सहरसा जिले के सलखुआ प्रखंड के कोसी तटबन्ध के अंदर कोसी नदी में पूल की मांग को लेकर किया जा रहा है उपवास
कोशी बिहार टुडे, सहरसा
बिहार के सहरसा जिले के सलखुआ में डेंगराही पुल निर्माण को लेकर एक बार फिर आंदोलन शुरू हो चुका है. हालांकि, इस बार का आंदोलन अनशन ना हो कर उपवास है. बताया जाता है कि शुक्रवार सुबह से एक युवक ने अचानक उपवास शुरू कर दिया है. इसके बाद पूरे इलाके में चर्चाओं का बाजार गर्म है.
सहरसा से पैदल पहुंचा डेंगराही
शुक्रवार सुबह से सलखुआ प्रखंड अंतर्गत डेंगराही घाट पर उपवास शुरू करनेवाले युवक का नाम भूषण कुमार है. भूषण कुमार मूल रूप से सलखुआ अंतर्गत कबीरा का रहनेवाला है. लेकिन, बीते डेढ़ साल से सहरसा में रह नौकरी कर जीवन यापन कर रहा है. बताया जाता है कि गुरुवार देर रात्रि 11 बजे के करीब भूषण कुमार सहरसा से धोती पहन पैदल चल दो बजे डेंगराही पहुंचा और सुबह सवेरे डेंगराही पुल निर्माण सहित अन्य मांगों को लेकर डेंगराही घाट पर उपवास शुरू कर दिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कर रहा पूजा
डेंगराही घाट पर शुक्रवार सुबह से उपवास पर बैठ चुका भूषण कुमार देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भगवान मानता है. इसलिए उपवास शुरू करने से पहले युवक ने उपवास स्थल के निकट एक बड़ी-सी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगा कर पूजा की और उसके बाद उसने उपवास की शुरुआत की. भूषण के मुताबिक, वह प्रधानमंत्री मोदी को भगवान और खुद को भक्त मानता है. उसने अपने भगवान को अपने उपवास रूपी तपस्या से खुश कर वरदान मांगने की चाह में उपवास शुरू किया है. वह 'ओम नमो नरेंद्राय नमः' का जाप भी कर रहा है.
भगवान से मांगे तीन वरदान
भूषण कुमार ने अपने भगवान नरेंद्र दामोदर दास मोदी से तीन वरदान की मांग की है. भूषण कुमार ने भगवान नमो से पहला वरदान डेंगराही पुल निर्माण का मांगा है. उसने पोस्टर में लिखा है कि भारत के सबसे कम समय में बननेवाले पुल के निर्माण की शुरुआत डेंगराही घाट से हो. साथ ही फरकिया क्षेत्र का सर्वांगीण विकास हो. वही, दूसरा वरदान एम्स के निर्माण का मांगा है. उसने लिखा है कि बिहार के दूसरे एम्स के निर्माण का कार्य सहरसा में प्रारंभ हो.
तीसरा वरदान सबसे रोचक
उपवास पर बैठे भूषण कुमार ने अपने भगवान से तीन वरदान की मांग की है. पहले वरदान में डेंगराही तो दूसरे में एम्स निर्माण की मांग है. लेकिन, तीसरा वरदान जो मांगा है, वह सबसे रोचक है. भूषण ने तीसरे वरदान में लिखा है कि विश्व के जिस भी देश में पर्याप्त वन नहीं है. वहां पर्याप्त मात्रा में वन हो और उस वन की रक्षा उसी तरह हो, जिस तरह वहां की सेना उस देश की रक्षा करती है.
तपस्या में मौत मिली, तो अंग करेगा दान
भूषण कुमार ने उपवास स्थल पर लगाये तस्वीर में लिखा है कि अगर मेरी तपस्या में कमी के कारण भगवान से वरदान प्राप्त करने से पहले मेरा अंत हो जाये, तो मेरे शरीर के सारे उपयोगी अंग को बाहर कर जरूरतमंद को दान कर दें और हमारी लाश को तब तक रखें, जब तक हमारी प्रार्थना हमारे ईश्वर तक ना पहुंच जाये. मैं भूषण कुमार भारत के सभी भाई-बहनों से प्रार्थना करता हूं कि हमारा संदेश ईश्वर तक जिस भी माध्यम से पहुंचाने की कृपा करें.
मां का रो-रो कर बुरा हाल
सलखुआ प्रखंड अंतर्गत कबीरा गांव निवासी शिवनंदन साह का पुत्र भूषण कुमार अपने चार भाइयो में माता-पिता का सबसे लाडला है. भूषण के पिता कई वर्ष पूर्व नवादा में नौकरी करते थे. वहीं पर शिवनंदन साह ने अपने चार बच्चों को शिक्षा-दीक्षा दिलायी. पढ़ाई के उपरांत भूषण झारखंड के टाटा में नौकरी करने चला गया. लगभग डेढ़ साल पूर्व वह टाटा से सहरसा लौटा और घर जाने के बजाय सहरसा में ही रहने लगा. बीते डेढ़ सालों में कई बार भूषण के माता-पिता ने भूषण को घर लाने का प्रयास किया, परंतु हर बार निराशा हाथ लगी. वहीं, अचानक गुरुवार रात भूषण सहरसा से पैदल डेंगराही आ गया और शुक्रवार सुबह से उपवास शुरू कर दिया. शुक्रवार सुबह जब ग्रामीणों की नजर भूषण पर पड़ी, तो बेटे के अनशन करने की सूचना भूषण के मां-बाप तक पहुंची. इसके बाद भूषण की मां और बड़ी मां डेंगराही पहुंच बच्चे को अनशन तोड़ने के लिए रो-रो कर मनाती रही, परंतु भूषण उपवास तोड़ने को तैयार नहीं है.
कहा- भक्त कर रहा ईश्वर की प्रार्थना
प्रधानमंत्री का भक्त बतानेवाले भूषण कुमार ने कहा है कि 'भक्त ईश्वर की प्रार्थना कर रहा है. यह उपवास तब तक जारी रहेगा] जब तक वरदान पूर्ण नहीं हो जाता। आभार-प्रभात खबर