए आपसी मनभेद को भूला देना चाहिए।

रविवार, 9 दिसंबर 2018

सिमरी बख्तियारपुर वासियो को तोहफा, बनेगा बिजली डिवीजन, ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र यादव ने किया घोषणा

विद्युत सब स्टेशन के पास उपलब्ध 3 एकड़ जमीन पर बनेगा डिवीजन, कई भवन का भी होगा निर्माण: मंत्री दिनेशचंद्र यादव
कोशी बिहार टुडे

आपदा मंत्री दिनेश चंद्र यादव के अनुरोध पर किया घोषणा
भास्कर न्यूज सिमरी बख्तियारपुर, सहरसा
सिमरी बख्तियारपुर विद्युत सब स्टेशन अब बिजली डिवीजन बनेगा। सूबे के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने घोषणा किया। श्री यादव सलखुआ प्रखंड के तटबन्ध के समीप उटेशर गांव के समीप सुधा प्रोडक्ट का दूध शीतल केंद्र का उद्घाटन के बाद आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कहा। श्री यादव से बिहार सरकार के आपदा मंत्री दिनेशचंद्र यादव ने अनुरोध किया था कि सिमरी बख्तियारपुर विद्युत सब स्टेशन के पास तीन एकड़ जमीन उपलब्ध है। यह पहले से ही विधुत सब स्टेशन है। यह पर बिजली डिवीजन बनाया जाए। मंत्री के अनुरोध पर ऊर्जा मंत्री ने ये घोषणा किया।

 सलखुआ के उटेशरा में स्थापित दूध शीतल केंद्र के उद्घाटन के उपरांत मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि कोसी इलाका दूध का बहुत बड़ा उत्पादक क्षेत्र है। यह कि दूध की क्वालिटी बिहार के सभी जगहों से अच्छा है। मंत्री ने किसान से अनुरोध किया कि अच्छा नश्ल का दुधारू पशु पाले। दुधारू पशु को सुधा दाना के अलावे हरा चारा जरूर दे ताकि दूध का उत्पादन अच्छा हो। मंत्री ने कहा कि बिहार किसान का राज्य है। यह 11 प्रतिशत लोग शहर में एव 79 प्रतिशत लोग गांव में रहता है। हमारे मुख्यमंत्री ने कृषि रोडमैप बनाया, ताकि कृषि पर आधारित उधोग लगाया जाये। मंत्री ने कहा कि एक सर्वेक्षण में आया कि खगरिया में दुनिया का सबसे ज्यादा मक्का का उत्पादन होता है। मक्के से पशु का चारा बनता है जो दूध बढ़ाने में सहायक होता है। उनके अलावे बांस का पत्ता भी बहुत उपयोगी है। किसान गोबर गैस का प्लांट लगाए। बेगूसराय बिहार का एक ऐसा जिला है जहाँ घर घर कम से कम 4-5 गाय लोग पालते है। इससे उनकी आर्थिक उन्नति भी होती है।

बिहार सरकार के आपदा मंत्री दिनेशचंद्र यादव ने कहा कि इस इलाके में दूध की कमी नही है। पहले किसान अपना इलाके का दूध धमराघाट में जमा करता था। तब वहां से सहरसा, सुपौल, मधेपुरा एव खगरिया जाता था। मंत्री ने कहा कि हम पूर्व में सहरसा में दूध प्लांट लगाने का प्रयास किया लेकिन अधिकारी के द्वारा रुचि नही लेने के कारण ये सफल नही हो सका। पहले लोग दूध बांस की बहंगी पर दूध लाता था। मंत्री ने कहा कि मानसी से हरदी चौघरा तक सड़क बनेगी। इसने कोसी, बागमती सहित चार बड़ी पूल एव 5 प्लाय ओवर बनेगा। जिसमें फेंसहा ढाला  पर भी प्लाय ओवर बनेगा। इससे दूध उत्पादन करने  वाले किसान सहित आम लोगो को भी लाभ मिलेगा। मंत्री ने कहा कि कोसी तटबन्ध के अंदर अलानी, कठडूमर एव ऐना में पावर सब स्टेशन बनेगा। इन तीनो स्टेशन से माठा ग्रिड से बिजली जायेगी। मंत्री ने कहा कि सहरसा जिला में ढाई लाख उपभोक्ता है। जिसमे अकेले सिमरी बख्तियारपुर में 1 लाख 10 हजार बिजली उपभोक्ता है। इसीलिये सिमरी बख्तियारपुर में बिजली डिवीजन की जरूरत है।

कोसी दूध उत्पादक सहकारी समिति लिमिटेड के एमडी श्री ओमप्रकाश राय ने कहा कि कोसी का दूध में पोषण मात्रा अधिक होती है। इस बार कोशी तटबन्ध के अंदर से नाव के द्वारा भी समय पर दूध मंगाने के लिये बेहतर प्रयास किया जा रहा है। इस मौके पर पूर्व विधयाक डॉ अरुण कुमार, कोसी दूध उत्पादन समिति सुपौल के अध्यक्ष दीप नारायण यादव, एसडीओ अरविंद कुमार, डीएसपी मृदुला कुमारी आदि मौजूद थी। 

बुधवार, 5 दिसंबर 2018

जानिये सहरसा के सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड में कितने लोगों को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का मिलेगा लाभ

सिमरी बख्तियारपुर में प्रधानमंत्री हेल्थ कार्ड बनना हुआ प्रारम्भ
एक साल में 5 लाख तक का इलाज मुफ्त करा सकते है लोग
कोशी बिहार टुडे

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड में 1 लाख 33 हजार लोगों का हेल्थ कार्ड बनेगा। 2011 की जनगणना को  इस स्कीम ला लाभ लेने वाले लोगो की सूची बनाई है। सिमरी बख्तियारपुर में कुल जनसंख्या 3 लाख 26 हजार  है। जो सूची उपलब्ध है। कोई भी व्यक्ति अपना नाम की जांच अस्पताल या बसुधा केंद्र पर जाकर कर सकता है। कोई भी लाभार्थी अपना राशन कार्ड लेकर केंद्र पर जाए एव अपना नाम का पता कर की इस योजना में उनका नाम लिस्ट में है या नही। 
 प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का कार्ड बनबाने के लिये लाभुक को राशनकार्ड, आधारकार्ड, पहचानपत्र एव फोटो लेकर केंद्र पर आना पड़ेगा। पहले अपना नाम का पता कर ले। सरकार के द्वारा भेजी सूची में अगर आपका नाम है तो ही आपका कार्ड बनेगा। अनुमंडलीय अस्पताल सिमरी बख्तियारपुर के दूसरी मंजिल के कम्प्यूटर कक्ष में अशिवनी कुमार, मो सफदर आलम एव प्रमोद कुमार के द्वारा कार्ड बनबाया जायेगा। मो सफदर आलम में बताया कि अभी तक 10 लाभार्थी का रजिस्ट्रेशन हुआ है।  दो व्यक्ति का कार्ड बना है। चार को स्वीकृति के लिये भेजा गया है। चार लाभिक का सरकार के पास मौजूद आईडी से मिलान नही होने के कारण वापस कर दिया है।

रविवार, 2 दिसंबर 2018

डुमरी पूल में चार पहिया एव भारी वाहन का परिचालन का इंतजआर खत्म, उस तिथि से होगा परिचालन

विगत 8 वर्ष से कोशी सहित उत्तर बिहार के लोगो का कटा था संपर्क
डुमरी पूल का मुख्यमंत्री करेंगे उद्घाटन, 16 दिसंबर के बाद कभी हो सकती है तिथि निर्धारित
कोशी बिहार टुडे, सहरसा

कोसी क्षेत्र सहित उत्तर बिहार को जोड़ने वाली बीपी मंडल डुमरी पुल पर परिचालन 16 दिसंबर के बाद ही हो पायेगा। चूंकि डुमरी पूल का परिचालन का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे। हालांकि डुमरी पूल पर चल रहे निर्माण कार्य लगभग समाप्त हो चुका है।
लगातार परिचालन की तिथि बदलने से लोगो मे व्याप्त है असंतोष---
 हाल यह है कि चार पहिया या भारी वाहनों के परिचालन की तिथि लगातार बदली जा रही है। जिस कारण कोसी सहित क्षेत्रवासियों में गुस्सा व्याप्त है। पुल पर चारपहिया वाहनों के परिचालन नहीं होने से क्षेत्र के लाखों लोंगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अभी हालात यह है कि डुमरी पुल के क्षतिग्रस्त भागों के जीणार्ेद्घार का काम 5 दिसम्बर के अंदर समाप्त हो जाएगा।

लेकिन पुल पर वाहनों का परिचालन कब शुरू होगा इसका जवाब किसी भी अधिकारियों के पास नहीं है। पुल का जीणार्ेद्घार कर रहे एसपी सिंगला कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर के के रंजन का कहना है कि उनका पुल बनाना काम है। चालू कब होगा इसके बारे में जिला प्रशासन के अधिकारी या एनएच के अधिकारी ही बता सकते हैं।

अंतिम चरण में है जीणार्ेद्घार का काम: डुमरी पुल के जीणार्ेद्घार का कार्य एसपी सिंगला कंपनी द्वारा पचास करोड़ की लागत से किया जा रहा है। जिसमें डुमरी पुल के क्षतिग्रस्त आठ पाया को तोड़कर दो नए पाया का निर्माण किया गया है। जबकि चार पायलन का भी निर्माण किया गया है। चारों पायलन 56 केबल लगाया गया है। इसी केबल पर पुल का सारा भार है। बताया जाता है पुल के जीणार्ेद्घार का कार्य लगभग कार्य पूरा कर लिया गया है। बस अभी डेंटिंग एवं पेंटिंग का कार्य बचा हुआ है। सूत्रों का कहना है कि 5 दिसंबर तक पुराना कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
पुल चालू कराने को लेकर हो चुकी है राजनीति: हालांकि पुल चालू कराने को लेकर राजनीति भी हो चुकी है। पूर्व में गत 19 नवम्बर को स्थानीय विधायक द्वारा पुल पर चार चक्के वाहनों का परिचालन कराया गया था। हालांकि तीन घंटे के अंदर ही पुल पर परिचालन बंद कर दिया गया। इसके बाद एक बार फिर 20 नवम्बर को केंद्रीय मंत्री मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा को पुल से पार कराया गया। इसके बाद फिर 20 नवम्बर की ही शाम को स्थानीय जदयू कार्यकर्ताओं द्वारा जबरन पुल पर अवरोधक को हटाकर सहरसा जा रही कुछ वीआईपी गाड़ियां पार कराई गईं।एनएच के कार्यपालक अभियंता उमाशंकर प्रसाद ने कहा जल्द ही पुल पर भारी वाहनों का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा। डीएम से बात की जा रही है।

बेलदौर विद्यालय पन्नालाल पटेल ने कहा कि डुमरी पूल का उद्घाटन सीएम नीतीश कुमार करेंगें। अभी तिथि निर्धारित नही किया है। उम्मीद किया जा रहा है कि 16 दिसंबर के बाद कभी भी उद्घाटन का समय निर्धारित हो सकता है।
खगरिया डीएम अनुरुद्ध कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री के द्वारा उद्घाटन किया जायेगा। अभी तिथि निर्धारित नही हुआ है। 

शनिवार, 1 दिसंबर 2018

उच्च विद्यालय सिमरी बख्तियारपुर में विहिप एव बजरंगदल का धर्मसभा रविवार को, सुरक्षा का पुख्ता व्यवस्था


पूरा कार्यक्रम सीसीटीवी कैमरा की निगरानी में करने का निर्देश, देर संध्या निकली रैली

कोशी बिहार टुडे, सहरसा


सिमरी बख़्तियारपुर अंतर्गत उच्च विद्यालय के मैदान पर आयोजित  विराट धर्म सभा का आयोजन को लेकर तैयारी पूरी कर लिया गया है। इस आयोजन को  लेकर प्रशासनिक तैयारियां पूरी कर ली गई है। कार्यक्रम को लेकर हाई स्कूल मैदान में पंडाल सज चुके है। अनुमंडल पदाधिकारी अरविंद कुमार ने आठ शर्तो के साथ धर्मसभा करने की अनुमति दे दिया है। दिए गए शर्तो में एसडीओ ने कहा है कि आयोजन स्थल पर सीसीटीवी से निगरानी एवं वीडियोग्राफी करना अति आवश्यक है। महिला एवं पुरुषों के लिए अलग - अलग बैरिकेटिंग की व्यवस्था, ध्वनि विस्तारक अधिनियम का पालन करना अनिवार्य कर दिया है। इसके अलावे कार्यक्रम में किसी भी प्रकार का ऐसा उदबोधन नही होगा जिससे किसी भी धार्मिक भावना को ठेस पहुंचे। कार्यक्रम को लेकर अनुमंडल पदाधिकारी ने प्रखंड सांख्यिकी पर्यवेक्षक पंकज कुमार मिश्र को दंडाधिकारी के रूप प्रतिनियुक्त किया गया है।।अंचल अधिकारी धर्मदेव चौधरी एवं बख्तियारपुर थानाध्यक्ष रणवीर कुमार को विधि - व्यवस्था के तहत वरीय प्रभार में रहेंगे।इसके साथ - साथ विभिन्न थानों के थानाध्यक्ष भी आयोजन स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सजग रहेंगे। कार्यक्रम से जुड़े खगेश कुमार ने बताया कि विराट धर्म सभा में पूरे कोसी इलाके से रामभक्त सम्मिलित होंगे। साथ ही देश के विभिन्न इलाको के साधु - संत भी शामिल होंगे। वही राजवीर सिंह ने बताया कि कार्यक्रम को लेकर प्रचार प्रसार का दौर अंतिम चरण में है। इस मौके पर रोशन राज बादशाह, रितेशवीर जायसवाल, शास्त्री, पंकज यादव, आशीष कुमार, सिंपल चौरसिया, सुमित भगत, रिक्की जैसवाल, राज चौरसिया, सनोज, प्रवीण सहित अन्य कार्यक्रम को सफल बनाने में जुटे है। 

बड़े काम की है पपीते के पत्ते, इनके फायदा जानकर हैरान हो जाएंगे आप

बड़ी से बड़ी बीमारी का इलाज हैैं पपीते के पत्ते, ये 5 फायदे जानते ही कर लेंगे डाइट में शामिल

कोशी बिहार टुडे, सहरसा


आज तक आपने पपीता खाने के तमाम फायदे सुने होंगे, पर क्या आपने पपीते के पत्तों के जूस के बारे में कभी सुना है या कभी पीया है। अगर पीया है तो अच्छी बात है अगर नहीं तो आज से पीना शुरू कर दें, क्योंकि यह हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। नियमित तौर पर इसको पीने से आप कई बड़ी बीमारियों को मात दे सकते हैं। आइए जानते हैं इससे होने वाले फायदों के बारे में।
खून की कमी दूर करे---
पपीते का जूस किसी औषधि से कम नहीं है। आयुर्वेद में भी इसके कई फायदे बताए गये हैं। अगर किसी की ब्लड प्लेटलेट्स कम हो रही हैं तो उसके लिए ये रामबाण इलाज है। इसके लिए उन्हें बस रोजाना इसके जूस को दो चम्मच लगभग तीन महीने तक पीना होगा।
डेंगू में बरदान---
डेंगू और मलेरिया के पेशेंट्स के लिए पपीते के पत्ते किसी वरदान से कम नहीं। अगर किसी को डेंगू या मलेरिया हुआ हो तो इसके लिए भी पपीते के पत्तों का जूस काफी फायदेमंद होता है। यह बुखार में लगातार गिर रही प्लेटलेट्स को मेंटेन करने के साथ-साथ शरीर में कमजोरी को बढ़ने से रोकता है।
कैंसर सेल को बढ़ने से रोके---
कैंसर के पेशेंट्स को पपीते के पत्तों का रस जरूर पीना चाहिए। इसमें कैंसररोधी गुण होते हैं जो कैंसर के सेल्स को बनने से रोकते हैं। इसके अलावा यह इम्यूनिटी को बढ़ाने में भी मदद करते हैं।
पीरियड्स के दर्द को दूर करे---
कुछ लड़कियों और महिलाओं को पीरियड्स के दौरान असहनीय दर्द होता है। पपीते के पत्ते आपको इससे भी निजात दिलाने में मदद करते हैं। इसके लिए पपीते के पत्तों को इमली, नमक और 1 ग्लास पानी के साथ मिलाकर काढ़ा बना लें। जब यह थोड़ा नार्मल हो जाए तब इसे पी लें। आपको आराम मिलेगा।
इन्फ़ेक्सन को दूर रखे---
पपीते के पत्ते का जूस आपकी इम्यूनिटी को बढ़ाने में मददगार है। इसके जूस को रोजाना पीने से शरीर में बैक्टीरिया की ग्रोथ को रोका जा सकता है। इसके अलावा यह खून में वाइट ब्लड सेल्स को बढ़ाने में भी मदद करता है।

पूर्व विधायक के प्रयास से हजारों हेक्टर खेत में जमा पानी से किसान को मिलेगी मुक्ति

  कोपरिया स्लुइस गेट का जलकुंभी साफ करने के लिए निजी कोष से दिया गया धन  सिमरी बख्तियारपुर से पानी की बिक्री ही नहीं बल्कि महिषी खंड के लोगो...